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कोलकाता में 1 अप्रैल को शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्री दीनानाथ बत्रा को 26वें डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मानस्वरूप उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने एक लाख रुपए का चेक और मानपत्र भेंट किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री मोहनराव भावगत ने कहा कि 'कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।' डॉ. हेडगेवार की तुलना उन्होंने बीज और वृक्ष से करते हुए कहा कि उन्होंने अपने अथक प्रयासों से संघ को खड़ा किया। श्री मोहनराव भागवत ने आगे कहा कि जब तक समाज को ठीक नहीं किया जाएगा, तब तक सामान्यजन में स्वदेश के प्रति भावना जागृत नहीं होगी। ऐसा होने तक भाग्य परिवर्तन की आशा नहीं की जा सकती है। हमने जिन्हें आराध्य माना है, उनके जैसा बनने का प्रयास भी करना चाहिए। केवल पूजा-पाठ, कथा-वाचन से कुछ नहीं होगा।
बाहरी आक्रमणकारियों का जिक्र करते हुए सरसंघचालक ने कहा 'बाहरी आक्रमणकारियों से हम हारे, इसका कारण यह नहीं था कि वे अधिक कुशल, बलवान या धनवान थे, बल्कि कारण था कि हम संगठित नहीं थे। इसलिए मुट्ठी भर लोग हमें रौंद कर चले गए।' इस अवसर पर समारोह के अध्यक्ष पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने श्री बत्रा को शॉल पहनाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि हिन्दुआंे को जागृत होने की जरूरत है। हिन्दुत्व किसी पूजा-पाठ का नाम नहीं है, बल्कि वैश्विक दृष्टि है, जो कि दुनियाभर को मिलनी चाहिए। हिन्दुत्व पर बंगाल को गर्व होना चाहिए क्योंकि स्वामी विवेकानंद ने इसका महत्व विश्व को बताया था।
इस अवसर पर प्रभात प्रकाशन के प्रबंध निदेशक प्रभात कुमार विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री बत्रा ने शिक्षण संस्थान और शिक्षा नीति के बारे में विविध आयोग और शिक्षा आयोग बनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि परीक्षा में उत्तीर्ण व्यक्तियों को ही नीति और पाठ्यक्रम तय करने की जिम्मेदारी मिलनी चाहिए, जिससे कि शिक्षा के क्षेत्र में राजनीति का प्रभाव न रहे। उल्लेखनीय है कि यह सम्मान प्रतिवर्ष श्री कुमारसभा बड़ाबाजार पुस्तकालय द्वारा किसी ऐसी विभूति को दिया जाता है, जिसने समाज को नई दिशा दिखाई हो। श्री दीनानाथ बत्रा वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर कुमारसभा पुस्तकालय के पदाधिकारी डॉ. प्रेम शंकर त्रिपाठी, डॉ. दुर्गा व्यास, महावीर बजाज, वरिष्ठ समाजसेवी जुगलकिशोर जैथेलिया और रा. स्व. संघ पूर्व क्षेत्र के संघचालक श्री अजय नंदी सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।
ल्ल बासुदेब पाल
कश्मीर में मुठभेड़, दो जवान वीरगति को प्राप्त
उत्तरी कश्मीर के हरदशोरा (तंगमर्ग) में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान दो जवान वीरगति को प्राप्त हो गए, इस दौरान एक आम नागरिक भी घायल हो गया। आतंकवादी मुठभेड़ के बाद गोलीबारी कर फरार हो गए। उनकी तलाशी का अभियान जारी है।
सुरक्षाबलों को गत 2 अप्रैल की तड़के सूचना मिली थी कि गुलमर्ग के आधार शिविर तंगमर्ग के गांव हरदशोरा में दो-तीन आतंकवादियों ने प्रवेश किया है। इस सूचना के आधार पर 29 राष्ट्रीय राइफल्स और राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल के जवानों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर अभियान शुरू कर दिया। सुरक्षाकर्मियों ने जैसे ही तलाशी अभियान शुरू किया तो एक घर में छिपे आतंकवादियों ने पहले हथगोला फेंका और फिर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इस गोलीबारी में सेना के चार जवानों सहित एक नागरिक भी घायल हो गया। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां मध्य प्रदेश के देवास निवासी जवान गन्नर जोगेश्वर और बारामुला निवासी पुलिसकर्मी मुहम्मद शफी ने दम तोड़ दिया। अन्य दो जवानों और एक नागरिक का उपचार जारी है। मुठभेड़ के दौरान आतंकवादी गोलीबारी कर मौके से फरार हो गए। उनकी तलाश में सेना ने आसपास के क्षेत्र को खाली करवाकर उन्हें पकड़ने का अभियान छेड़ दिया है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में दोबारा बाढ़ आने पर सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी घुसपैठ होने की आशंका भी जताई थी। कुछ दिनों पूर्व ही क ठुआ में हुए फिदायीन हमले में सेना के दो जवान, एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक सहित चार लोगों की मौत हो गई थी। जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकी सेना ने मार गिराए थे। उस दौरान आतंकियों ने सेना की वर्दी पहन कर पहले जम्मू-पठानकोट मार्ग पर जा रही एक जीप में सवार लोगों का हथियार के बल पर अपहरण किया था। उसी जीप से राजबाग पुलिस थाने पर जाकर गोलीबारी शुरू कर दी थी। प्रतिनिधि
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