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कटक (ओडिशा) में उडि़या साप्ताहिक 'राष्ट्रदीप' ने वसंत पंचमी के अवसर पर 20वां वसंत मिलन कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर वरिष्ठ स्तंभकार मुजफ्फर हुसैन ने कहा कि उपभोक्तावाद के इस जमाने में राष्ट्रवादी विचारों का प्रचार-प्रसार बहुत ही आवश्यक है। 'राष्ट्रदीप' उडि़या भाषा में राष्ट्रवादी विचारों के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि पुरातनकाल से भारत एक राष्ट्र रहा है। भारत का विभाजन अप्राकृतिक है। भारत फिर से अखंड बनेगा। पाकिस्तान के जो हालात बन रहे हैं उन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि पाकिस्तान अपनों द्वारा ही एक दिन नष्ट हो जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि तथा उत्तर ओडिशा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ प्रफुल्ल मिश्र ने कहा कि अपनी मिट्टी, संस्कार व संस्कृति के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए 'राष्ट्रदीप' जैसी पत्रिकाओं ने सराहनीय कार्य किया है। भारत की संस्कृति को समाप्त करने की साजिश रची जा रही है। देश का प्रबुद्ध समाज जाने-अंजाने में इसका शिकार हो रहा है। इस तरह के षड्यंत्रों से देश की जनता को जागरूक करने की आवश्यकता है। 'राष्ट्रदीप' के सम्पादक शिव नारायण सिंह ने पत्रिका के इतिहास और वर्तमान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रदीप प्रकाशन के अध्यक्ष नर सुंदर मिश्र ने की। सचिव दुर्गाचरण बेहेरा ने धन्यवाद
ज्ञापन किया।
दिल्ली की राजगढ़ कॉलोनी स्थित गीता बाल भारती विद्यालय में 24 जनवरी को वसंत पंचमी एवं गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। सर्वप्रथम वसंत ऋतु के आगमन पर ज्ञान की देवी सरस्वती से शुभाशीष मांगते हुए मंगल कामना के साथ उनकी आरती व पूजन किया गया। इस अवसर पर श्रीमती सविता खुराना ने वीर हकीकत के बलिदान को याद किया और गणतंत्र दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि हम अपने देश का मान सदा बढ़ाएं भारत की एकता एवं अखण्डता की रक्षा हेतु सदा आगे रहेंे। इसके बाद विद्यालय के नन्हे-मुन्नों बच्चों द्वारा 'नन्हा मुन्ना राही हूं' गीत का आकर्षक प्रस्तिुतकरण किया गया। इसके बाद विभिन्न देशभक्ति गीतों का समागम कर समूहगान प्रस्तुत किया गया। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने के लिए विद्यार्थियों ने अनेक आसनों का संच बनाते हुए उत्साहवर्द्धक योग का प्रदर्शन देशभक्ति गीत पर किया। विभिन्न राज्यों की भाषाओं के नृत्यगीत के माध्यम से अनेकता में एकता का संदेश बड़े मनमोहक ढंग से दिया गया। 'स्वच्छ भारत अभियान' नाटिका के मंचन द्वारा सभी को स्वच्छता का व्रत धारण करने के लिए प्रेरित किया गया।
वहीं रोहिणी में सेवा भारती दिल्ली प्रान्त ने वसंत पंचमी के अवसर पर 25 निर्धन कन्याओं का विवाह कराया। समाज के सहयोग से सम्पन्न इस विवाह में समरसता का बेजोड़ नमूना देखने को मिला। कार्यकर्ताओं की मदद से नव दम्पतियों को दैनिक उपयोग का सामान भी भेंट किया गया।
देहरादून : श्री गोवर्धन सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज में 24 जनवरी को सरस्वती पूजन किया गया। मुख्य अतिथि पी.के. गुप्ता ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर उत्सव का शुभारंभ किया। इसके बाद सरस्वती जी की पूजा वैदिक मंत्रों के साथ की गई। इस अवसर पर हवन भी हुआ, जिसमें विद्यालय के छात्रों, अध्यापकों और अतिथियों ने आहूति डाली। इस अवसर पर छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर वातावरण को वसंतमय बना दिया।
टिमरनी (म़ प्ऱ) स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में वसंत पंचमी पर मां सरस्वती पूजन एवं हवन कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित सरस्वती वंदना 'वर दे वीणा वादिनी वर दे' का सस्वर गायन किया। आचार्य दिनेश वर्मा ने बताया कि सरस्वती पूजन में समर्पण के रूप में जो राशि जमा होती है उसको सुदूर क्षेत्रों में छोटे-छोटे एकल संस्कार केन्द्रों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए खर्च किया जाता है। हम छोटी राशि समर्पित कर शिक्षा का नन्हा दीप जलाकर प्रकाश फैलाने का पुण्य ले रहे हैं। इसमें सभी का योगदान स्तुत्य है। वसंत ऋतु के आगमन पर मानव मन में भी उत्साह का संचार होता है। यह आनंद, उत्साह तभी सार्थक है जब हमारा समाज, हमाा देश सुशिक्षित और सुसम्पन्न होगा। इस अवसर पर छात्राओं ने वसंत पर आधारित गीत एवं भजन प्रस्तुत किए।
अमृतसर : सामाजिक संस्था 'शक्ति महिला सहायता केन्द्र' द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर अमृतसर स्थित हिन्दू सभा सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक समारोह का आयोजन किया गया। इसकी मुख्य अतिथि थीं बी.बी.के. डी.ए.वी. कॉलेज फॉर विमेन की प्राचार्य डॉ़ नीलम कामरा। इस अवसर पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो़ लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि स्वतंत्रता के पश्चात् देश ने उन्नति की है। उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में भारत मजबूत हुआ है। हमारे स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालय शिक्षा का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं तथा भारत के शिक्षित युवा विश्व पटल पर अपनी योग्यता की धाक जमा रहे हैं। पर आज भी देश में करोड़ों महिलाएं और बच्चे ऐसे हैं, जो शोषण का शिकार हैं, अनपढ़ हैं तथा कुपोषण के कारण बचपन से ही बुढ़ापे की ओर बढ़ते हैं। आज की आवश्यकता यह है कि अधिक से अधिक महिलाओं को हुनर सिखाकर रोजगार के योग्य बनाया जाए, जिससे वे अपना और अपने परिवार का विकास कर सकें। यह भी याद रखना होगा कि शिक्षा हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है और देश के सभी बच्चों को शिक्षा देकर ही असली लोकतंत्र बन सकता है। कार्यक्रम में शक्ति केन्द्र की तरफ से चलाए जा रहे सिलाई विद्यालयों की 100 छात्राओं को प्रमाणपत्र दिए गए तथा लेबर स्कूल के बच्चों को वजीफा दिया गया। इस अवसर पर माता कौशल्या कन्या कल्याण समिति द्वारा आर्थिक दृष्टि से कमजोर विद्यार्थियों को शिक्षा में सहयोग के लिए धनराशि दी गई।
ल्ल ओडिशा से समन्वय नन्द के साथ अन्य प्रतिनिधि
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