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मेरठ के गंगानगर में पुलिस और दूरसंचार विभाग की टीम ने अवैध रूप से चल रहे मिनी टेलीफोन एक्सचेंज पर छापेमारी कर 64 मोबाइल सिम, 42 एंटीना, 7 एलसीडी और वाईफाई बरामद किए हैं। इस एक्सचेंज से सवा दो महीने में 77 हजार कॉल की गईं। अधिकांश फोन पाकिस्तान और खाड़ी देशों में किए गए थे। एक्सचेंज के तार घर के निकट एक बीएसएनएल टावर से जोड़े गए थे।
अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश होने के बाद से स्वयं को दिल्ली निवासी बताकर यहां रह रहे निशांत और हरीश फरार हैं। उन्होंने खुद को बीटेक का छात्र बताकर छह माह पूर्व ही कमरा किराये पर लिया था। उनके द्वारा दी गई आईडी भी फर्जी पाई गई। यहां से सबसे अधिक कॉल पाकिस्तान, खाड़ी देशों, हैदराबाद और देवबंद में कराई गई थीं। खास बात यह है कि ये सभी सिम देवबंद के नाम व पते पर चालू थे, जो कि हैदराबाद से रीचार्ज कराए जाते थे। इस कारण से जांच एजेंसियां इसके पीछे बड़ी आतंकी साजिश होने की आशंका से इंकार नहीं कर रही हैं। एक्सचेंज को इंटरनेट की मदद से चलाया जा रहा था। इंटरनेट देने वाले आरोपी विकास चौहान को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने देवबंद में छापेमारी कर बीएसएनएल के एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार कर लिया। ये सभी सिम बीएसएनएल के डीलर मामचंद ने बेचे थे। ऐसे एक्सचेंज विशेषज्ञ की बिना मदद नहीं चलाए जा सकते हैं। ये लोग यूनिक आईएसडी नंबर बना लेते हैं, इसके जरिए देश-विदेश में की गई फोन कॉल का रिकार्ड नहीं रहता है। इससे की गई कॉल को सर्विलांस पर भी नहीं लिया जा सकता है। 'टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया'(ट्राई)की ओर से भी इस पर पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
गौरतलब है कि बंगलादेशी संदिग्ध आतंकी अब्दुल अजीज को नोएडा से पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था। उसके तार भी देवबंद से जुड़े मिले थे। इससे पूर्व सितम्बर माह में ही सहारनपुर रेलवे स्टेशन से दिल्ली पुलिस ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी एजाज शेख को गिरफ्तार किया था। उसके पास से काफी मात्रा में पेन ड्राइव, सिम कार्ड, डाटा कार्ड और मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। उसने पूछताछ में देवबंद में दो आतंकियों के छिपे होने की आशंका जताई थी। इससे पूर्व मेरठ से एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया था, जो कि महत्वपूर्ण सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहा था।
ल्ल प्रतिनिधि
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