रिश्तों की डोर:विदेशों के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जिनका भारत से जुड़ा रहा है नाता
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

रिश्तों की डोर:विदेशों के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जिनका भारत से जुड़ा रहा है नाता

by
Apr 4, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 04 Apr 2015 13:16:22

विवेक शुक्ला
नाइजीरिया के नए राष्ट्रपति 72 वर्षीय मुहम्मदु बुहारी उन बहुत से विश्व नेताओं की फेहरिस्त का हिस्सा बन गए हैं,जो शिखर पर पहुंचने से पहले भी चर्चा में रहे हैं। इस दृष्टि से वे शेख हसीना वाजेद तथा हामिद करजई, सरीखे नेताओं की श्रेणी में शामिल हो गए। बुहारी का भारत से करीबी नाता रहा है। वे 'इंडियन डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज' से स्नातक हैं। तमिलनाडु के वेलिंगटन स्थित इस कॉलेज से उन्होंने 1973 में पढ़ाई पूरी की थी। वेलिंगटन कोयंबतूर से करीब 80 किलोमीटर दूर है। विपक्षी दल 'अन प्रोग्रेसिव कांग्रेस' के उम्मीदवार रहे पूर्व सैन्य तानाशाह बुहारी के निर्वाचन की आधिकारिक घोषणा गत 1 अप्रैल को कर दी गई। यह पहली बार है कि जब नाइजीरिया में राष्ट्रपति चुनाव में किसी विपक्षी उम्मीदवार ने जीत हासिल की है। इससे पहले तीन बार चुनावों में हार का मुंह देख चुके बुहारी ने मौजूदा राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन को करीब 25 लाख मतों से हराया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि अब भारत और नाइजीरिया के संबंध और प्रगाढ़ होंगे।
बंगलादेश में शेख हसीना
शेख हसीना वाजेद तो आज कल पड़ोसी देश बंगलादेश की प्रधानमंत्री हैं। शेख हसीना भारत में 1975-1981 के दौरान रहीं। वे उस दौर में दिल्ली में पति और दोनों बच्चों के साथ निर्वासित जीवन बिता रही थीं। शेख हसीना को एक तरह से दिल्ली ने तब शरण दी थी जब वे अपने जीवन के बेहद मुश्किर दौर से गुजर रही थीं। उनके पिता और बंगलादेश के संस्थापक शेख मुजीब-उर-रहमान, मां और तीन भाइयों की 15 अगस्त,1975 को हत्या कर दी गई थी। इस भयावह हत्याकांड के दौर में शेख हसीना अपने पति एम़ ए़ वाजिद मियां और दो बच्चों के साथ जर्मनी में थीं। वाजिद मियां बतौर 'न्यूक्लियर साइंटिस्ट' वहां पर ही कार्यरत थे।
जाहिर है कि इतनी बड़ी त्रासदी ने शेख हसीना को बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया था और वे टूट चुकी थीं। भारत सरकार ने तब उन्हें परिवार के साथ यहां शरण दी थी। उनका बंगलादेश वापस जाने का सवाल ही नहीं था और तब शेख हसीना सपरिवार भारत आ गईं। उन्हें पंडारा रोड पर सरकारी आवास दिया गया। पति के साथ बेटा साजिब वाजेद जॉय और पुत्री साइमा वाजेद हुसैन पुतुल भी थीं। दोनों बच्चे बहुत छोटे थे। जॉय को दार्जिलिंग के सेंट पॉल स्कूल में दाखिला दिलवा दिया गया। मगर पुत्री शेख हसीना के साथ ही रही। उन छह वर्षों के दौरान शेख हसीना गैर-राजनीतिक थीं, इसके बावजूद कि वे शेख मुजीब जैसे धाकड़ नेता की पुत्री थीं।
वे जब भारत में आईं तब यहां आपातकाल लग चुका था। मुमकिन है कि इस कारण से उन्हें बहुत से लोगों से मिलने की अनुमति नहीं थी। वे स्वयं भी कम ही लोगों से मिलती थीं। तब वे शुभ्रा मुखर्जी (वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी)से काफी-मिलती जुलती थीं। शेख हसीना 2010 में जब बंगलादेश की प्रधानमंत्री के रूप में दिल्ली आईं तो खासतौर पर वे शुभ्रा जी से मिली थीं। उनकी उसी यात्रा के दौरान ममता बनर्जी ने उन्हें नल्ली साडि़यां भेंट की थीं। वे अलग से कोलकाता से उनके लिए रसगुल्ला भी लेकर आई थीं।
वरिष्ठ लेखक अरबिंदो घोष ने बताया कि शेख हसीना तब यहां पर गिनती के लोगों से मिलती-जुलती थीं। उनके साथ पिता के एक करीबी ए़ एल़ खातिब भी रहते थे। उन्होंने ही मुजीब की हत्या पर एक अहम पुस्तक- 'हू किल्ड मुजीब' लिखी थी, जो कि पेशे से पत्रकार थे। इसे विकास पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया था। इसे मुजीब की हत्या पर लिखी सबसे प्रामाणिक पुस्तक माना जाता है। दिल्ली के हिन्दुस्थान फुटबॉल क्लब के प्रमुख डी़ के़ बोस को उस दौर में शेख हसीना से कई बार भेंट करने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि उनकी शेख हसीना से पहली मुलाकात ढाका यूनिवर्सिटी के कुछ अध्यापकों ने करवाई थी। वे दिल्ली आए थे और उनसे स्वदेश लौटने का आग्रह कर रहे थे। उसके बाद उनकी कई बैठकें हुईं। उनमें बंगलादेश के सियासी हाल से लेकर बंगला साहित्य की ताजा हलचलों पर बातचीत होती थी। हर बैठक में रवीन्द्रनाथ ठाकुर की किसी कृति पर चर्चा हो ही जाती थी। उनके सबसे प्रिय लेखक वे ही हैं। बोस ने बताया कि वे उन्हें भारत के बंगला के कवियों और लेखकों की किताबें भेंट करते थे। वे उन पर अगली बैठक में बात करती थीं।
शेख हसीना से जब कोई मिलने जाता था,तब उनके पति भी कुछ देर के लिए आ जाते थे। वे भारत के 'एटोमिक एनर्जी कमीशन' से जुड़ गए थे। शेख हसीना जब 2010 में दिल्ली आईं तो वे उन सभी लोगों से मिली थीं, जो उनके एकाकी दिनों के साथी थे। उन्होंने सभी को उपहार भी भेंट किए। उनकी उस यात्रा का मूल लक्ष्य रवीन्द्रनाथ ठाकुर की 150वीं जयंती को भारत-बंगलादेश द्वारा संयुक्त रूप से मनाने के संबंध में भारतीय नेताओं से बात करना था।
यहां पर ही उन्होंने घोषणा कर दी थी कि वे अपने देश में रवीन्द्रनाथ ठाकुर विश्वविद्यालय स्थापित करेंगी। उनके दोनों बच्चे अपने बचपन के मित्रों से भी मिले थे। तब कहा जा रहा था कि वे अपने परिवार के साथ पंडारा रोड जाएंगी, पर किसी कारणवश यह नहीं हो सका।
म्यांमार में आंग सान सू की
नोबल पुरस्कार विजेता आंग. सान. सू. की. ने दिल्ली के जीसस एंड मैरी कान्वेंट कॉलेज में शुरुआती पढ़ाई की तथा आगे चलकर 1964 में लेडी श्री राम कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की, जब उनकी मां भारत में बर्मा (म्यांमार) की राजदूत हुआ करती थीं। वे 1987-88 में शिमला स्थित भारतीय उच्च अध्ययन संस्था की फैलो रहीं।
अफगानिस्तान में हामिद करजई
अफगानिस्तान के कुछ समय पहले तक राष्ट्रपति रहे हामिद करजई ने 1979 से 1983 तक अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं राजनीति विज्ञान में अपनी मास्टर डिग्री के लिए शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। वह हिंदी एवं उर्दू धारा प्रवाह बोलते हैं। वे भारत के बहुत करीबी हैं।
मालावी के बिंगु वा मुथारिका
बिंगु वा मुथारिका 2004 से 2012 तक मालावी के राष्ट्रपति रहे। मुथारिका ने भारत सरकार की छात्रवृत्ति पर 1961 से 1964 तक यहां पढ़ाई की। उन्होंने दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक की पढ़ाई की और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में अपनी मास्टर डिग्री की पढ़ाई पूरी की।
नेपाल में बाबूराम भट्टाराई
अगस्त, 2011 से मार्च, 2013 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रहे बाबूराम भट्टाराई ने 1970 के दशक में चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर में पढ़ाई की। इन्होंने दिल्ली स्थित स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर से अपनी मास्टर डिग्री की पढ़ाई की और 1986 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पीएचडी की।
