राज्य समाचार - संदेह से परे सरस्वती का अस्तित्व
July 16, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

राज्य समाचार – संदेह से परे सरस्वती का अस्तित्व

by
May 9, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 09 May 2015 16:41:54

प्राचीनतम और हजारों वर्ष पहले लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी का आदिबद्री के गांव मुगलवाली में उद्गम हो गया। खुदाई के दौरान 5 मई की शाम अचानक जलधारा फूट पड़ी और पूरा क्षेत्र इस अद्भुत क्षण को देखने के लिए उमड़ पड़ा। 7 मई को चंडीगढ़ से आए एक विशेष जांच दल ने मौके से पानी और पत्थर के नमूने भी एकत्रित किए।
खुदाई का शुभारंभ हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष कंवरपाल ने गत 21 अप्रैल को किया था। सरस्वती के उद्गम की सूचना मिलते ही जिला उपायुक्त डा़ॅ एस. एस. फुलिया सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। यहां उपायुक्त की उपस्थिति में एक अन्य स्थान पर खुदाई की गई। जहां 8-9 फुट पर ही पानी निकल गया। इसके बाद जगाधरी के एसडीएम प्रेमचंद और जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी गगनदीप सिंह ने भी अलग-अलग स्थानों पर खुदाई करवाई, वहां भी उसी गहराई में भरपूर मात्रा में पानी निकल गया। सरस्वती नदी को इससे पहले उपग्रह के माध्यम से ही देखा जाता रहा है। 
हजारों वर्षों पहले धरा से लुप्त हो चुकी इस नदी के बारे में केवल पुराणों में ही जानकारी मिलती थी कि कभी कोई सरस्वती नदी हुआ करती थी। लेकिन 5 मई को यह सपना साकार हो गया। जलधारा अचानक फूटने से यह अब शोध का विषय भी बन गया है कि क्या सरस्वती नदी की जलधारा स्वयं भी कुछ ऊपर उठ रही है? क्योंकि कुछ जगह थोड़ी खुदाई में ही सरस्वती का जल बहता दिखाई दिया। यमुनानगर केआदिबद्री क्षेत्र को सरस्वती नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। वहां से पांच किलोमीटर दूर रूलाहेड़ी से इस नदी की खुदाई शुरू की गई थी। माना जा रहा था कि यहां एक बड़ा जलाशय बनाया जाएगा और पहाड़ों पर होने वाली बरसात और सोम नदी के पानी को यहां एकत्रित कर सरस्वती नदी को एक बड़ी नदी के रूप में प्रवाहित किया जाएगा। लेकिन इस पावन धरती पर करिश्मा देखने को मिल गया। रूलाहेड़ी और मुगलवाली के बीच जब खुदाई हो रही थी तो मनरेगा के तहत जो मजदूर लगे थे उन्होंने जैसे ही आठ फुट गहरी खुदाई की तो एक फावड़ा जमीन पर मारते ही नीचे से सरस्वती के पावन जल की धाराएं फूट पड़ीं। इस बात को देख मजदूर हैरान हो गए और उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को भी मौके पर बुला लिया। अधिकारियों ने जब यह करिश्मा देखा तो उनसे रहा नही गया और उन्होंने स्वयं यहां नतमस्तक होकर सरस्वती की खुदाई में अपना योगदान देते हुए खुदाई की।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानंे तो जैसे-जैसे खुदाई हुई वैसे-वैसे जल की धाराएं जमीन से फूटनी शुरू हो गईं। इस कार्य में समाज के हर वर्ग ने बिना किसी भेदभाव के सहयोग किया है और महज 15 दिनों में ही यह खुदाई ढाई से तीन किलोमीटर तक पहुंच गई है। 4 मई को किसी-किसी स्थान पर पानी की कुछ बूंदें जरूर टपकी थीं। 5 मई को जब सरस्वती धरातल पर फुट पड़ी तो जिला प्रशासन खुश होता नजर आ गया। जानकारी के अनुसार यमुनानगर के 42 गांवों में इसका सर्वर्ेक्षण किया गया है। इसके बाद सरस्वती की धारा कुरुक्षेत्र जिला से होते हुए कई स्थानों से गुजरती हुई आगे निकलती है।
