|
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों को मार गिराने के दौरान एक कर्नल और सिपाही वीरगति को प्राप्त हो गए। कर्नल मुनिंदर नाथ राय को गत 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस पर युद्ध सेवा मेडल का सम्मान मिला था।
गत 27 जनवरी को सूचना मिली कि हिजबुल मुजाहिदीन का डिवीजनल कमांडर आबिद अहमद खान अपने परिजनों से मिलने त्राल स्थित हांडूरा गांव में आया हुआ है। सूचना की पुष्टि होने पर पुलिस के विशेष अभियान दल, 42 राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ के जवानों ने घटनास्थल की घेराबंदी कर दी। आतंकियों को समर्पण करने को कहा गया, लेकिन उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई के दौरान आतंकी आबिद और उसका साथी शिराज मारा गया। आतंकी आबिद के पिता राज्य पुलिस में हवलदार हैं।
वहीं मुठभेड़ के दौरान इस अभियान का संचालन कर रहे कर्नल मुनिंदर नाथ राय और हवलदार संजीवन वीरगति को प्राप्त हो गए। कर्नल इन दिनों सेना की नौ गोरखा रेजीमेंट क ी ओर से 42 राष्ट्रीय राइफल्स के कमान अधिकारी थे।
कर्नल राय को वर्ष 2014 में अदम्य साहस का परिचय देते हुए कई आतंकियों को मार गिराने पर युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था। वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले थे। कर्नल राय का पार्थिव शरीर गत 29 जनवरी को दिल्ली कैंट लाया गया, जहां उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया।
इस मौके पर सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह सुहाग सहित अनेक सेना के अधिकारी उपस्थित रहे। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटी और एक बेटा हैं। उनकी बेटी ने पिता को 'सेल्युट' कर अंतिम विदाई दी। हवलदार संजीवन सिंह मूल रूप से डोडा जम्मू-कश्मीर के ही रहने वाले थे और राज्य सशस्त्र पुलिस बल की 6 वाहिनी में तैनात थे। ल्ल प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