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जोधपुर में 8 अगस्त को 'अखंड भारत : संकल्पना एवं चिंतन' विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित हुई। इसके मुख्य वक्ता थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व विभाग के सह संयोजक प्रो. सदानंद सप्रे। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 1947 को हमारा राष्ट्र स्वाधीन तो हुआ, किन्तु दुर्भाग्यवश विभाजन भी हो गया। विभाजन मजहब के आधार पर हुआ जो षड्यंत्र का परिणाम था। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों द्वारा 1857 का संग्राम कुचलने के बाद ऐसा लगता था कि अब भारत स्वाधीन नहीं हो पाएगा, लेकिन 90 वर्ष में यह हो गया। जब परिस्थति अनुकूल होती है तो कुछ भी असंभव नहीं रहता है। उन्होंने कहा कि भारत-पाक के रिश्ते ठीक वैसे ही हों जैसे भारत-नेपाल के हैं। यही अखण्ड भारत की संकल्पना है। संगोष्ठी की अध्यक्षता इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स, जोधपुर के अध्यक्ष श्री आर. के़ विश्नोई ने की। -प्रतिनिधि
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