85 फुट पर निकला है भू-जल स्तर
इस क्षेत्र में भू-जल स्तर काफी नीचे है। लेकिन यह एक करिश्मा ही है कि जहां पर सरस्वती नदी है उसके आसपास कई पानी के 'ट्यूबवैल' भी लगे हुए हैं और उनमें भूमिगत जलस्तर 85 फुट से नीचे है। लेकिन यहां मात्र आठ फुट नीचे ही खुदाई करने पर सरस्वती का जल निकल आया। इससे सरस्वती नदी के विराजमान होने की पुष्टि हो गई। इससे क्षेत्र के लोगों में उत्साह के साथ एक विश्वास भी पैदा हो गया कि जिस सरस्वती के बारे में सुनते थे अब उस सरस्वती के साक्षात दर्शन भी हो गए हैं।
सरस्वती शोध संस्थान बना भगीरथ
सरस्वती नदी शोध संस्थान के अध्यक्ष दर्शनलाल जैन ने सरस्वती नदी के महत्व को समझा और इसे धरा पर लाने का संकल्प लिया। यह काम अपने हाथ में लिया था उन्होंने 1999 के दौरान जब केन्द्र में राजग की सरकार थी और जगमोहन केन्द्रीय पर्यटन मंत्री थे तो करोड़ों रुपया खर्च करके देश के कई भागों में सरस्वती की खोज में खुदाई का काम हुआ था। लेकिन संप्रग सरकार ने इस नेक कार्य को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इससे एक सार्थक कार्य ही नहीं रुक गया बल्कि करोड़ों रुपए का खर्च बेकार हो गया। अब केन्द्र व प्रदेश में सरकार बदली तो काम फिर से शुरू हो गया और उसके सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। इस सम्बंध में दर्शनलाल जैन ने कहा कि यह पहला कदम है। अभी काफी काम होना है। सरस्वती नदी संजीवनी बनेगी, इससे पानी की कमी तो पूरी होगी ही, साथ ही बरसात के दिनों में बाढ़ का प्रकोप कहर नहीं बरपा पाएगा। उन्होंने इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार की कार्यशैली की सराहना की।
राजस्व रिकॉर्ड में मौजूद
सरस्वती नदी को लेकर किए गए सर्वेक्षण में कई आश्चर्यजनक तथ्य भी सामने आए हैं। जिला उपायुक्त ने बताया कि सरस्वती नदी को धरातल पर लाने के चलते जब राजस्व रिकॉर्ड खंगाला गया तो रिकॉर्ड में सरस्वती नदी के बहने का स्थान मौजूद मिला। सर्वेक्षण में राजस्व विभाग, पंचायती विभाग और सिंचाई विभाग की मदद ली गई। इसके अलावा उपग्रह व अन्य तकनीकी सुविधाओं से भी जमीन को खंगाला गया। इस दौरान रिकॉर्ड में पाया गया कि जिले के कई गांवों में आज भी रास्ता छोड़ा गया है। जहां से पुराने समय में सरस्वती नदी निकलती थी। जिला पंचायत अधिकारी ने बताया कि सरस्वती नदी का सर्वेक्षण उद्गम स्थल से जिला यमुनानगर के कुरुक्षेत्र के साथ लगते अंतिम गांव तक किया गया है।
जमीन के नीचे बहता है जल: इसरो
इसरो के मुताबिक मां सरस्वती की जलधारा अब भी जमीन के नीचे बहती है, जिसका नक्शा उपग्रह के माध्यम से गूगल पर देखा जा सकता है। हरियाणा ने देहरादून की एक प्रयोगशाला से संपर्क कर सरस्वती के जल को जमीन के ऊपर लाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।
मुस्लिम दंपति के हाथों शुभ कार्य
गांव मुगलवाली में करीब 80 मजदूर खुदाई का कार्य कर रहे हैं। 5 मई को मजदूर दंपत्ति सलमा और रफीक द्वारा खुदाई करते समय जल की धारा निकल पड़ी। इस कार्य के लिए दोनों को याद रखा जाएगा।

– डॉ. गणेश दत्त वत्स

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

सीएम धामी का पर्यटन से रोजगार पर फोकस, कहा- ‘मुझे पर्यटन में रोजगार की बढ़ती संख्या चाहिए’

बांग्लादेश से घुसपैठ : धुबरी रहा घुसपैठियों की पसंद, कांग्रेस ने दिया राजनीतिक संरक्षण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies