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रांची के जनवादियों के बीच में झारखंड के मानवाधिकार कार्यकर्ता ग्लैडसन डूंगडूंग पर हुई 'एफआईआर' इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। यह एफआईआर डूंगडूंग की पत्नी बरखा लाकड़ा ने कराई है। इस मामले में अपनी सफाई देने के लिए डूंगडूंग उपलब्ध नहीं हुए। यहां प्रस्तुत है, इस पूरे मामले पर बरखा से बातचीत के अंश:
ल्ल ग्लैडसन डूंगडूंग के संपर्क में आप कैसे आईं और कैसे एक-दूसरे से अलग पंथ होने पर भी शादी कर ली?
मैं रांची, बरियातु की रहने वाली हूं। मेरी शादी ग्लैडसन से 27 मई, 2011 को सामाजिक रीति-रिवाज के साथ हुई थी और फिर 30, मई 2011 को चर्च के नियमों से हुई। दो बार शादी करने की वजह यह थी कि मैं सरना पंथ (वनवासी) मानती हूं। ग्लैडसन ईसाई थे। दोनों के ही समाज अलग-अलग हैं। मेरा परिवार बड़ा है। मेरे परिवार वाले कभी स्वीकार नहीं करते कि मैं ईसाई बन जाऊं । दोनांे परिवारों ने तय किया कि पहले मेरी शादी सरना पंथ से होगी, उसके बाद मेरी शादी ईसाई रीति से होगी। इसलिए हम ने निर्णय लिया कि दोनों परिवारोें को रीति -रिवाज से शादी करने की बात कहेंगे तो वे स्वीकार कर लेंगे। वास्तव में इस बात पर दोनों के परिवार वाले राजी हो गए। मेरे परिवार में थोड़ी परेशानी हुई क्योंकि पहले किसी ने ईसाई से शादी नहीं की थी। मैं ईसाई से शादी करने वाली पहली लड़की थी। इस कारण से परिवार में सभी को अजीब सा लगा था, लेकिन सबने सोचा कि समाज बदल रहा है तो उन्हें भी अपनी सोच बदल लेनी चाहिए। परिवार वालों के लिए मेरी खुशी अहम थी, इस कारण से हमारी शादी हो गई।
ल्ल ग्लैडसन डूंगडूंग स्वयं को मानवाधिकार कार्यकर्ता कहते हैं। उनकी पत्नी का ईसाई बनना क्यों जरूरी था? आप सरना बनकर ही उनकी पत्नी क्यों नहीं रह सकती थीं?
ग्लैडसन चर्च के साथ काम कर रहे थे। वह कहते थे कि चर्च में मेरी अलग पहचान है। मैं उनकी पत्नी बनकर ईसाई नहीं बनी तो उनकी इज्जत चली जाएगी। मैं चर्च नहीं जाती थी तो वह मुझसे कहते थे कि मैं चर्च क्यों नहीं जाती? क्या मुझे ईसाई बनना अच्छा नहीं लगता है?
वह पादरी लोगों के साथ काम करते थे। उन्हें मेरी वजह से ताने न सुनने पड़ंे इसलिए मुझे ईसाई बनना पड़ा। इस तरह अपने पंथ में महिला को शामिल कर लेना, पुरुष प्रधान समाज वाली सोच है। इसलिए उसने कहा कि मुझे शपथपत्र देना पड़ेगा, ईसाई बनने के लिए। मतांतरण को लेकर शुरू में हमारे बीच ना-नुकु र हुई थी, लेकिन बाद में मैंने जब ईसाई बनना स्वीकार किया तो वे शादी के लिए तैयार हो गए। शादी के बाद वे मुझ पर दबाव बनाते रहे कि मैं काली-गणेश की पूजा करने के बजाय चर्च जाया करूं। मैंने ग्लैडसन की खुशी के लिए गले में 'क्रॉस' पहना शुरू कर दिया और मैं चर्च जाने लगी, लेकिन वह मेरे ऊपर विश्वास नहीं करता था कि मैं पूरी तरह से 'कन्वर्ट' हो चुकी हूं।
ल्ल क्या यह टकराव सिर्फ पंथ को लेकर था या कैरियर को लेकर भी हितों का टकराव हुआ?
2005 में हमारी मुलाकात हुई। हम दोनों एक एनजीओ मंथन में मिले थे। शादी से पहले हम दोनों मंथन के लिए तीन हजार रुपए में काम कर रहे थे। उसी दौरान हमने तय किया कि हम अनाथ बच्चों के लिए काम करेंगे। तब ग्लैडसन के पास यूरोप से काफी रुपया आता था। उसके मित्र रुपया भेजते थे। उस समय 15 अनाथ बच्चों को हमने अपने पास रखा था। ग्लैडसन उन दिनों 'पीपुल्स वाच' के लिए काम करते थे और मैं बच्चों को मां की तरह संभालती थी। ग्लैडसन उस दौरान अपने कैरियर को लेकर चिंता कर रहे थे और स्वयं को आगे बढ़ा रहे थे। मैंने अपना जीवन बच्चों की सेवा में लगा दिया था। उनकी देखभाल के लिए एम. ए. की परीक्षा को बीच में ही छोड़ दिया, जिसे बाद में पूरा किया। मैंने 2009 में एनजीओ 'एक्शन एड' 'ज्वाइन' किया था, लेकिन ग्लैडसन को लगता था कि मेरी नौकरी की वजह से उसके कैरियर मंे बाधा आ रही है। इसलिए ग्लैडसन के लिए मैंने नौकरी छोड़ दी।
ल्ल आपकी शादी सहमति से हुई थी और ग्लैडसन की लगभग सभी शतार्ें को एक के बाद एक स्वीकार कर रही थीं तो फिर दोनों के बीच रिश्ते खराब क्यों हुए?
शादी के बाद सबकुछ अच्छा ही चल रहा था। अचानक जब उनका प्रेम बढ़ गया तो मुझे थोड़ा संदेह हुआ, लेकिन मैंने अधिक नहीं सोचा। एक दिन मैंने उनके मोबाइल में मैसेज पढ़ा- 'सॉरी हनी, आई कुड नॉट रिसीव योर कॉल।' फिर भी मैंने इस मैसेज को अनदेखा कर दिया।
दूसरी बार जब मैं ग्लैडसन के फोन से अपने एक मित्र से बात कर रही थी तब बार-बार उस लड़की का फोन आ रहा था। मैंने उस लड़की से बात की। इस बारे में जब ग्लैडसन को पता चला कि मैंने उससे बात की है तो वह काफी नाराज हो गया और उसके बाद मेरे प्रति उसका रवैया भी बदल गया। धीरे-धीरे वह मुझसे दूर होने लगा। उसके जीवन में एक खरिया लड़की आ चुकी थी। गत 24 दिसम्बर की रात उसने मेरे सामने एक सफेद साड़ी फेंक कर कहा कि 'तुम मेरे लिए एक बड़ी बाधा बन गई हो। न तुम मुझे काम करने देती हो और न ही जीने देती हो।'
मैंने उनसे इतना ही कहा कि 'मैं तुम्हारी पत्नी हूं जिसके नाते मेरा अधिकार भी है जानने का।' इस पर उन्होंने कहा कि 'ऐसा करो कि न तुम रहोगी और न सवाल करोगी।' इस पर उन्हांेने कहा कि साड़ी से फांसी लगा लो और अपने दोस्त अभय खाखा से कहा कि मुझे वह दिल्ली में नौकरी दिलवा दे। वास्तव में जब मैं दिल्ली में नौकरी करना चाहती थी, उस समय ग्लैडसन ने नौकरी नहीं करने दी। अब वे क्यों स्वयं मुझे दिल्ली भेजना चाहते थे। ल्ल क्या मोबाइल की 'कॉल' डिटेल या एसएमएस की वजह से आपने ग्लैडसन पर संदेह किया?
उनके मोबाइल फोन में अश्लील एसएमएस भरे हुए थे। यह देखकर विश्वास नहीं हुआ कि यह एक 'ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट' का फोन है। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि जो देख रही हूं, वह फिल्म है या सच! इस बात के लिए स्वयं को तैयार करना कठिन था कि यह उसी व्यक्ति का मोबाइल है, जो समाज में इतनी बड़ी बड़ी बातें करता है।
ल्ल पति के खिलाफ एफआईआर का निर्णय लेना आसान तो नहीं रहा होगा? यह निर्णय कैसे लिया आपने?
ग्लैडसन अपनी महिला मित्रों के साथ मेरे सामने ही आकर अश्लील बातें करता था। इन हालातों से तंग आकर मैंने जनवरी माह में फिनाइल पी ली थी। इस पर ग्लैडसन ने मुझे अस्पताल ले जाने की बजाय मायके वालों को फोन कर दिया कि वे मुझे ले जाएं। क्योंकि मैं उन्हें फंसाना चाहती हूं। उन्होंने मेरी डायरी के पन्ने फाड़ कर जला दिए। उन पन्नों में वह दर्दभरी कहानी लिखी थी, जो मंैने ग्लैडसन के साथ झेली थी। आखिर में मेरी मां और भाई मुझे अस्पताल लेकर गए।
जीवन के इस हादसे को भी मैंने भुला दिया। फरवरी में उनके पास मैं फिर से गई। वे फिर से मुझे प्रताडि़त करने लगे। मुझ पर हो रहे अत्याचार को देखकर एक शुभचितंक ने कहा कि मैं अब चुप न रहूं और मुझे अब बोलना चाहिए। मैंने हमेशा मां और भैया को रोका कि वे ग्लैडसन से कुछ न कहें। मुझे लगता था कि इससे उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचेगी, लेकिन उन्हें मेरी भावनाओं की कोई कद्र नहीं थी। वह महिला संगठन के पास गए और बोले कि उन्हें मेरे साथ नहीं रहना है। इस पर मैंने कहा कि शादी समाज के लोगों के बीच हुई है, इसलिए यदि कोई फैसला होना है तो समाज के लोगों के बीच होना चाहिए न कि महिला संगठन के कार्यालय में।
वे जानते थे कि मैं तैयार नहीं होने वाली तो उन्होंने एक करार तैयार किया कि हम दोनों का कोई संबंध नहीं है। पहले उन्होंने करार पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रेम से कहा और जब मैंने इसके लिए मना किया तो मुझ पर हाथ उठा दिया। मैं पुलिस के पास नहीं जाना चाहती थी, लेकिन समाज के लोगों के कहने पर शिकायत करने थाने जाना पड़ा। इस मामले में रोज केरकेट्टा या वंदना टेटे ने भी मेरी मदद नहीं की। उनका कहना था कि 'क्या पति-पति करती हो, छोड़ दो उसे। सक्षम हो, खुद कमाकर खाओ।' यह सब सुनकर मैं रोती रही। केरकेट्टा बुजुर्ग होकर भी ऐसी बातें कर रही थीं।
ग्लैडसन और उनकी बहन सुनीता मेरे लिए घर में प्रार्थना कराते थे और मुझे देखकर कहते थे- 'भाग शैतान भाग।' सुनीता कहती थी कि मेरे हाथ से छुआ हुआ कुछ भी नहीं खाना है क्योंकि मेरे भीतर शैतान है। ग्लैडसन मुझे 'डायन' साबित करना चाहते थे, इस सब से मैं डर गई थी। समाज के लोग उनके पास भी बातचीत के लिए कई बार गए, लेकिन वे बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए। फिर समाज के लोग रोज केरकेट्टा और वंदना टेटे के पास गए, लेकिन वहां भी जाने से लाभ नहीं हुआ। उसके बाद मैंने न्यायालय जाने का फैसला किया।
ल्ल क्या डूंगडूंग की कोई जानकारी है आपके पास? इस समय वे कहां हैं?
न्यायालय के आदेश पर उन पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। उसके बाद से पुलिस डूंगडंूग को तलाश रही है। उन्होंने एफआईआर के बाद से मुझसे संपर्क की कोई कोशिश नहीं की है।
ल्ल यदि ग्लैडसन अपनी गलती के लिए आपसे मांफी मांगंे तो क्या आप उन्हें माफ कर देंगी?
हर बार त्याग महिला ही क्यों करे? ग्लैडसन को अपनी गलती का एहसास अब तक नहीं हुआ है। उसे अब तक लगता है कि वह एक महान व्यक्ति है। यदि वह माफी मांगता है तो उसे
माफ किया जा सकता है, लेकिन उसने जो अपराध किया है, उसकी सजा तो उसे
मिलनी ही चाहिए। जिससे इस तरह का अपराध करने वालों को सबक मिले और ग्लैडसन की जिंदगी में आने वाली हर एक लड़की को उसका सच पता चले। ल्ल
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