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जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की शह पर आतंकवादियों की घुसपैठ जारी है। हाल ही में जम्मू के ऊधमपुर में सेना और आतंकवादियांे के बीच हुई मुठभेड़ में एक आतंकवादी को मार गिराया गया, जबकि एक को जिंदा पकड़ लिया गया। ऐसा ग्रामीणों की बहादुरी से हो सका जिन्होंने अंजाम की परवाह किए बगैर आतंकवादी को पकड़ कर सेना के हवाले कर दिया।
श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु इन आतंकवादियों के निशाने पर थे क्योंकि जहां मुठभेड़ की गई, उस स्थान से श्रद्धालु होकर गुजरते हैं। पकड़े गए आतंकवादी से पूछताछ में कई अहम सुराग मिलने की संभावना जताई जा रही है। इससे पूर्व गुरदासपुर में सेना की वर्दी पहनकर हमला करने वाले तीनों आतंकवादियों ने भी पाकिस्तान की सीमा से भारतीय सीमा मंे प्रवेश किया था।
गत 5 अगस्त को ऊधमपुर से 17 किलोमीटर दूर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बस में सवार सीमा सुरक्षा बल के जवानों को दो आतंकवादियों ने निशाना बना डाला। इस हमले में दो जवान वीरगति को प्राप्त हो गए, जबकि 14 घायल हो गए। आतंकवादियों ने जब सेना की बस पर हमला किया तो जवान शुभेन्दु बस चला रहे थे। बस में 30 जवान सवार थे और हथियार केवल जवान रॉकी के पास ही था। दोनों आतंकवादी बस में घुसना चाहते थे, लेकिन शुभेन्दु ने अपनी जान पर खेलकर उन्हें बस में नहीं घुसने दिया। रॉकी ने मोर्चा संभालते हुए आतंकवादी को ढेर कर दिया। इस बीच उसका दूसरा साथी नजदीक के एक गांव की तरफ फरार हो गया। इस मुठभेड़ में दो जवान आतंकवादी की गोली का शिकार हो गए और उन्होंने बाद में दम तोड़ दिया। इसके बाद पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई। आतंकवादी एके-47 रायफल के बल पर पांच लोगों को एक विद्यालय में ले गया और उनसे फरार होने का रास्ता पूछने लगा। विरोध करने पर एक लड़के के सिर पर रायफल की बट से हमला भी कर दिया। इस बीच बंधक विक्रमजीत और उसका परिजन राकेश अपनी जान पर खेलकर आतंकवादी पर टूट पड़े। इस दौरान आतंकवादी की गोली से विक्रमजीत घायल भी हो गया, लेकिन दोनों ने आतंकवादी को काबू कर लिया। तभी पुलिसकर्मी और सेना का दस्ता भी घटनास्थल पर पहंुच गया। गिरफ्तार आतंकवादी की पहचान पाकिस्तान के फैसलाबाद निवासी मो. नावेद याकूब उर्फ उस्मान, जबकि मृतक की पहचान पाकिस्तान के बहावलपुर निवासी मो. नोमान के रूप में की गई है। आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद होने वालों में सिपाही रॉकी और शुभेंदु राय शामिल हैं। घायलों में मोहन लाल, ललित मोहन, दलजीत सिंह, डीबी मंडल, राजीव, ओमप्रकाश गौतम, महेश चौहान, राकेश सिंह, डीपी गुप्ता, राजेश, के. पी. सिंह और तीन अन्य शामिल हैं। सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक ने बताया कि सेना के जवान जिस बस में सवार थे, उसमें केवल रॉकी के पास ही हथियार मौजूद था, बाकि जवान निहत्थे थे। पकड़े गए आतंकवादी नावेद ने सुरक्षा एजेंसियों को पकड़े जाने का कोई मलाल नहीं था, उसने बताया, ' मैं अपने आकाओं के आदेश पर हिन्दुओं को मारने आया था और ऐसा करने में मुझे मजा आता है।'
पूछताछ में उसने बार-बार अपने नाम बदलकर बताए। पहले अपना नाम कासिम खान व उस्मान बताया और आखिर में नावेद बताया। उसने पूछताछ में खुलासा किया कि 10-15 दिन पूर्व उसने अपने साथी नोमान के साथ जंगल के रास्ते भारतीय सीमा में प्रवेश किया था। पहले वह कुपवाड़ा और जम्मू के रास्ते ऊधमपुर पहंुचने की बात कह रहा था, आखिर में उसने श्रीनगर से ऊधमपुर आने का दावा किया। वह अपनी उम्र को लेकर भी बार-बार गलत बयानी करता रहा, कभी 16 वर्ष तो कभी 20 वर्ष की आयु बताता रहा। जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक दानिश राणा ने के अनुसार नावेद फैसलाबाद का रहने वाला है। प्रारंभिक जांच में उसे लश्कर ए तैयबा का आतंकवादी बताया जा रहा है। उसके पिता का नाम याकूब है और उसके दो भाई, एक बहन हैं। एक भाई कारोबारी, जबकि दूसरा सहायक प्राध्यापक बताया जा रहा है। नावेद ने भी कसाब की तरह आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के शिविर में प्रशिक्षण लिया था। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि वह रमजान के दिनों में भारत की सीमा मंे घुसा था और उसने काफी समय गुलमर्ग में भी गुजारा था। वहीं उसे आतंकी हमले के लिए हथियार और गोली-बारूद मुहैया कराया गया था। उसके दो अन्य साथियों के भी देश की सीमा में दाखिल होने की सूचना मिली है। दोनों आतंकवादियों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ पर हमला करने का आदेश दिया गया था। घटनास्थल पर पहंुचने के लिए इन्होंने तीन ट्रकों में सफर किया था। 6 अगस्त को जम्मू में हरियाणा निवासी जवान रॉकी और पश्चिम बंगाल निवासी शुभेन्दु राय को राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। संसद में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों जवानों को श्रद्धाजंलि देने के साथ-साथ ग्रामीणों की बहादुरी की भी सराहना की। उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पकड़ा गया नावेद और मारा गया नोमान मूल रूप से पाकिस्तानी हैं। 2008 में मुंबई हमले के आरोपी अजमल कसाब को जिंदा गिरफ्तार करने के बाद यह पहला मौका है कि जब नावेद के रूप में किसी आतंकवादी को जिंदा पकड़ा गया है। जल्द ही उससे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी पूछताछ करेगी। उससे मिली जानकारी के बाद भारत में आतंकवाद को फैलाने वाले पाकिस्तान के समक्ष भी पर्याप्त साक्ष्य रखे जा सकेंगे। इस संबंध में 23 से 25 अगस्त को प्रस्तावित एनएसए वार्ता होने पर 1993 और 2008 मुंबई में हुए आतंकवादी हमले, गुरदासपुर हमला और नावेद को लेकर पाकिस्तान द्वारा संचालित आतंकवाद पर भारत की ओर से अपना पक्ष रखा जाएगा। ल्ल
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