बेंगलुरू में भारतीय प्रशासनिक सेवारवि की मौत, आत्महत्या या साजिश ?
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बेंगलुरू में भारतीय प्रशासनिक सेवारवि की मौत, आत्महत्या या साजिश ?

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Mar 23, 2015, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 23 Mar 2015 13:03:52

 

(आईएएस) 2009 बैच के अधिकारी डी. के. रवि का गत 16 मार्च को संदेहास्पद परिस्थिति में कोरामंगला स्थित सरकारी आवास से शव बरामद किया गया। 35 वर्षीय रवि बेहद ईमानदार अधिकारी थे और कोलार जिले में वे उपायुक्त भी रह चुके थे। 17 मार्च को पोस्टमार्टम के बाद उनका पार्थिक शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनकी ससुराल ले जाया गया, जहां राजनेताआंे सहित, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उनकी मौत को लेकर कोलार में बंद का आह्वान किया गया। प्रदर्शनकारियों ने निजी बसों को निशाना बनाकर एक विधायक के घर पर भी पथराव किया और टायर जलाकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर घंटों जाम लगाया। कर्नाटक विधानसभा में बजट सत्र के दौरान इस अधिकारी की मौत का मामला छाया रहा, सरकार पर एक ईमानदार अधिकारी को न बचा पाने का आरोप भी लगा। विपक्ष सहित अनेक संगठनों ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की।
जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक अधिकारी की पत्नी जब घर पहंुची तो रवि का शव पंखे से लटका मिला। मौके पर पहुंची पुलिस के अनुसार रवि ने फांसी लगाई हुई थी, घटनास्थल से कोई 'सुसाइड नोट' बरामद नहीं हुआ है। कर्नाटक के पुलिस आयुक्त एम. एन. रेड्डी के अनुसार शुरुआती जांच में यह खुदकुशी का मामला लग रहा है। रवि घटना वाले दिन घर पर अकेले थे और सुबह 11 बजे के बाद उन्होंने किसी से फोन पर बात भी नहीं की।
उनकी पत्नी ने पुलिस को बताया कि रवि दोपहर तक कार्यालय नहीं गए थे और न ही किसी का फोन उठा रहे थे। उस दौरान रवि के कार्यालय से भी कई कर्मचारी उनके आवास पर गए थे, लेकिन दरवाजा खटखटाने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। शाम को कर्मचारियों के साथ पहंुची रवि की पत्नी ने 'डुप्लीकेट' चाबी से दरवाजा खोला तो रवि पंखे से फांसी लगाकर लटके मिले थे। पुलिस रवि के 'कॉल रिकॉर्ड' और सीसीटीवी कैमरे की मदद से अपार्टमेंट में आने-जाने वाले लोगों का रिकॉर्ड भी खंगाल रही है। इस मामले की पुलिस उपायुक्त रोहिणी कटोच के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल जांच कर रहा है।
डी. के. रवि अभी वाणिज्य कर विभाग में संयुक्त आयुक्त के पद पर कार्यरत थे। रवि अपनी ईमानदारी की वजह से कुछ ही समय में काफी लोकप्रिय हो गए थे। कोलार में उपायुक्त के पद पर रहते उन्हें काफी सम्मान मिला था। उन्होंने कोलार में रेत माफिया पर शिकंजा कस दिया था और अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई करते हुए सरकारी भूमि को मुक्त कराया था। वर्तमान में वाणिज्य कर विभाग में संयुक्त आयुक्त के पद पर रहते हुए उन्होंने बिल्डर माफिया पर नकेल कस दी थी। उनके कार्यकाल में विभाग को बिल्डर माफिया से करीब 100 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, जो कि वर्षांे से बकाया था। उनके इस पद पर आने के बाद से ही वे बिल्डर माफिया की नजरों की किरकिरी बन चुके थे। गत एक माह से बिल्डर माफिया पर सख्त निर्णय लेने के कारण पिछले काफी समय से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं और कुछ नेता, बिल्डर माफिया,व निजी कंपनियों के दबाव पर उनका तबादला कराने में जुट गए थे। कर्नाटक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संघचालक वी. नागराज ने डी. के. रवि की संदिग्ध मौत को हृदयविदारक घटना बताते हुए संवेदना व्यक्त की और कहा कि वे एक ईमानदार अधिकारी थे जिन पर पूरे राज्य को गर्व है। उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि इस घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रहलाद जोशी ने कहा कि रवि एक असाधारण व्यक्ति थे, जो कि कभी आत्महत्या नहीं कर सकते। भाजपा प्रवक्ता जी. वी. एल. नरसिम्हा राव ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी की रहस्यमय मौत से उन्हें काफी आघात पहंुचा है। उनका कहना है कि रवि की मौत के पीछे बिल्डर माफिया पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कर्नाटक के अनेक प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने साथी रवि की मौत के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 'ऑनलाइन' याचिका भेजकर जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है। रवि की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत की निष्पक्ष जांच और दोषियों का चेहरा उजागर करने की मांग 'सोशल साइट्स' पर उठ चुकी है। एक संगठन से करीब 14 लाख लोग 'सोशल साइट्स' पर रवि को न्याय दिलाने की मांग लेकर विशेष अभियान छेड़ चुके हैं।  ल्ल प्रतिनिधि
बेंगलुरू में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) 2009 बैच के अधिकारी डी. के. रवि का गत 16 मार्च को संदेहास्पद परिस्थिति में कोरामंगला स्थित सरकारी आवास से शव बरामद किया गया। 35 वर्षीय रवि बेहद ईमानदार अधिकारी थे और कोलार जिले में वे उपायुक्त भी रह चुके थे। 17 मार्च को पोस्टमार्टम के बाद उनका पार्थिक शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनकी ससुराल ले जाया गया, जहां राजनेताआंे सहित, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उनकी मौत को लेकर कोलार में बंद का आह्वान किया गया। प्रदर्शनकारियों ने निजी बसों को निशाना बनाकर एक विधायक के घर पर भी पथराव किया और टायर जलाकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर घंटों जाम लगाया। कर्नाटक विधानसभा में बजट सत्र के दौरान इस अधिकारी की मौत का मामला छाया रहा, सरकार पर एक ईमानदार अधिकारी को न बचा पाने का आरोप भी लगा। विपक्ष सहित अनेक संगठनों ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की।
जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक अधिकारी की पत्नी जब घर पहंुची तो रवि का शव पंखे से लटका मिला। मौके पर पहुंची पुलिस के अनुसार रवि ने फांसी लगाई हुई थी, घटनास्थल से कोई 'सुसाइड नोट' बरामद नहीं हुआ है। कर्नाटक के पुलिस आयुक्त एम. एन. रेड्डी के अनुसार शुरुआती जांच में यह खुदकुशी का मामला लग रहा है। रवि घटना वाले दिन घर पर अकेले थे और सुबह 11 बजे के बाद उन्होंने किसी से फोन पर बात भी नहीं की।
उनकी पत्नी ने पुलिस को बताया कि रवि दोपहर तक कार्यालय नहीं गए थे और न ही किसी का फोन उठा रहे थे। उस दौरान रवि के कार्यालय से भी कई कर्मचारी उनके आवास पर गए थे, लेकिन दरवाजा खटखटाने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। शाम को कर्मचारियों के साथ पहंुची रवि की पत्नी ने 'डुप्लीकेट' चाबी से दरवाजा खोला तो रवि पंखे से फांसी लगाकर लटके मिले थे। पुलिस रवि के 'कॉल रिकॉर्ड' और सीसीटीवी कैमरे की मदद से अपार्टमेंट में आने-जाने वाले लोगों का रिकॉर्ड भी खंगाल रही है। इस मामले की पुलिस उपायुक्त रोहिणी कटोच के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल जांच कर रहा है।
डी. के. रवि अभी वाणिज्य कर विभाग में संयुक्त आयुक्त के पद पर कार्यरत थे। रवि अपनी ईमानदारी की वजह से कुछ ही समय में काफी लोकप्रिय हो गए थे। कोलार में उपायुक्त के पद पर रहते उन्हें काफी सम्मान मिला था। उन्होंने कोलार में रेत माफिया पर शिकंजा कस दिया था और अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई करते हुए सरकारी भूमि को मुक्त कराया था। वर्तमान में वाणिज्य कर विभाग में संयुक्त आयुक्त के पद पर रहते हुए उन्होंने बिल्डर माफिया पर नकेल कस दी थी। उनके कार्यकाल में विभाग को बिल्डर माफिया से करीब 100 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, जो कि वर्षांे से बकाया था। उनके इस पद पर आने के बाद से ही वे बिल्डर माफिया की नजरों की किरकिरी बन चुके थे। गत एक माह से बिल्डर माफिया पर सख्त निर्णय लेने के कारण पिछले काफी समय से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं और कुछ नेता, बिल्डर माफिया,व निजी कंपनियों के दबाव पर उनका तबादला कराने में जुट गए थे। कर्नाटक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संघचालक वी. नागराज ने डी. के. रवि की संदिग्ध मौत को हृदयविदारक घटना बताते हुए संवेदना व्यक्त की और कहा कि वे एक ईमानदार अधिकारी थे जिन पर पूरे राज्य को गर्व है। उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि इस घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रहलाद जोशी ने कहा कि रवि एक असाधारण व्यक्ति थे, जो कि कभी आत्महत्या नहीं कर सकते। भाजपा प्रवक्ता जी. वी. एल. नरसिम्हा राव ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी की रहस्यमय मौत से उन्हें काफी आघात पहंुचा है। उनका कहना है कि रवि की मौत के पीछे बिल्डर माफिया पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कर्नाटक के अनेक प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने साथी रवि की मौत के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 'ऑनलाइन' याचिका भेजकर जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है। रवि की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत की निष्पक्ष जांच और दोषियों का चेहरा उजागर करने की मांग 'सोशल साइट्स' पर उठ चुकी है। एक संगठन से करीब 14 लाख लोग 'सोशल साइट्स' पर रवि को न्याय दिलाने की मांग लेकर विशेष अभियान छेड़ चुके हैं।  ल्ल प्रतिनिधि

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