भूटान में जिग्मे सिंग्मे वांगचुक
जिग्मे सिंग्मे वांगचुक1972 से 2006 तक (जब उन्होंने अपने बेटे के पक्ष में गद्दी छोड़ी) भूटान के चौथे नरेश रहे। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज दार्जिलिंग में की थी। वांगचुक भूटान के पांचवें एवं वर्तमान नरेश जिग्मे जखेसरनामग्या ल वांगचुक ने अपने पिता से 2006 में राजसिंहासन प्राप्त किया। उन्होंने वेलिंगटन राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज में पढ़ाई की है।
घाना में लेफ्टिनेंट जनरल अकूफो
लेफ्टिनेंट जनरल अकूफो1978- 1979 में घाना के राष्ट्राध्यक्ष रहे। लेफ्टिनेंट जनरल फेड्रिक विलियमक्काजसी अकूफो ने 1973 में राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज मंे पढ़ाई की थी। अकूफो ने घाना में संवैधानिक शासन बहाल करने का प्रयास किया परंतु उन्हें सत्ता से हटा दिया गया तथा 1979 में उन्हें फांसी दे दी गई। उस समय उनकी आयु 42 साल थी।
बंगलादेश के जनरल इरशाद
जनरल हुसैन मोहम्मद इरशाद 1983 से 1990 तक बंगलादेश के राष्ट्रपति रहे जनरल हुसैन मोहम्मद इरशाद भी नेशनल डिफेंस कॉलेज, वेलिंगटन के छात्र रहे हैं। इरशाद ने 1970 के दशक के मध्य में राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज में पढ़ाई की थी। इस समय वह जातीय दल के अध्यक्ष हैं।
नेपाल में बिरेन्द्र बीर बिक्रम शाह
बिरेन्द्र 1972 से लेकर 2001 में मृत्यु होने तक नेपाल के 11वें नरेश थे। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा 1950 के दशक में सेंट जोसेफ कॉलेज, दार्जिलिंग से प्राप्त की थी।
नेपाल में ज्ञानेन्द्र बीर बिक्रम शाह
ज्ञानेन्द्र बीर बिक्रम शाह ने 2001 में अपने भाई शाह बिरेंद्र से राजगद्दी प्राप्त की तथा 2008 तक शासन किया, जब नेपाल गणतंत्र बना, तब वे अपने बड़े भाई की तरह सेंट जोसेफ कॉलेज, दार्जिलिंग के छात्र थे।
फिजी में सिटीवेनी राबुका
सिटीवेनी राबुका1992 से 1999 तक फिजी के प्रधानमंत्री रहे। राबुका ने 1979 में तमिलनाडु के वेलिंगटन स्थित 'डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज' में पढ़े। आजादी से पहले भारत में पढ़े नेता, जो आगे चलकर राष्ट्राध्यक्ष एवं शासनाध्यक्ष बने। इनमें पाकिस्तान के जनरल जिया उल हक (सेंट स्टीफंस कॉलेज), पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अयूब खान एवं लियाकत अली खान (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय), नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बी. पी. कोइराला और जी. पी. कोइराला (बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय) तथा मलेशिया के तीसरे प्रधानमंत्री तुन हुसैन ओन्नो (भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून) आदि शामिल हैं।  इसके अलावा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जनरल परवेज मुशर्रफ का जन्म पुरानी दिल्ली के दरियागंज में हुआ था। भारत दौरे के समय वे अपना पुश्तैनी घर देखने भी गए थे। इस तरह विदेश में राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के पद पर रहने वाले भारत से जुड़े रहे हैं।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Ahmedabad Plane Crash: उड़ान के चंद सेकंड बाद दोनों इंजन बंद, जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Ahmedabad Plane Crash: उड़ान के चंद सेकंड बाद दोनों इंजन बंद, जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

पुलिस की गिरफ्त में अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies