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लघु उद्योग भारती का राष्ट्रीय अधिवेशन 22 एवं 23 अगस्त को रेशिमबाग, नागपुर में सम्पन्न हुआ। अधिवेशन में सम्पूर्ण देश से 682 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अधिवेशन में केन्द्रीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार ढांचागत सुविधाओं को विकसित कर रही है ताकि लघु उद्योगों को मूलभूत सुविधाएं मिल सकें। मुख्य वक्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, उत्तर क्षेत्र के संघचालक डॉ़ बजरंगलाल गुप्त ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय से मध्यम को हटा कर केवल सूक्ष्म एवं लघु मंत्रालय किया जाए जिससे सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को गति मिल सके। सूक्ष्म एवं लघु उद्योग शिशु की तरह होते हैं जिन्हें सरकार द्वारा दुलारने की जरूरत है, न कि प्रताडि़त करने की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस ने लघु उद्योगों को विशेष छूट दिए जाने की घोषणा की एवं उपस्थित सभी प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे महाराष्ट्र में आकर उद्योग लगाएं।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री कलराज मिश्र ने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे शीघ्र ही केंद्र की तर्ज पर राज्य में भी लघु उद्योग मंत्रालय का गठन करें। अधिवेशन में श्री ओमप्रकाश मित्तल को लघु उद्योग भारती का अध्यक्ष, श्री जितेंद्र गुप्ता को महामंत्री, डॉ. अजय नारंग को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, श्री सुधीर दाते को राष्ट्रीय सचिव और श्री उल्लास वैद्य को कार्यकारिणी सदस्य मनोनीत किया गया। ल्ल प्रतिनिधि
'वायदा निभाओ, वरना आन्दोलन झेलो'
जयपुर में 30 अगस्त को राज्य सरकार को अपना वायदा याद दिलाने के लिए हिन्दू समाज पुन: सड़कांे पर उतरा। बता दें कि जयपुर में मेट्रो मार्ग के निर्माण और सौन्दर्यीकरण के बहाने अनेक प्राचीन मन्दिरों को तोड़ दिया गया है। इसका विरोध वहां का हिन्दू समाज पिछले कई माह से कर रहा है।
पिछले दिनों सरकार ने इन मन्दिरों के पुनर्निर्माण का वायदा किया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय मंत्री श्री कोटेश्वर ने कहा कि यदि सरकार ने अपना वायदा समय पर पूरा नहीं किया तो आन्दोलन और तेज होगा। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में बिना विध्वंस के मेट्रो चलाई जा सकती है, तो जयपुर शहर में इतना विनाश क्यांे? कार्यक्रम को रेवासापीठाधीश्वर डॉ. राघवाचार्य जी महाराज ने भी सम्बोधित किया। वहीं मंदिर संरक्षण समिति के कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने आपस में रक्षा सूत्र बांध कर सभी मंदिरों को पुन: उनके स्थानों पर स्थापित करने का संकल्प लिया।
जयपुर में यह सबसे बड़ा और अनोखा रक्षाबंधन उत्सव कार्यक्रम हुआ। ल्ल प्रतिनिधि
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