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नई दिल्ली में 2 जून को विश्व हिन्दू परिषद् की कार्यकर्ता डॉ़ विजय प्रभा अग्रवाल के जीवन के साठ वर्ष पूर्ण होने पर षष्ठी-पूर्ति कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर अनेक लोगों ने उन्हें बधाई दी। कार्यक्रम में विहिप के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ़ सुरेन्द्र जैन ने कहा कि वेदों, उपनिषदों तथा पूज्य संतों द्वारा दिखाई गई आश्रम व्यवस्था मानव जीवन का मूलाधार है। बह्मचर्य आश्रम जहां जीवन को जीने के लिए आवश्यक ज्ञान, ध्यान, सुसंस्कार, ऊर्जा तथा मूल्याधारित शिक्षा ग्रहण करने का मूल स्रोत है, वहीं गृहस्थ आश्रम साधनों के उचित उपभोग, उत्तम संतति, सेवा तथा जन कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर शेष दो आश्रमों की नींव रखता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने आदर्श गृहस्थ को समय पर समेटते हुए वानप्रस्थी जीवन की ओर अग्रसर होना चाहिए जिससे उसके द्वारा पिछले दो आश्रमों में अर्जित धन, ऊर्जा, ज्ञान, संस्कार तथा अनुभव का लाभ आगे आने वाली पीढ़ी को मिल सके। ल्ल प्रतिनिधि
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