गिलगित-बाल्टिस्तान - दहशत में जीवन, खतरे में विरासत
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

गिलगित-बाल्टिस्तान – दहशत में जीवन, खतरे में विरासत

by
Apr 28, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 28 Apr 2015 11:53:51

 

गत 19 अप्रैल को चण्डीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय के गोल्डन जुबली हॉल में जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र, चण्डीगढ़ इकाई के तत्वावधान में एक गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें वक्ताओं ने गिलगित-बाल्टिस्तान की दुर्दशा पर चर्चा की और कहा कि पाकिस्तान की मनमर्जी और दमनकारी नीतियों की वजह से वहां के लोग भय के साए में जीवन जी रहे हैं और उनकी सदियों पुरानी परम्परा और विरासत खतरे में है। गोष्ठी के मुख्य वक्ता थे गिलगित के रहने वाले और अमरीका स्थित 'गिलगित-बाल्टिस्तान अध्ययन केन्द्र' के सिंगेशिरीन। उन्होंने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान का क्षेत्र करीब 90 हजार वर्ग किलोमीटर है। इसमें से करीब 20 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र चीनी कब्जे में है। विकास के नाम पर चीन वहां औद्योगिक प्रगति की बात कर रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। चीनी कब्जे वाले क्षेत्र में वहां के मूल लोगों को घुसने भी नहीं दिया जाता है, उन्हें रोजगार के लिए भी कोई काम नहीं दिया जाता है। वहां कार्य करने वाले सिर्फ चीनी और पाकिस्तानी हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में यूरेनियम का एक बड़ा भंडार है। दुर्लभ हीरे-मोती और पत्थर की खानें हैं, जिनको लूटा जा रहा है। गरीबी की मार झेल रहे गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग अपने ही घर में बेगाने बनकर रह गए हैं। कई क्षेत्रों में वे अपनी संपदा का उपभोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी नहीं कर सकते। ऐसा करने पर उन्हें दण्ड दिया जाता है। वहां के मूल लोगों के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है और उन्हें गुमराह करके धीरे-धीरे क्षेत्र पर चीन कब्जा कर रहा है। उन्होंने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान की सीमाएं अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, चीन व भारत के साथ लगी हैं। इसी कारण चीन अपनी विस्तारवादी एवं दादागिरी की नीयत से इस इलाके में अपनी पैठ बढ़ा रहा है, ताकि उसका चारों ओर से भारत को घेरने का मकसद भी पूरा हो सके। भारत को इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों को पाकिस्तान के नागरिकों की तरह न तो अधिकार हैं और न ही सुविधाएं। केवल पाकिस्तान का पासपोर्ट ही हम इस्तेमाल कर सकते हैं, उसमें भीे अधिकार सीमित हैं। वहां के अधिकृत 'गवर्नर' को कोई विशेष अधिकार नही है। सारे अधिकार कश्मीर मामले से जुड़े मंत्रालय के अंतर्गत लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 80 प्रतिशत शिया मुसलमान रहते हैं, जिन पर पाकिस्तान सरकार के इशारे पर सुन्नी समुदाय के लोग एवं मदरसों में रह रहे दहशतगर्दी जुल्म करते हैं। यही नहीं जो भी आवाज बुलंद करता है, उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है। अब तक 300 से 400 लोग मारे जा चुके हैं और अपने हक की मांग कर रहे कई दर्जन नेता उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं और असंख्य लोगों की कोई जानकारी नहीं है। सिंगेशिरीन ने रोष जताते हुए कहा कि इस क्षे़त्र में विकास शून्य है और गरीबी का साया है। स्कूल बंद हैं। अपनी भाषा को हम पढ़ नहीं सकते। अपनी संस्कृति और अपने परम्परागत संस्कारों से हम वंचित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि वहां के लोग जुल्म से डर गए हैं। वे किसी भी हालत में अपनी संस्कृति को बचाए रखना चाहते हैं। इसके लिए आवाज बुलंद हो रही है। पूरी आबादी पाकिस्तान के अन्याय और जुल्म के खिलाफ है और वे अपना हक मांग रहे हैं। अपनी संपदा पर हक जता रहे हैं। अपना निजी स्वामित्व चाहते हैं। केन्द्रीय विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. कुलदीप अग्निहोत्री ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में दमनकारी नीतियां अपनाई जा रही हैं। पाकिस्तान के जुमार्ें को वहां के लोग बेबस होकर सह रहे हैं। लेकिन उनके पक्ष में कोई भी बात करने को आगे नहीं आया है। जो लोग जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं, उन्हें गिलगित-बाल्टिस्तान नजर क्यों नहीं आता? कहां हैं तथाकथित मानवाधिकारी? पूर्व पुलिस महानिदेशक पी़ सी़ डोगरा ने कहा कि भारत को बड़ी संजीदगी से इस विषय को उठाना चाहिए और असहाय लोगों के पक्ष में खड़े होना चाहिए। स्टेंजिन दावा ने कहा कि वहां विकास और न्याय चाहिए, इसके लिए भारत को ही नहीं, दुनिया के सभी देशों को आवाज बुलंद करनी होगी। तभी वहां के लोग सुखी जीवन व्यतीत कर पाएंगे, वहां पर्यटन को भी बढ़ावा मिलना चाहिए। लेकिन यह तभी संभव होगा जब पाकिस्तान व चीन की कुटिल चालों से वे लोग मुक्त होंगे। कार्यक्रम को बी़ आऱ महाजन, के. के़ पाठक और प्रो़ रेणू विज ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के संयोजक थे प्रो़ टंकेश्वर दत्त। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आम जन और विश्वविद्यालय के छात्र उपस्थित थे।
गिलगित-बाल्टिस्तान
गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का एक हिस्सा है। इस क्षेत्र में 7 जिले (हंजानगर, गिलगित, स्कार्दू, गाइजर, गांची, एस्टोर और दीमर) हैं और इन सबको मिलाकर एक स्वायत्तशासी प्रशासन का गठन किया गया है। यह क्षेत्र कभी हिन्दू और बौद्ध-बहुल हुआ करता था। वहां के लोगों के साथ पाकिस्तानी सरकार भेदभाव करती है। पाकिस्तान वहां के खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का जमकर दोहन करता है और वहां के मूल लोग कंगाली में जीवन जी रहे हैं। पाकिस्तान ने कुछ हिस्सा चीन को भी दे दिया है।
पाञ्चजन्य ब्यूरो के साथ
डॉ. गणेशदत्त वत्स

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies