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आवरण कथा 'दोराहे पर बंगलादेश' से स्पष्ट होता है कि आज इस देश में बर्बरता और हिंसा का जो दौर जारी है वह कट्टरपंथी मुल्लाओं के कारण है। स्थिति यह है कि यहां पर जो भी बोलता है या बोलने का प्रयास तक करता है, उसकी आवाज बंद कर दी जाती है। साथ ही यहां पर हिन्दुओं के साथ लगातार जुल्म की घटनाएं घट रही हैं। बंगलादेश में आज जो कुछ भी घटित हो रहा है उसे देखकर तो यही लगता है कि यहां पर अभिव्यक्ति की आजादी को पैरों तले कुचला जा रहा है।
—हरिहर सिंह चौहान
जंबरी बाग नसिया, इन्दौर (म.प्र.)
ङ्म बंगलादेश की मौजूदा हालत देखकर इसके भविष्य पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं। यहां कट्टरता के चलते मानवता दम तोड़ रही है आए दिन हिन्दू परिवारों के आते द्रवित कर देने वाले समाचार यही उजागर करते हैं कि बंगलादेश किसी भी तरह से हिन्दुओं के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है। हिन्दुओं पर होते जुल्म पर विश्व समुदाय अपनी चुप्पी साधे बैठा असहाय नजर आ रहा है। कथित मानवाधिकार संगठन जो मुसलमानों के मामले पर हो-हल्ला करते हैं, हिन्दुओं के मामले पर क्यों मुंह सिल लेते हैं?
—मनोहर मंजुल
पिपल्या-बुजुर्ग (म.प्र.)
ङ्म दोराहे पर बंगलादेश की असल परेशानी है सत्ता पक्ष की हसीना पार्टी के खिलाफ खालिदा जिया की पार्टी, जो जमाते इस्लामी की समर्थक हैं और उन्मादियों की पैरोकार। बंगलादेश में अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में आवाज बुलन्द करने वाले ब्लॉगर्स का एक के बाद एक कत्ल इस बात का प्रमाण है कि यहां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अत्याचार और अन्याय के आतंकी गिरोह के साथ इस्लामिक राष्ट्र का ऐसा सपना बुन रही है,जहां केवल पाकिस्तान का आधिपत्य रहे। इस पूरे षड्यंत्र को बंगलादेश में रहकर कठमुल्ले शक्ति दे रहे हैं। असल में पाकिस्तान भारत में आतंक फैलाने का नया रास्ता खोज रहा है, जो उसे बंगलादेश के रास्ते मिल भी रहा है। बंगलादेशी घुसपैठिये पाकिस्तान प्रायोजित आतंक का ही एक हिस्सा हैं।
—हरिओम जोशी
चतुर्वेदी नगर, भिण्ड (म.प्र.)
ङ्म कुछ दिनों से देखने में आ रहा है कि पाकिस्तान परस्त इस्लामिक कट्टरपंथी तत्व सक्रिय हो रहे हैं तो वहीं कठमुल्ले भी इस्लामी तंजीमों के साथ हिंसा फैला रहे हैं। हाल ही में जो खबरें आई उससे यही प्रतीत होता है कि पाकिस्तान और बंगलादेश हिन्दुओं के खिलाफ षड्यंत्र करके उन्हें यहां से भगाना चाह रहे हैं और इसी का परिणाम है कि बंगलादेश में यह आग बराबर सुलग रही है। हिन्दुओं का खून बहाया जा रहा है, युवा ब्लॉगर स्वतंत्रता और न्याय की लड़ाई में अपनी जानें खो रहे हैं। बंगलादेश में जो आपराधिक घटनाएं घट रही हैं, उन्हें विश्व देख रहा है। सवाल है कि फिर ब्लॉगर्स और हिन्दुओं की हत्याओं पर विश्व समुदाय खामोस क्यों है?
राममोहन चन्द्रवंशी
टिमरनी, जिला-हरदा (म.प्र.)
समर्पित जीवन
लेख 'राष्ट्रहित से कभी नहीं किया समझौता' इस बात का प्रमाण है कि श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने राष्ट्र के संबंध में किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया। उनके योगदान को कोई चाह कर भी नहीं भूल सकता। वह पूरे जीवन भर तुष्टीकरण की नीति के विरुद्ध रहे। उनके लिए राष्ट्र सर्वोच्च रहा और यह बलिदान देश सदा याद रखेगा।
—बी.एल. सचदेवा
आईएनए बाजार (नई दिल्ली)
चहुंओर फैलती ख्याति
लेख 'योगमय हुआ भारत' एक नई ऊर्जा के साथ संपूर्ण विश्व में उभरा है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की पुरातन पहचान को संपूर्ण विश्व में पहचान दिलाई। जो आज तक कोई नहीं कर सका वह मोदी ने कर दिखाया। इसलिए सेकुलरों के पेट में मरोड़ हो रही है, होना भी स्वाभाविक है। वह जानते हैं कि इस प्रकार के कार्य से देश ही नहीं विश्व में भारत की ख्याति फैल रही है। वे यह भी जानते हैं कि नरेन्द्र मोदी सरकार जो योजना ला रही है कुछ दिन के बाद उनका सकारात्मक रूप में असर भी दिखेगा। इसलिए वे डरे-सहमे हैं।
—बीरेन्द्र सिंह विद्रोही
ग्वालियर (म.प्र.)
ङ्म प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अब तक के कार्यकाल में एक चीज जो स्पष्ट तौर पर देखने में आई कि भारत का मान देश ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में स्थापित हुआ है। साथ ही विश्व भर में भारतीयों में राष्ट्रवाद और भारतीय संस्कृति के प्रति पुनर्जागरण हुआ है। आज तक सेकुलर सरकार जानबूझकर वैदिक संस्कृति को विश्व से छिपाती रही है, लेकिन अब यह संस्कृति चहंुओर बिखर रही है। इसलिए सेकुलर इस संस्कृति को फैलते देख परेशान हैं और गलत बातें फैलाकर हो-हल्ला कर रहे हैं। ऐसे में और अधिक जागरूक होकर सरकार और सामाजिक संगठनों को काम करना है, क्योंकि देश को यही संस्कृति आगे ले जाने वाली है।
—डॉ. उमेश मित्तल
सहारनपुर (उ.प्र.)
ङ्म नरेन्द्र मोदी ने योग को विश्व स्तर पर ख्याति दिलाकर भारतीय जनमानस के ह्दय को जीत लिया है। अभी तक देश में योग के प्रति जिन लोगों में नैराश्य का भाव था, उनमें भी अपनी विरासत के प्रति एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। विश्व के लोगों ने पहले ही इस विरासत को अपने जीवन मंे उतार लिया था, और हम अपनी ही विरासत को धीरे-धीरे भूले जा रहे थे। लेकिन अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित होने के बाद एक बार फिर योग को नई दिशा मिली है।
—अयोध्या प्रसाद शर्मा
महती, बहराइच (उ.प्र.)
सेवा में लगा संघ
लेख 'सुख की शाखा' नर सेवा, नारायण सेवा का ध्येय लिए संघ संपूर्ण विश्व में हिन्दुओं के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है। संघ के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है। कुछ हद तक विरोधी भी इसके समर्थक हैं और संघ कार्य की दवे स्वर में प्रशंसा करने से अपने को नहीं रोक पाते। संघ के कार्यकर्ता किसी भी आपदा में सबसे पहले पहुंचकर सेवा कार्यों में लग जाते हैं और वे सेवा कार्य में यह नहीं देखते कि पीडि़त हिन्दू है या अन्य किसी मत-पंथ का। वह एक मन से सभी की निष्काम सेवा करते हैं।
—अशोक मोहन चौरसिया
पुरवा,उन्नाव (उ.प्र.)
ङ्म एक छोटा सा पौधा जो 1925 को विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम से शुरू हुआ, आज वटवृक्ष बन चुका है। हिन्दुओं के उत्थान के लिए संघ को पीढ़ी दर पीढ़ी सराहना मिलती रही है। आज भी वह वैचारिक धरातल पर समाज सेवा के कार्य में लगा हुआ है। संघ ने कभी भी सनातन विचारों से समझौता नहीं किया। इसलिए वह स्वयंसेवकों को जीवन की हर कठिनाई से लड़ना सिखाता है। निरंतर संघ रूपी दीपक अखंड ज्योति बनकर राष्ट्रसेवा की ओर आगे बढ़ा रहा है।
—रामप्रकाश अग्रवाल, जयपुर (राज.)
साम्प्रदायिकता पर लगे लगाम
भारत में कुछ ऐसे तथाकथित नेता हैं जिन्हें राष्ट्र की प्रगति के विषय में कोई चिंता नहीं है। वह हरदम मीडिया के सामने भारत की आलोचना करते नहीं थकते हैं और एक समुदाय को दूसरे समुदाय से लड़ाने का तिकड़म भिड़ाते रहते हैं। वे चाहते हैं कि किसी भी प्रकार समाज में सांप्रदायिकता का माहौल तैयार किया जाए और फिर इसी को आधार बनाकर राजनीतिक रोटियां सेंकी जाएं। ऐसे नेता वोट बैंक के चक्कर में कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। इसलिए ऐसे नेताओं पर लगाम लगनी चाहिए, क्योंकि इससे भारत की छवि बिगड़ती है।
—कान्तिमय बनर्जी
जामताड़ा (झारखंड)
ङ्म भारत में प्रमुख धारा का मीडिया हिन्दुओं की घर वापसी का समाचार दिखाकर सनसनी फैलाता है और समाज में एक गलत संदेश देने का काम करता है। असल में हमारा मीडिया इस प्रकार की खबरों को दिखाकर देशविरोधी ताकतों के लिए जमीन तैयार करता है। क्योंकि इस शोर-शराबे में उनकी कारगुजारियां छिप जाती हैं। इस बीच अगर उनके कारनामे निकल भी आते हैं तो मीडिया और सेकुलर बुद्धिजीवियों द्वारा यह कहकर गलत ठहरा दिया जाता है कि यह सब पूर्वाग्रह के चलते हो रहा है। लेकिन सवाल है कि मीडिया अबूझमाड़ जैसे क्षेत्रों को क्यों नहीं देखता? क्या उसे वहां पर ईसाइयों द्वारा की जा रही हिन्दू विरोधी गतिविधियां नहीं दिखाई देतीं?
—यशपाल
लाहौल (हिमाचल प्रदेश)
कड़ा कदम उठाने की जरूरत
लेख 'मिशनरी मुट्ठी में अबूझमाड़' यही साबित करता है कि देश के वनवासी क्षेत्रों में मिशनरियों की सेना क्रॉस लेकर के हिन्दुओं को अपने जाल में फंसा रही और उनके मनों में हिन्दू धर्म के खिलाफ जहर बो रही है। एक तरफ मुसलमान 'लव जिहाद' द्वारा हिन्दुओं को तोड़ने में लगे हुए हैं तो दूसरी ओर मिशनरी छद्म सेवा की आड़ में हिन्दुओं का कन्वर्जन कर रहे हैं। देश के बहुत से मिशनरियों के अस्पताल और अंग्रेजी के स्कूल कन्वर्जन के केन्द्र हैं। इन देशविरोधी तत्वों के हौसले बुलन्द करने में पिछली सरकारों का हाथ रहा और उन्होंने वोट बैंक के चक्कर में इनको पाला पोस
ा। लेकिन अब ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने का समय है।.
—राम शंकर श्रीवास्तव
राजाजीपुरम्, लखनऊ (उ.प्र.)
कुशल नेतृत्व से विरोधी चित
ये भारतभूमि का परम सौभाग्य व विदेशी विचार धारा के लोगों का दुर्भाग्य है कि जनता ने ऐसे संगठन के हाथ में देश की बागडोर सौंपी है, जिसकी रग-रग में देशहित की भावना भरी हुई है। मौजूदा सरकार की जनहित योजनाओं से बौखलाये कांग्रेसी इन दिनों गला फाड़-फाड़कर देश की जनता को भ्रमित करके उन नीतियों को झुठलाने का दुस्साहस कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करने से वे आने वाले चुनावों में भाजपा को मात दे देंगे। लेकिन उनका यह सोचना बिल्कुल गलत है। जनता जानती है कि कांग्रेस सहित तमाम सेकुलर पार्टियों ने अपने शासनकाल में क्या गुल खिलाए हैं और वे इस समय क्यों रुदन करके मौजूदा सरकार की नीतियों को कोस रहे हैं। कांग्रेस के नेता भाजपा की आड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को साम्प्रदायिक संगठन कहने से नहीं चूकते और मौका आते ही बिषवाण चलाने लगते हैं। एक अंग्रेज द्वारा बनाई गई पार्टी से अपेक्षा भी क्या रखी जा सकती है। स्वतंत्रता के बाद से कांग्रेस ने अपने चाल-चरित्र और चेहरों को बदल लिया। उसका परिणाम भी देश को 10 वर्ष के कांग्रेस शासन में दिखा। लेकिन जनता ने उनकी कारगुजारियों को पहचाना और लोकसभा चुनाव में इनकी सच्चाई देश के सामने आ गई। इसलिए अब इन्हें यह डर सता रहा है कि अगर जनता मोदी सरकार की जनहितकारी नीतियों के विषय में जान गई तो हम जिन स्थानों पर थोड़े बहुत रह गए हैं वहां भी साफ हो जाएंगे। इसलिए वे सरकार के सामने तरह-तरह की समस्याएं खड़ी कर रहे हैं, जबकि देश जिन समस्याओं का सामना कर रहा है उनके लिए स्वयं कांग्रेस ही जिम्मेदार है। जो समस्या आज सेकुलर दल गिना रहे हैं वे उनके द्वारा ही उपजाई गई थीं। लेकिन कुछ भी हो नरेन्द्र मोदी के रूप में कुशल नेतृत्वकर्ता के आगे उनकी एक नहीं चल रही है।
—अश्वनी जांगड़ा
महम, जिला-रोहतक (हरियाणा)
काम कोई न छोटा
कौशल हो हर हाथ में, तब चमकेगा देश
पूरे भारत को दिया, मोदी ने संदेश।
मोदी ने संदेश, काम कोई न छोटा
करें परिश्रम सभी, नहीं है कोई खोटा।
कह 'प्रशान्त' यह बात समझ में यदि आ जाए
भारत का सम्मान विश्वभर में बढ़ जाए।।
-प्रशांत
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