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दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पेट्रोलियम मंत्रालय में जासूसी करने वाले सात लोगों का पर्दाफाश किया है। कर्मचारियों की मिलीभगत से मंत्रालय से गोपनीय दस्तावेज चोरी किए जा रहे थे। आरोपी शास्त्री भवन से फाइल लेकर जाते समय सीसीटीवी कैमरे भी बंद कर देते थे।
पुलिस जानकारी के अनुसार गत 17 फरवरी को गुप्त सूचना के आधार पर अपराध शाखा की टीम ने शास्त्री भवन के बाहर खड़ी एक इंडिगो कार से तीन लोगों को गिरफ्तार किया। कार पर भारत सरकार का फर्जी स्टीकर भी लगा हुआ था। इनसे कुछ निजी कंपनियों के 'लेटर हेड' भी बरामद हुए हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान खिचड़ीपुर निवासी ललता प्रसाद, नौरोजी नगर निवासी राकेश कुमार और वैशाली गाजियाबाद निवासी राजकुमार चौबे के रूप में की गई है। इनसे 'डुप्लीकेट' चाबी, फर्जी पहचान पत्र और मंत्रालय में प्रवेश करने के लिए बनाए गए पास बरामद किए गए। 'डुप्लीकेट' चाबी की मदद से ही आरोपी मंत्रालय के अधिकारियों के शाम को कार्यालय से जाने के बाद वहां रखी गोपनीय फाइलें चुराते थे। इस सम्बंध में अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ललता प्रसाद और राकेश कुमार दोनों भाई हैं, ये दोनों बहुउद्देशीय कार्य के लिए अस्थाई कर्मचारी के तौर पर शास्त्री भवन में काम कर चुके थे। इसके बाद राकेश के पिता और चाचा नौरोजी नगर निवासी आशाराम और नांगलोई निवासी ईश्वर सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों भी शास्त्री भवन में अस्थाई कर्मचारी के तौर पर कार्यरत थे।
वर्ष 2012 में ललता और राकेश ने अस्थाई कर्मचारी की नौकरी छोड़ दी थी, लेकिन इसके बाद उन्होंने सोचा कि वे आसानी से शास्त्री भवन से दस्तावेज गायब कर सकते हैं और फिर पांचों इस गोरखधंधे में जुट गए। पुलिस ने 20 फरवरी को 'इंडियन पेट्रो' समूह के पूर्व पत्रकार शांतनु सैकिया और एक सलाहकार प्रयास जैन को भी गिरफ्तार कर लिया। इन लोगों ने कई निजी कंपनियों को दस्तावेज बेचे थे जिसमें रिलायंस समूह का नाम भी शामिल है।
सातों लोगों को न्यायालय में पेश किया गया जिसके बाद ललता, राकेश, प्रयास और शांतनु को 23 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया, अन्य को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। कुछ समय पूर्व शास्त्री भवन में लगे सीसीटीवी कैमरों की इन्हें बखूबी जानकारी थी, ये लोग चोरी करते समय कैमरों को बंद कर देते थे। इसके पीछे मंत्रालय के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।
पुलिस की कई टीमें छापेमारी के लिए अलग-अलग स्थानों पर भेजी गई हैं। इस गोरखधंधे का पर्दाफाश होने से शास्त्री भवन में स्थित विभिन्न मंत्रालयों की सुरक्षा दुरुस्त करने पर जोर देने की आवश्यकता है। ल्ल प्रतिनिधि
सारदा घोटाले में सीबीआई ने दाखिल कियाआरोपपत्र
सारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई ने न्यायालय में 18 फरवरी को पूरक आरोपपत्र दाखिल कर दिया। इसमें कुछ मीडिया घरानों के नाम भी शामिल हैं।
सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के अलीपुर न्यायालय में परिवहन मंत्री मदन मित्रा, पूर्व तृणमूल सांसद सृंजय बोस, तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष, सारदा गु्रप के प्रमुख सुदीप्त सेन के वकील नरेश भालोटिया आदि लोग शामिल हैं। इससे पहले सात लोगों को मूल आरोपपत्र में शामिल किया जा चुका है। इन आरोपियों के खिलाफ आपराधिक प्रवृति और धोखाधड़ी करने और आपराधिक षड्यंत्र रचने के तहत मामले दर्ज हैं। इन पर चिट फंड विरोधी कानून के तहत भी आरोप हैं। सीबीआई ने पूरक आरोपपत्र मदन मित्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई होने से पहले ही दायर कर दिया है। न्यायालय ने आरोपी व मंत्री मदन मित्रा को जमानत देने से मना कर दिया था। मित्रा ने 24 परगना जिला स्थित न्यायालय में यह कहकर जमानत मांगी थी कि सीबीआई के पास सारदा घोटाले में उनकी सीधी संलिप्तता को लेकर कोई ठोस आधार नहीं है। इस दलील को सुनकर न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से मना कर दिया।
सीबीआई द्वारा पहले दाखिले किए गए मूल आरोपपत्र में सुदीप्त सेन, देवयानी मुखर्जी, रजत मजूमदार, देवब्रत सरकार, संधीर अग्रवाल, सज्जन अग्रवाल और सदानंद गोगोई शामिल हैं। इनमें से रजत मजूमदार और सृंजय बोस को सशर्त जमानत मिल चुकी है। प्रतिनिधि
आआपा में दागियों के विधायक बनने पर नाखुश भूषण
दिल्ली में प्रचंड बहुमत से सत्ता में आने पर भी आआपा के संस्थापक सदस्य व वरिष्ठ नेता शांति भूषण ने अरविंद केजरीवाल को बधाई नहीं दी। वे पार्टी की जीत पर तो खुश थे, लेकिन दागी छवि वालों को पार्टी में शामिल करने की बात से खासे नाराज थे।
पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पर उन्होंने सत्ता को किसी भी कीमत पर हासिल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में करीब 23 विधायकों की छवि खराब है। ऐसे विधायकों पर न केवल आपराधिक मामले दर्ज हैं, बल्कि रीयल एस्टेट के एजेंट तक शामिल हैं। शांति भूषण ने ऐसे दागी विधायकों को मंत्री न बनाने की अपील करने के साथ-साथ ये भी कहा था कि आआपा में अंदरूनी सुधार की आवश्यकता है। आआपा में ओखला से विधायक बने अमानतुल्ला खान पर साम्प्रदायिक पोस्टर लगाने के आरोप लग चुके हैं। पालम से विधायक भावना गौड़ पर पार्टी फंड में घोटाले का आरोप रहा है। इसके अलावा मुनीरका, छतरपुर, तुगलकाबाद, नरेला, बवाना और सीलमपुर के विधायकों पर भी आरोप लग चुके हैं। ल्ल प्रतिनिधि
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