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पुरी के श्री जगन्नाथ मन्दिर में पूजा और अन्य गतिविधियों में राज्य सरकार के हस्तक्षेप से अनेक प्रकार की समस्याएं खड़ी हो रही हैं। हाल ही में नवकलेवर समारोह में सरकार के अनावश्यक हस्तक्षेप से कई तरह की बाधाएं खड़ी हुईं। इस दौरान हुए ब्रह्म परिवर्तन (पुराने विग्रहों का विसर्जन और नए विग्रहों की स्थापना) में घपले की बात भी सामने आई है। यह मामला दिनोंदिन तूल पकड़ता जा रहा है। कई धार्मिक संगठनों का कहना है कि पूरे समारोह में अराजकता का माहौल बना रहा। लोगों ने मन्दिर के अन्दर धड़ल्ले से मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया। सेवादारों और अन्य कार्यकर्ताओं ने फोन बन्द करने को कहा तो उन लोगों ने उनके साथ अभद्रता की। इन मामलों को लेकर जगन्नाथ संस्कृति सुरक्षा मंच ने गहरी चिंंता जताई है। मंच ने ब्रह्म परिवर्तन मामले की सी़ बी़ आई़ से जांच कराने की मांग की है। जगन्नाथ संस्कृति सुरक्षा मंच की ओर से सरकार के कामकाज पर भी सवाल उठाए गए हैं और कहा गया है कि श्री मंदिर को प्रशासनिक दांव-पेच से मुक्त रखा जाए और भगवान की पूजा में किसी प्रकार का विघ्न न डाला जाए। ल्ल पंचानन अग्रवाल
भारतीय शिक्षण मंडल ने बनाई नई शिक्षा की रूपरेखा
भारत के 4000 से अधिक शिक्षाविदों के विचारों को संकलित कर भारतीय शिक्षण मंडल ने एक समग्र एवं एकात्म शिक्षा के प्रारूप 'भारतीय शिक्षण की रूपरेखा' का निर्माण किया है। यह जानकारी भारतीय शिक्षण मंडल के सह संगठन मंत्री मुकुल कानितकर ने गत दिनों नई दिल्ली में पत्रकारों को दी। इस अवसर पर मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मोहनलाल छीपा, उपाध्यक्ष डॉ. बी़ एल़ नाटीया व सांसद मनोज तिवारी भी उपस्थित थे।
श्री कानितकर ने बताया कि आज भारत की शिक्षा व्यवस्था अनेक प्रकार के प्रश्नों के घेरे में खड़ी है। युवा महंगी से महंगी शिक्षा प्राप्त करके भी हताश और निराश है। शिक्षा जीवन-मूल्यों से दूर हो चुकी है। भारतीय शिक्षण मंडल भारत के पुनरुत्थान के लिए भारतीय जीवन-मूल्यों से उपजी, भारतीय ऐतिहासिक अनुभूति से उत्पन्न, भारत हित के लिए शिक्षा व्यवस्था को विकसित करना चाहता है। इसके लिए संगठन ने विगत वषार्ें में लगभग 4 हजार शिक्षाविदों, शिक्षकों एवं समाजसेवियों के सुझावों को संकलित किया है। इस प्रारूप पर सुझाव प्राप्त करने का अभियान 6 से 19 जुलाई तक सम्पूर्ण देश में चला। प्राप्त सुझावों के आधार पर एक परिपक्व शिक्षा नीति तैयार करके केन्द्र सरकार व समस्त राज्य सरकारों के समक्ष क्रियान्वयन हेतु प्रस्तुत
किया जाएगा। ल्ल प्रतिनिधि
कल्याण आश्रम, गुजरात की नई कार्यकारिणी
अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम, गुजरात शाखा की नई कार्यकारिणी का गठन 12 जुलाई को अमदाबाद में हुआ। कार्यकारिणी में पदाधिकारियों और सदस्यों की संख्या 11 है। अध्यक्ष का दायित्व डॉ़ हर्षद भाई भट्ट को दिया गया है। वर्तमान में कल्याण आश्रम का देश के लगभग 50 हजारों गांवों से सीधा सम्पर्क है एवं 18 हजार छोटे-बड़े प्रकल्प चल रहे हैं। इसी क्रम में गुजरात प्रदेश में भी कल्याण आश्रम का कार्य प्रगति पर है।
जहां बाल संस्कार केन्द्रों, आरोग्य रक्षा केन्द्रों व संस्कृति संवर्द्धन केन्द्रों के माध्यम से जनजागरण का कार्य चल रहा है। बैठक में क्षेत्रीय संगठन मंत्री भगवान सहाय ने कहा कि गुजरात वनवासी कल्याण परिषद् की सम्बद्धता समाप्त कर दी गई है।
अब से 'अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम गुजरात प्रान्त' के नाम से कल्याण आश्रम की गतिविधियां गुजरात में संचालित होंगी।
ल्ल प्रतिनिधि
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