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'वैदिक धर्म सभी जीवों के कल्याण की बात करता है, प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाने पर जोर देता है। अत: इसके पालन से ही विश्व सुरक्षित रह सकता है। मजहब की आड़ में हिंसा और छल के सहारे सत्ता सुख भोगने वाले लोग कभी भी सच्चे मानव नहीं बन सकते हैं।' ये विचार हैं गुरुकुल प्रभात आश्रम, मेरठ के कुलाधिपति स्वामी विवेकानन्द सरस्वती के। वे गत दिनों मेरठ में आयोजित नवसंवत्सर महोत्सव में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने श्रीनिधि वैदिक पंचांग का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय मंत्री आचार्य राधाकृष्ण मनोड़ी ने कहा कि यदि हमको शान्ति और समृद्धि के साथ जीना है तो पुन: वेदों की ओर लौटना पड़ेगा। समारोह के द्वितीय चरण में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन प्रारम्भ हुआ। -प्रतिनिधि
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