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धरने पर बैठे राज्य भाजपा के नेता
राज्यपाल से की सीबीआई जांच की मांग
देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों विरोधी पत्रकारों को प्रताडि़त करने का काम जारी है जो सरकार के विरोध में काम करता है उस पर सरकार की कुदृष्टि पड़ जाती है। इसका ज्वलंत उदाहरण वरिष्ठ पत्रकार अशोक पांडे हैं, जो कई समूहों में वरिष्ठ पदों पर रह चुके है। वे इन दिनों उत्तराखंड सरकार के निशाने पर हैं। श्री पांडे ने पिछले दिनों सरकार के कारनामों की पोल खोलते हुए मुख्यमंत्री के सचिव मोहम्मद शाहिद पर स्टिंग ऑपरेशन कर उनके कारनामों की पोल खोली थी। इसका उन्हें यह खामियाजा उठाना पड़ा एक तो उनका भवन तोड़ दिया गया और दूसरा उन पर मामले दर्ज करवा दिए गए। पांडे ने चकराता रोड पर एक भवन का निर्माण कई वर्ष पूर्व शुरू किया था जिसका नक्शा दिसंबर, 2011 तक पास था। उन्हें जनवरी, 2012 में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण से एक नोटिस मिला था जिसमें कहा गया था कि आपका भवन कुछ ज्यादा बन गया है, जो शमन योग्य है इसके साक्ष्य देकर मामले को निस्तारित करें। पांडे ने तत्कालीन एमडीडी सचिव से मिलकर सारे साक्ष्य जमा कराएं तथा सचिव ने सहायक अभियंता को शमन की कार्रवाई प्रारंभ करने को लिखा। इसी बीच उन्होंने सीडी कांड के माध्यम से सरकार की वास्तविकता प्रकट बता दी।
भाजपा ने कहा कि स्टिंग प्रकरण को अंजाम देने वाले पत्रकार अशोक पांडे के खिलाफ बदले की भावना से काम करने पर उतारू सरकार ने उसका मकान ध्वस्त कर दिया है और वह सरकार के गैरकानूनी कार्य करने वाले किसी भी नागरिक के अधिकारों के हनन के खिलाफ पुरजोर ढंग से विरोध करेगी। भाजपा पदाधिकारी दीनदयाल उपाध्याय पार्क में एकत्र हुए और व्यापक नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि सरकार जिस तरह से सच्चाई की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है वह शर्मनाक है। सिटी मजिस्ट्रेट के हवाले से राज्यपाल को भेजे गए पत्र में भाजपा ने कहा कि स्टिंग प्रकरण की सीडी में सीएम के सलाहकार रंजीत रावत तथा हरपाल सिंह का नाम लिया गया है और मुख्यमंत्री के बिना त्याग पत्र के निष्पक्ष जांच संभव नही है। इसके अलावा स्टिंग में फंसे अन्य आरोपियों पर कार्रवाई और पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराई जाए।
'लाई डिटेक्टर' प्रक्रिया से गुजरे आरोपी
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता सतपाल महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीडी में मुख्यमंत्री के सलाहकार रंजीत रावत और हरपाल सिंह का नाम भी है और अगर इनका 'लाई डिटेक्टर टेस्ट' होता है तो और भी सच्चाई सामने आ जाएगी। लोहाघाट से विधायक पूरण फर्त्याल व 52 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी इस का प्रत्यक्ष प्रमाण है। वर्ष 2014 के मामले में अब इस प्रकार से गिरफ्तारी यह दिखाती है कि मुख्यमंत्री किस प्रकार दमन व बदले की राजनीति कर रहे हैं। स्टिंग करने वाले व्यक्ति के घर को ध्वस्त करने से यह साबित हो गया है कि स्टिंग ऑपरेशन सही था।
ल्ल देहरादून से रामप्रताप मिश्र
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