अपनी बात :समर्पण की स्याही, सेवा की कहानी
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अपनी बात :समर्पण की स्याही, सेवा की कहानी

by
Apr 11, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 11 Apr 2015 12:59:50

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक और पहले सरसंघचालक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार कहा करते थे कि समाज की सेवा के लिए किया जाने वाला कोई काम कभी भी साधनों के अभाव में बंद नहीं हुआ, बंद हुआ है तो कार्यकर्ताओं के अभाव में। बात एकदम खरी है। साधन सहज हैं। स्वार्थ को छोड़, अहं को गलाकर समाज के लिए खड़े रहने वाले लोग आसानी से नहीं मिलते। लेकिन दुष्कर कार्य आसान करना, सबसे पहले इस समाज और राष्ट्र की चिंता करना, यही तो संघ प्रेरणा का चमत्कार है। दिल्ली में आायोजित राष्ट्रीय सेवा संगम 2015 में यह चमत्कार दुनिया ने देखा। 'स्वयंस्वीकृतम् कण्टकाकीर्ण मार्गम्' यानी कांटोंभरी राह पर चलने का संकल्प खुद लेने वालों की ऐसी विशाल संख्या! यदि आज यह दृश्य विश्व के सामने है तो संघ की प्रेरणा और सेवा भारती के अनथक परिश्रम के कारण। विविध सेवा प्रकल्पों की डेढ़ लाख कंकरियां समाज-ताल में जगह-जगह तरंगें पैदा कर रही हैं। समर्पण से उपजी सामाजिक बदलाव और सशक्तिकरण की ऐसी-ऐसी कहानियां कि सुनकर रोमांच हो उठे।
'मैं' को होम कर 'हम' हो जाना सहज नहीं, अपने आप में एक यज्ञ है। राष्ट्रीय सेवा संगम इसी यज्ञ का साक्षात्कार कराने वाला आयोजन था।
पाञ्चजन्य के इस अंक का संयोजन विशिष्ट है। समाज सवार्ेपरि की भावना से अनुप्राणित व्यक्ति और संस्थाओं का कार्य इस अंक की विषयवस्तु का केन्द्र है। एक ओर राष्ट्रीय सेवा संगम से छनकर निकली रपट और प्रेरक वक्तव्य हैं तो दूसरी ओर युगदृष्टा डॉ. बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के जीवन के अल्पज्ञात पक्षों को सामने रखती आवरण कथा।
साधन जहां अतिअल्प हैं, जहां अपमान का हलाहल कदम-कदम पर मिलता है, ऐसी विकट परिस्थितियों में भी बाबासाहेब समाज हित की राह पर बढ़ते जाते हैं। संघर्ष की कसौटी पर स्वयं को सिद्ध करते हैं और वह सम्मान और स्थान अर्जित करते हैं जहां से उनकी बात पूरा देश, पूरा समाज सुन सके। विसंगतियों और विषमताओं पर कड़े स्वर में फटकारते हैं, लेकिन साथ ही राष्ट्र की समवेत् शक्ति का आह्वान भी करते हैं। बाबासाहेब का जीवन और सेवाव्रती कार्य की राह एक है। भाव एक है। जहां समाज की चिंता होती है वहां 'स्व' पीछे छूट जाता है। स्वार्थ का खोल तोड़कर व्यक्ति जब आगे बढ़ता है तो समाज के ज्यादा करीब आ जाता है। बात साधनों की नहीं रहती, बात सम्मान की नहीं रहती। सेवा और समर्पण से व्यक्ति समाज से समरस हो जाता है। समाज का दुख अपना दुख, समाज की चिंता अपनी चिंता। बाबासाहेब का जीवन ऐसे लोगों के लिए मिसाल है जो समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं परंतु संसाधनों का रोना रोते हैं। राष्ट्रीय सेवा संगम सेे निकलीं परिवर्तनकारी कहानियां उन सभी के लिए सोच की नई खिड़कियां हैं जिन्हें समझ नहीं आता कि हम कर क्या सकते हैं। जिस देश में एक करोड़ बीस लाख लड़के-लड़कियां हर वर्ष रोजगार की खोज में निकलते हों वहां उद्यमिता और समर्पण से कैसी-कैसी कहानियां लिखी जा सकती हैं, जरा कल्पना कीजिए।
बाबासाहेब की सी सोच से पल्लवित, सेवा भारती जैसे संकल्प से शक्ति पाने वाली कितनी ही और कहानियां अभी और लिखी जानी बाकी हैं। अगली कहानी कौन लिखेगा! पन्ने पलटिए, खुद को पहचानिए, अपने भीतर का संकल्प जगाइए। आपका समाज आपकी प्रतीक्षा में है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

बौद्ध दर्शन

बौद्ध दर्शन: उत्पत्ति, सिद्धांत, विस्तार और विभाजन की कहानी

Free baloch movement

बलूचों ने भारत के प्रति दिखाई एकजुटता, कहा- आपके साथ 60 मिलियन बलूच लोगों का समर्थन

समाधान की राह दिखाती तथागत की विचार संजीवनी

प्रतीकात्मक तस्वीर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना पर टिप्पणी करना पड़ा भारी: चेन्नई की प्रोफेसर एस. लोरा सस्पेंड

British MP Adnan Hussain Blashphemy

यूके में मुस्लिम सांसद अदनान हुसैन को लेकर मचा है बवाल: बेअदबी के एकतरफा इस्तेमाल पर घिरे

पाकिस्तान के साथ युद्धविराम: भारत के लिए सैन्य और नैतिक जीत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बौद्ध दर्शन

बौद्ध दर्शन: उत्पत्ति, सिद्धांत, विस्तार और विभाजन की कहानी

Free baloch movement

बलूचों ने भारत के प्रति दिखाई एकजुटता, कहा- आपके साथ 60 मिलियन बलूच लोगों का समर्थन

समाधान की राह दिखाती तथागत की विचार संजीवनी

प्रतीकात्मक तस्वीर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना पर टिप्पणी करना पड़ा भारी: चेन्नई की प्रोफेसर एस. लोरा सस्पेंड

British MP Adnan Hussain Blashphemy

यूके में मुस्लिम सांसद अदनान हुसैन को लेकर मचा है बवाल: बेअदबी के एकतरफा इस्तेमाल पर घिरे

पाकिस्तान के साथ युद्धविराम: भारत के लिए सैन्य और नैतिक जीत

Indian DRDO developing Brahmos NG

भारत का ब्रम्हास्त्र ‘Brahmos NG’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अब नए अवतार में, पांच गुणा अधिक मारक क्षमता

Peaceful Enviornment after ceasfire between India Pakistan

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद आज क्या हैं हालात, जानें ?

Virender Sehwag Pakistan ceasfire violation

‘कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी ही रहती है’, पाकिस्तान पर क्यों भड़के वीरेंद्र सहवाग?

Operation sindoor

Operation Sindoor: 4 दिन में ही घुटने पर आ गया पाकिस्तान, जबकि भारत ने तो अच्छे से शुरू भी नहीं किया

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies