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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, चित्तौड़ प्रान्त की अजयमेरु महानगर इकाई का शिशु स्वयंसेवक संगम गत 1 मार्च को अजमेर के आजाद मैदान में आयोजित हुआ। संगम में पूर्ण गणवेश में सैकड़ों शिशु स्वयंसेवकों ने अपने अभिभावकों के संग भाग लिया। शिशु स्वयंसेवकों के लिए परम्परागत खेलों के अलावा गुब्बारे फूलाना, चम्मच दौड़, जलेबी दौड़ आदि रोचक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। बौद्धिक खेलों में स्वयंसेवकों के साथ-साथ उनके अभिभावकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम में राजस्थान क्षेत्र के संघचालक श्री पुरुषोत्तम परांजपे, शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्री विनोद मेलाना तथा जोधपुर प्रान्त कार्यवाह श्री जसवंत खत्री भी उपस्थित थे।
संगम में श्री पुरुषोत्तम परांजपे ने भारतीय संस्कृति की अनूठी परम्परा संयुक्त परिवार का महत्व बताते हुए कहा कि विदेशों में इस बात को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया जाता है कि कोई दम्पति अपने माता-पिता के साथ कैसे रह लेता है। उन्होंने यह भी कहा कि शाखा में होने वाले कार्यक्रमों से स्वयंसेवकों में साहस, निडरता, निर्णय लेने की क्षमता, नेतृत्व क्षमता आदि गुणों का विकास होता है। प्रतिनिधि
अरुणिमा और वसंतराव को श्रीगुरुजी पुरस्कार
पुणे में पिछले दिनों रा.स्व.संघ, जनकल्याण समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम विकलांग युवती अरुणिमा सिन्हा को श्रीगुरुजी पुरस्कार-2015 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें समिति के प्रान्त अध्यक्ष डॉ. रविन्द्र सातालकर ने दिया। इनके साथ ही कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले श्री वसंतराव ताम्हणकर को भी यह पुरस्कार दिया गया। मुख्य अतिथि और प्रसिद्ध उद्योगपति डॉ. दीपक जिशहा ने उन्हें यह सम्मान भेंट किया। पुरस्कारस्वरूप इन दोनों को एक-एक लाख रु. की राशि, प्रतीक चिह्न और मानपत्र भेंट किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे श्री प्रकाश पाठक। इस अवसर पर अनेक संगठनों के वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे। ल्ल प्रतिनिधि
विवेकानंद विद्यालय में बच्चों ने किया मातृ-पूजन
गत दिनों डिब्रूगढ़ स्थित विवेकानन्द केन्द्रीय विद्यालय के प्रांगण में मातृ दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यालय से विदा ले रहे विद्यार्थियों के लिए यह कार्यक्रम यादगार बन गया। कार्यक्रम के आरम्भ में सभी विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी माताओं के पैरों को पानी से पखारा और उनकी पूजा की। इसके बाद सभी ने भारत माता की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की। माताओं ने बच्चांे के उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ उन्हें आशीर्वाद दिया। समारोह में उपस्थित अभिभावकों व छात्रों को सम्बोधित करते हुए प्रधानाचार्य रविन्द्रनाथ डी. सवदेकर ने कहा कि माता बच्चांे को जन्म देने के साथ ही उनकी प्रथम गुरु होती हैं। इसके साथ ही प्रत्येक मोड़ पर बच्चों का मार्गदर्शक होती हैं। इसलिए उनका ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकता। वहीं समारोह के अंत में अभिभावकों व बच्चांे ने अपने अनुभव भी व्यक्त किए। ल्ल मनोज पाण्डेय
राष्ट्र सेविका समिति की अर्द्धवार्षिक बैठक सम्पन्न
पिछले दिनों जयपुर से 25 किलोमीटर दूर बिरामी स्थित भुवाल माता मन्दिर के प्रांगण में राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की तीन दिवसीय अर्द्धवार्षिक बैठक आयोजित हुई। बैठक में देशभर से कुल 75 बहनों ने भाग लिया। बैठक में समिति की प्रमुख कार्यवाहिका सीता अक्का ने पिछले छह माह की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में शाखा युक्त जिलों की संख्या 459 है। दैनिक शाखाओं की संख्या 355, साप्ताहिक शाखाओं की संख्या 1950 और 171 मिलन शाखाएं हैं। अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख शरद रेणु ने तीन स्थानों पर हुए केन्द्रीय बौद्धिक अभ्यास वर्ग के बारे में बताया। अखिल भारतीय सह कार्यवाहिका अलका ताई ने अखिल भारतीय कार्यकर्ता शिविर की जानकारी दी। समापन सत्र में प्रमुख संचालिका शान्ता अक्का ने सेविकाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें भारत मां के चरणों पर पुष्प के समान अर्पित होना है। राष्ट्र की सेवा, संरक्षण और सम्मान का व्रत लेना है। ल्ल प्रतिनिधि
'चेतना' का तृतीय वार्षिकोत्सव सम्पन्न
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च को नई दिल्ली में महिला जागृति संगठन 'चेतना' द्वारा तृतीय वार्षिकोत्सव आयोजित किया गया। इसकी मुख्य अतिथि थीं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती ललिता कुमारमंगलम। अपने उद्बोधन में श्रीमती कुमारमंगलम ने कहा कि महिला सशक्तिकरण से ही देश का सम्पूर्ण विकास संभव है। महिला सुरक्षा और लैंगिक समानता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर युवतियों और महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी जागरूक बनाने की जरूरत है। तभी समानता के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने चेतना द्वारा लैंगिक समानता के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। चेतना की महासचिव श्रीमती प्रज्ञा परांडे ने चेतना द्वारा वर्ष 2014 में किए गए कायोंर् का वृत्तचित्र प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में चेतना की कार्यकर्ताओं ने अपने अनुभवों को भी साझा किया। कार्यकर्ताओं के एक समूह ने सूफी संगीत एवं श्रीगणेश नाट्य विद्यालय से आए विद्यार्थियों ने भरतनाट्यम (शास्त्रीय नृत्य) की मनमोहक प्रस्तुति दी। इसके बाद लैंगिक समानता विषय पर एक सामूहिक चर्चा हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी और दर्शकों के प्रश्नों का जवाब दिया। कार्यक्रम में पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेश शंकर ने मीडिया में महिलाओं की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला। भारतीय महिला बैंक की मुख्य प्रबंधिका श्रीमती नयना सहस्रबुद्धे ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर दिया। कार्यक्रम में प्रसन्ना सलाह केन्द्र, बेंगलुरू की मुख्य संचालिका एम.सी. पंकजा को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर मनोवैज्ञानिक श्री राजीव मेहता एवं सवार्ेच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता माधवी दीवान सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
चेतना संस्था महिलाओं के बीच काम करती है। कन्या भ्रूण हत्या, लैंगिक समानता, महिला सुरक्षा आदि के क्षेत्र में इस संस्था के उल्लेखनीय कार्य हैं। 'चेतना' और 'प्रसन्ना सलाह केन्द्र' के तत्वावधान में देश के अलग-अलग हिस्सों में कन्या रक्षा के लिए शिविर लगाए जाते हैं। इन शिविरों में लड़कियों को आत्मसुरक्षा के उपाय बताए जाते हैं।
ल्ल प्रतिनिधि
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