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'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समरसता के लिए कृतसंकल्प है। संघ के स्थापना काल से ही समरस समाज निर्माण की कल्पना साकार की जा रही है। महात्मा गांधी ने भी संघ द्वारा आयोजित शिविर में हिस्सा लेने के बाद हर्ष व्यक्त करते हुए कहा था कि मैं छुआछूत-विहीन जिस समाज की कल्पना करता हूं वह यहां साकार दिख रहा है।' ये विचार हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख श्री स्वांत रंजन के। वे पिछले दिनों बक्सर में संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में बोल रहे थे।
उल्लेखनीय है कि बक्सर के अहिरौली स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में दक्षिण बिहार प्रांत का प्रथम वर्ष तथा उत्तर-पूर्व क्षेत्र (बिहार-झारखंड) का द्वितीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग आयोजित हुआ था। प्रथम वर्ष में 129 तथा द्वितीय वर्ष में 116 शिक्षार्थियों ने हिस्सा लिया। समापन कार्यक्रम बक्सर के एम.पी. हाईस्कूल के प्रांगण में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में शिक्षार्थियों ने शारीरिक अभ्यास का प्रदर्शन भी किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त शिक्षक श्री रामवचन राम थे। उन्होंने संघ के कार्यक्रमों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। मंच पर संघ शिक्षा वर्ग के सर्वाधिकारी श्री नवल किशोर प्रसाद कर्ण तथा वर्गाधिकारी श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह भी उपस्थित थे। – प्रतिनिधि
धूमधाम से मना
'गो कल्याण' वार्षिकोत्सव
भुवनेश्वर में गत दिनों त्रैमासिक पत्रिका 'गो कल्याण' का प्रथम वार्षिकोत्सव मनाया गया। यह पत्रिका 'ओडिशा गो सेवा समिति' प्रकाशित करती है। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि मानव सभ्यता का विकास गो सेवा, गो संरक्षण एवं गो कल्याण में ही समाहित है। अंतरराष्ट्रीय योगी पूज्य परमहंस प्रज्ञानंद जी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित उत्सव में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेते हुए गजपति महाराज दिव्य सिंह देव ने कहा कि गो माता हमारी संस्कृति की आधार है। सरकारी और गैर-सरकारी हर स्तर पर गो कल्याण के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। दिव्य जीवन संघ, खंडगिरी के स्वामी शिव चिदानंद जी सरस्वती ने गो माता को मानव जीवन की सबसे कल्याणकारी मां के रूप में बताया। चिन्मय मिशन, ओडिशा प्रदेश के मुख्य स्वामी सदानंद जी सरस्वती ने कहा कि गो माता जन्म से ही हमारा पालन करती है। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज में ऐसा कोई धार्मिक कार्य नहीं है, जहां पर गो माता की आवश्यकता न हो। गो माता की सुरक्षा के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा। इसके लिए सबसे पहले हमें गो माता को कसाई के हाथ बेचना बंद करना होगा। आनंद कुटीर, शगड़पटा, क्यांेझर के अखंडानंद स्वामी महाराज ने कहा कि गो माता पूरी दुनिया की माता है। वह हमें अमृत देती है। गो माता की सुरक्षा से देश सुरक्षित रहेगा।
ओडिशा सरकार के गो संपदा एवं पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक उमाशंकर पात्र ने मुख्य वक्ता के नाते गो माता के महत्व एवं कृषि में गो माता के अवदान की जानकारी दी। पूज्य परमहंस प्रज्ञानंद जी महाराज ने कहा कि गो माता ही इस सृष्टि के विकास की आधार है। उनके कल्याण से भारत का कल्याण होगा। गो कल्याण पत्रिका के प्रो़ भवानी दास ने स्वागत भाषण देने के साथ पत्रिका के उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर वरिष्ठ गो भक्त सम्मान स्व़ डॉ. रमेश पत्री की धर्मपत्नी प्रतिभा देवी को प्रदान किया गया। -पंचानन अग्रवाल
विदेश पहुंचा वैदिक गणित
पिछले दिनों एर्णाकुलम (केरल) में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में 16 राज्यों के 55 शैक्षणिक संस्थानों से 146 विद्वान सहभागी हुए। इसमें नई शिक्षा नीति, वैदिक गणित, पर्यावरण शिक्षा, चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई। सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के लिए किए गए प्रयास का स्वागत किया गया। यह भी बताया गया कि न्यास द्वारा वैदिक गणित पर प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम (सर्टिफिकेट कोर्स) तैयार किया गया है। इसके लिए देश के तीन विश्वविद्यालयों के साथ अनुबंध भी किया गया है। न्यास के द्वारा विदेशों में भी वैदिक गणित का कार्य प्रारंभ किया गया है। विगत एक वर्ष में वैदिक गणित पर आस्ट्रेलिया में 20 से अधिक कार्यशालाएं सम्पन्न की गई हैं। यह भी बताया गया कि न्यास के द्वारा चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास पर 100 से अधिक कार्यशालाएं संचालित की गई हैं। इस हेतु छह मास का एक प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी तैयार किया गया है। चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास पर देश के विभिन्न स्थानों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में दो प्रस्ताव भी पारित हुए। पहला प्रस्ताव है भारतीय भाषाओं के प्रयोग, प्रसार एवं विकास की अनिवार्यता। दूसरा प्रस्ताव है भारतीय प्रशासनिक सेवाओं की चयन प्रक्रिया में समग्र परिवर्तन की आवश्यकता। इन दोनों प्रस्तावों पर विद्वानों ने चर्चा की और कुछ सुझाव भी दिए। -प्रतिनिधि
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