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शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के एक प्रतिनिधिमण्डल ने 12 जुलाई को केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भेंट की और उन्हें पर्यावरण शिक्षा के सम्बंध में एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमण्डल में न्यास के सचिव अतुल कोठारी एवं आलोक कुमार मिश्र शामिल थे। ज्ञापन में पर्यावरण शिक्षा की विशिष्ट आवश्यकता, शिक्षा व्यवस्था में इसकी वर्तमान स्थिति एवं इसे ठीक करने हेतु सुझावों का समावेश है। ज्ञापन में कहा गया है कि जलवायु में हो रहे घातक परिवर्तन एवं प्रकृति के प्रति जनमानस में बढ़ते हुए उपभोक्तावादी दृष्टिकोण को देखते हुए पर्यावरण शिक्षा को पुन: परिभाषित करने एवं समग्र क्रियान्वयन की आवश्यकता है। इसमें पर्यावरण संरक्षण के भारतीय दृष्टिकोण अर्थात् प्रकृति के प्रति सम्मान, प्रेम एवं एकात्मकता का समावेश होना चाहिए। इस हेतु ज्ञापन में कुछ मांगें की गई हैं। पहली मांग पर्यावरण परिषद् (ईको क्लब) के गठन के सम्बंध में है। ज्ञापन में कहा गया है कि प्रत्येक विद्यालय में अनिवार्य रूप से पर्यावरण परिषद् का गठन हो एवं यह सुनिश्चित किया जाए कि यह परिषद् सुचारू रूप से कार्य करे। मांग की गई है कि सभी शिक्षा संस्थानों में जल संचयन एवं वर्षा जल संरक्षण की अनिवार्यता के साथ, अपशिष्ट प्रबंधन, बागवानी, औषधीय वनस्पतियों के बाग लगाने के साथ ऊर्जा संरक्षण आदि पर उचित ध्यान दिया जाए। ल्ल प्रतिनिधि
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