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सर्वोच्च न्यायालय ने बंगलादेशी घुसपैठ पर असम सरकार को सुस्त कार्रवाई के चलते कड़ी फटकार लगाई है। राज्य सरकार द्वारा दाखिल शपथपत्र को शीर्ष न्यायालय ने अस्पष्ट और अत्यधिक असंतोषजनक करार दिया। इस पर राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर तर्कसंगत शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया गया है।
ओडिशा में बसे हैं 3987 बंगलादेशी घुसपैठिये
भारत के विभिन्न राज्यों में बंगलादेशी घुसपैठ के मामले थम नहीं रहे हैं। ओडिशा में 3987 बंगलादेशी घुसैपठिये अवैध रूप से रह रहे हैं। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान यह जानकारी स्वयं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भाजपा विधायक दिलीप कुमार राय द्वारा पूछे गए एक सवाल के उत्तर में दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस संबंध में उचित कदम उठाने के लिए केन्द्र सरकार को अवगत करा रहे हैं।
भाजपा विधायक ने विधानसभा की कार्यवाही के दौरान लिखित में बंगलादेशी घुसपैठियों के बारे में जानकारी मांगी थी। गत 30 मार्च को सदन में इसका उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री पटनायक ने एक सर्वेक्षण के आधार पर यह जानकारी दी कि ओडिशा में 3987 बंगलादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं।
विभिन्न जिलों में बंगलादेशी घुसपैठियों की संख्या इस प्रकार है- केन्द्रपाडा में 1649, जगतसिंहपुर में 1112, मलकानगिरि में 655, भद्रक में 313, बालासोर में 150, नबरंगपुर में 106 और बारागढ़ में दो बंगलादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आगे स्पष्ट किया कि इनमें से किसी का भी मतदाता सूची में नाम दर्ज नहीं है, उसमें केवल भारतीय नागरिक ही शामिल हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने असम सरकार को बंगलादेश से अवैध रूप से भारत की सीमा में जारी घुसपैठ को रोकने के लिए तीन माह पूर्व 17 दिसम्बर को आदेश दिया था कि घुसपैठ रोकने के लिए कारगर कदम उठाए जाएं। इसके तहत भारत-बंगलादेश सीमा पर कंटीले तार लगाने, सीमा पर गश्त और विशेष रूप से रात्रि की गश्त बढ़ाने संबंधी आदेश दिए थे। इस संबंध में गत 31 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान असम सरकार द्वारा दिए गए शपथपत्र में सर्वोच्च न्यायालय को जानकारी दी गई है कि 500 यूनिट के कार्यबल के गठन के लिए कदम उठाए गए हैं, लेकिन अभी ये तैयार नहीं है।
इस पर न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन की खंडपीठ ने कहा कि शपथपत्र न केवल अस्पष्ट है, बल्कि संबंधित अधिकारी को वास्तविकता की जानकारी भी नहीं है। शीर्ष न्यायालय ने इस पर आदेश दिया कि एक सप्ताह के भीतर दिसम्बर में हुई सुनवाई के दौरान फैसले में जिन निर्देशों का पालन करने को कहा गया था, उसकी पूरी जानकारी से अवगत कराया जाए। साथ ही यह भी साफ कर दिया कि शपथपत्र स्पष्ट नहीं होने की सूरत में राज्य के मुख्य सचिव को स्पष्टीकरण के लिए बुलाया जाएगा। ल्ल प्रतिनिधि
'पूवार्ेत्तर का विकास है प्राथमिकता'
ल्ल यह पहली बार है कि जब केन्द्र सरकार मेघालय को देश के दूसरे रेलमार्ग से जोड़ रही है
ल्ल पूवार्ेत्तर के खिलाडि़यों के लिए जल्द ही मणिपुर में 'स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी' की स्थापना की जाएगी
ल्ल आपात स्थिति के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की गई है
दिल्ली में 'माई होम इंडिया' के तत्वावधान में पूर्वात्तर के हजारों लोगों ने 'मीट डोनर मिनिस्टर' कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। उत्तर-पूर्व के कलाकारों ने गीत व नृत्य पेश कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।
गत 26 मार्च को अशोक रोड पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जीतेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर का विकास केन्द्र सरकार की प्राथमिकता है। यहां के सभी राज्यों में समान रूप से विकास कर रही है। उन्होंने बताया कि पहली बार सरकार मेघालय को देश के दूसरे रेलमार्ग से जोड़ रही है। त्रिपुरा में ऊर्जा संयंत्र, 'ईशान उदय' नामक छात्रवृत्ति शुरू की गई है और इन राज्यों में रासायनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 6 कॉलेजों की स्थापना के लिए एक हजार करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय की ओर से पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए दो विशेष छात्रावास बनाए जा रहे हैं। इनमें से एक दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जबकि दूसरा दिल्ली विश्वविद्यालय में तैयार होगा। पूवार्ेत्तर के युवा खिलाडि़यों के लिए जल्द ही मणिपुर में 'स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी' की स्थापना की जाएगी। पूवार्ेत्तर के लोगों के लिए आपात स्थिति के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की गई है। ल्ल प्रतिनिधि
सौहार्द में सेंध का षड्यंत्र
ओडिशा के बालासोर (बालेश्वर) जिले के चांदीपुर रोड पर रामनवमी के दिन शिव मंदिर के निकट तालाब में गोमांस के टुकड़े फेंककर साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की गई, लेकिन प्रशासन और पुलिस की चुस्ती से इस घटना को राजनीतिक रंग देने से पहले ही रोक लिया गया।
जानकारी के मुताबिक बालासोर-चांदीपुर रोड स्थित शिव मंदिर के निकट तालाब में कुछ लोगों ने गोमांस के टुकड़े तैरते हुए देखे थे। इसके बाद पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया और लोगों ने सड़कों पर टायर जलाने शुरू कर दिए। आरोप है कि एक समुदाय विशेष के कुछ तत्वों द्वारा रामनवमी महोत्सव पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। इस प्रकरण के बाद तालाब से पानी निकाल कर सफाई करने की मांग की गई। कानून-व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में जिलाधिकारी सनातन मलिक के नेतृत्व में उप जिलाधिकारी इन्द्रमणि नायक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार नायक ने स्थिति को नियंत्रण में किया। प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद ही अपनी मांग पर अड़े लोगों को वहां से हटाया जा सका और दमकल कर्मियों ने तालाब से पानी निकालकर उसकी सफाई की। ल्ल पंचानन अग्रवाल
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