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उ.प्र. जनसंघ के मंत्री श्री नानाजी देशमुख ने पूर्वी उ. प्र. का दौरा करके वहां बाढ़ की स्थिति तथा निराश्रित लोगों की दुर्दशा का जो वर्णन प्रस्तुत किया है, वही इन पंक्तियों में प्रकाशित किया जा रहा है।
गत 25, 26 को सरयू तथा राप्ती के कटाव क्षेत्र का दौरा करके मैंने वहां की स्थिति का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया। वहां के जनजीवन की दशा अत्यंत चिंताजनक है। नदियों के प्रवाह से गत 8-10 सालों से उनके किनारें के गांव तथा खेत बराबर कटते चले जा रहे हैं। वहां के लोगों ने गत सालों में कई बार सरकार की सेवा में प्रार्थना पत्र भेजकर इस संकट की ओर ध्यान देने के लिए निवेदन किया है। परंतु आज तक वहां की जनता को स्थायी रीति से सकंट मुक्त करने का सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया है।
मैं उस क्षेत्र के प्रमुख लोगों को तथा बंडाल डालने वालों के नायकों को लेकर सब स्थानों का प्रत्यक्ष निरीक्षण करने के लिए गया। वहां के जनजीवन की भयानक स्थिति देखकर आश्चर्य हुआ कि वहां लोगों का जीवन सकंट अवस्था में देखकर भी सरकार इतने सालों से क्यों शांत बैठी हुई है।
यह उपेक्षा क्यों
दि.25 के सायंकाल मैं गोला बाजार के पश्चिम की ओर के देहातों का निरीक्षण कर रहा था। वहां गुडियाना नामक एक गांव है। गरीबों की बस्ती है। नदी इस गांव को अपने पेट में समाती चली जा रही है। इसके पश्चिम में कौडिया गांव है। बंडाल वालों का कहना है कि यहां बंडाल बांधकर सैकड़ों बीघा खेत तथा घर बचाए जा सकते थे
राष्ट्रद्रोही तत्वों को कांग्रेसियों और पुलिस अधिकारियों का सहयोग
90 पाकिस्तानी मुसलमान गिरफ्तार
भारतीय सीमा क्षेत्र में पाकिस्तानियों की सरगर्मियां
(विशेष प्रतिनिधि द्वारा)
जयपुर। बीकानेर स्थित पाकिस्तान से सटी हुई भारतीय सीमा पर पाकिस्तानी एजेंण्टों की भारत विरोधी कार्यवाहियां जोरशोर से चल रही हैं। अभी हाल में बीकानेर पुलिस ने 22 मुस्लिम परिवारों के 90 व्यक्तियों को इसी अपराध में गिरफ्तार किया है। ये सब लोग पाकिस्तानी हैं और किसी प्रकार चोरी छिपे भारतीय सीमा में घुस आए हैं।
राजस्थान के समाचार पत्र इस ओर काफी समय से सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे थे, किंतु उसने इस ओर ध्यान नहीं दिया। किंतु जब पत्रों ने खुले रूप में जिला कांग्रेस कमेटी के अनेक उत्तरदायी सदस्यों पर तथा पुलिस के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि निजी स्वार्थों की पूर्ति की दृष्टि से वे लोग उक्त पाकिस्तानियों की सहायता कर रहे हैं, सर्वत्र सनसनी फैल गई। परिणामत: केंद्रीय खुफिया विभाग ने इस ओर ध्यान दिया। उसी के फलस्वरूप ये गिरफ्तारियां हो सकीं।
जनकार सूत्रों का कथन है कि इन पाकिस्तानियों के द्वारा पाकिस्तान को समाचार भेजे जाते हैं तथा अवैध व्यापार किया जाता है। इन लोगों ने सीमा स्थित पुलिस अधिकारियों से इस प्रकार सांठ-गांठ कर रखी है कि वे इनके मार्ग में रोकटोक पैदा नहीं करते। चर्चा तो यहां तक है कि पाकिस्तान पुलिस चौकियों के कुछ पुलिस कर्मचारी भारतीय सीमा में आकर शिकार खेला करते हैं। अनेक संदिग्ध व्यक्तियों को राजस्थानी पुलिस कैम्पों में ताश खेलते हुए भी देखा गया है। यह कार्यवाहियां विशेष रूप से किशनपुरा से शेरपुरा तक के 35 मील के गैर आबादी क्षेत्र में तथा धड़खाना के थाने के शेखड़ा गांव में विशेष रूप से चला करती हैं।
सीमा स्थित गांवों में रहने वाले इन मुसलमानों ने बीकानेर जिले के अनेक पुलिस अधिकारियों को अपनी गाएं मुफ्त दे रखी हैं। इसीलिए इस 'दान' के आभार स्वरूप ये पुलिस अधिकारी उनकी शादी बरातों में शामिल होेकर दावतें उड़ाते हैं। गत 5 जनवरी को सरदारगढ़ जिला गंगानगर के निजाम नामक मुसलमान के एक संबंधी की शादी थी, किन्तु उसने वह शादी सरदारगढ़ में न करके शिवली गांव में की। शिवली पाकिस्तान से केवल 211 मील दूर है। इस शादी में पाकिस्तान के अनेक प्रभावी व्यक्ति सम्मिलित हुए। शेरपुरा स्थित आरएसी प्लाटून का एक सिपाही भी इस विवाह में शरीक हुआ। बताया जाता है कि निजाम खां पर गंगानगर के एक कांग्रेसी एम. एल.ए. तथा उनके भाई की विशेष कृपा है।
तहसील हनुमानगढ़ के पुलिस थाना टिब्बी के अंतर्गत पीरकामनी नामक गांव के मुसलमान को सन 52 में होली के अवसर पर संदिग्ध कार्यवाहियों के कारण निकाल दिए गए थे, वे पुन: वापस आ गए हैं। इस प्रकार की स्थिति अनेक गांवों में भी है।
हमारा लक्ष्य
हमने किसी संप्रदाय या वर्ग की सेवा का नहीं बल्कि संपूर्ण राष्ट्र की सेवा का व्रत लिया है। सभी देशवासी हमारे बान्धव हैं। जब तक हम इन सभी बन्धुओं को भारतमाता के सपूत होने का सच्चा गौरव प्रदान नहीं करा देंगे, हम चुप नहीं बैठेंगे। हम भारतमाता को सही अर्थों में सुजला, सूफला बनाकर रहेंगे। यह दशप्रहरणधारिणी दुर्गा बनाकर असुरों का संहार करेगी, लक्ष्मी बनकर जन-जन को समृद्धि देगी और सरस्वती बनकर अज्ञानान्धकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलायेगी। हिन्द महासागर और हिमालय से परिवेष्टित भारतखंड में जब तक एकरसता, कर्मठता, समानता और हिमाचल से परिवेष्टित भारतखंड में जब तक एकरसता, कर्मठता, समानता, सम्पन्नता, ज्ञानवत्ता, सुख और शान्ति की सप्तजाह्नवी का पुण्य प्रवाह नहीं ला पाते, हमारा भागीरथ-तप पूरा नहीं होगा। इस प्रयास में बहा, विष्णु और महेश सभी हमारे सहायक होंगे। विजय का विश्वास है, तपस्या का निश्चय लेकर चलें।
(पं. दीनदयाल उपाध्याय विचार दर्शन, खण्ड-7 पृष्ठ संख्या 87)
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