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Jan 24, 2015, 12:00 am IST
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दिंनाक: 24 Jan 2015 15:27:50

स्वयंसेवक वही जो दूसरे के दु:ख को अपना दु:ख समझे

मकर संक्रांति उत्सव के अवसर पर 14 जनवरी को जबलपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने महाविद्यालयीन छात्रों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक अर्थात् जो अपनी इच्छा से समाज के लिए काम करता है, समाज को अपना परिवार समझता है और समाज के दु:ख को अपना दु:ख समझता है। समाज में सदाचरण, राष्ट्रप्रेम, सबके हित का चिंतन करने वाले व्यक्ति के रूप में अपना उदहारण प्रस्तुत करना ही सच्चे स्वयंसेवक का लक्षण है। उन्होंने मकर संक्रांति के महत्व पर कहा कि इस दिन सूर्य देवता दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं। इसलिए दिन बड़े होने लगते हैं। लोग काम करने के लिए अपने घर से निकलने लगते हैं। अर्थात् जीवन में सक्रियता बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि सूर्य नारायण के स्वरूप का चिंतन करें तो कर्मशीलता का आदर्श हमारे सम्मुख उपस्थित होता है। सूर्य के रथ में सात घोड़े हैं, जो सात रंगों के हैं। सारथी पंगु है, सपोंर् की लगाम है। सब प्रकार की विषमताएं होते हुए भी सूर्य निरंतर गतिमान रहते हैं। इससे हमें सीख मिलती है कि कार्य करने की इच्छाशक्ति हो तो साधनों की कमी या विषमता बाधा नहीं बनती। कार्यक्रम में 1200 महाविद्यालयीन छात्र और लगभग 150 प्राध्यापक उपस्थित थे। मंच पर प्रान्त संघचालक श्री प्रशांत सिंह, विभाग संघचालक श्री कैलाश गुप्ता और महानगर संघचालक डॉ. पवन स्थापक मौजूद थे।
वहीं 18 जनवरी को सागर में एक सभा को सम्बोधित करते हुए श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि भारत को इस्रायल से सीख लेनी चाहिए। इस्रायल है तो बहुत छोटा, लेकिन वह अपने पड़ोस के 8 देशों के 5 हमले झेलकर भी शक्ति सम्पन्न बन गया। इस्रायल आज पूरे विश्व को अन्न और फल की आपूर्ति कर रहा है। हिन्दुस्थान को इस्रायल की तरह बनना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हिन्दुत्व ही सद्भाव और विकास का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि देश को बड़ा बनाने के लिए संसाधनों से अधिक देशभक्ति की भावना की आवश्यकता है। देश को आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रकार के भेदभाव भुलाकर अपने लोगों को बड़ा बनाने का संस्कार चाहिए और संघ यही करता है। इस अवसर पर क्षेत्र प्रचारक श्री रामधर चक्रधर, क्षेत्र कार्यवाह श्री माधव, सह क्षेत्र प्रचारक श्री अरुण, प्रान्त प्रचारक श्री राजकुमार, प्रान्त कार्यवाह श्री भरत शरण सिंह आदि उपस्थित थे। -प्रतिनिधि

सागर तट पर मकर संक्रांति उत्सव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 15 जनवरी को चैन्ने में सागर तट पर परम्परागत मकर संक्रांति उत्सव का आयोजन किया। इसमें मछुआरों के परिवार वाले और संघ के स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। सभी ने सागर पूजन किया, उनकी आरती उतारी और सागर से विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने मंत्र के साथ सूर्य नमस्कार भी किया। उत्सव में आए लोगों को सम्बोधित करते हुए भाजपा सांसद श्री तरुण विजय ने कहा कि हिन्दू समाज अपने उपेक्षित और वंचित लोगों को गले लगाए। समारोह में उन्होंने दो पुस्तकों का लोकार्पण भी किया। पहली पुस्तक है प्रान्त कार्यवाह श्री कुमारस्वामी की 'उयारा उयारा परनतिंडा' और दूसरी पुस्तक है श्री देसीय चिंतनाई कड्गम की 'चोलपुरतु मन्नन राजेन्द्र चोल तिरिपुरसुरतु'। इस अवसर पर संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल के सदस्य श्री सेतु माधवन, प्रान्त प्रचारक श्री भक्तवत्सलम, सह प्रान्त कार्यवाह सम्बा मूर्ति सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे। -प्रतिनिधि

वार्षिकोत्सव में हुआ श्रद्धा का साक्षात् दर्शन
गुरुकुल प्रभात आश्रम, मेरठ का वार्षिकोत्सव 13 और 14 जनवरी को आयोजित हुआ। इस अवसर पर पहले दिन स्वामी समर्पणानन्द वैदिक शोध संस्थान के तत्वावधान में अखिल भारतीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका विषय था 'वैदिक वांगमय में देवताओं का स्वरूप।'
संगोष्ठी को अनेक वक्ताओं ने सम्बोधित किया। गोष्ठी के अध्यक्ष थे डॉ. जयदत्त उप्रेती। इसके साथ ही 50 शोध पत्र भी पढ़े गए। दूसरे दिन 5 जनवरी से चल रहे ऋग्वेद पारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई और इसके बाद नवप्रविष्ट ब्रह्मचारियों का उपनयन तथा वेदारंभ संस्कार सम्पन्न हुआ।
पं. शोभाराम प्रेमी और अन्य विशिष्ट भजनोपदेशकों ने अपने सुमधुर भजनों से उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया। गुरुकुल के ब्रह्मचारियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भी लोगों को खूब प्रभावित किया। उत्सव में आम लोगों की भी भागीदारी रही। यह आश्रम संस्कृत, वेद आदि की शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। -प्रतिनिधि

पूर्वोत्तर के कलाकारों ने मोहा मन
गत दिनों मुम्बई स्थित रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के परिसर में 'संस्कार भारती पूर्वोत्तर' से जुड़े कलाकारों ने अपनी कला से ऐसा सुहावना वातावरण बनाया कि लोग आश्चर्यचकित रह गए। उल्लेखनीय है कि संस्कार भारती ने यहां 'दृष्टि 2020 का दिशादर्शन' कार्यक्रम आयोजित किया था। इसमें पूर्वोत्तर के राज्यों (असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर, नागालैण्ड, सिक्किम और दार्जिलिंग) के कुल 106 कलाकारों ने सहभागिता की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था संस्कार भारती ने दृष्टि 2020 प्रकल्प के अन्तर्गत पूर्वोत्तर के राज्यों में कला जगत में जो अलख जगाई है, उसे और गति देना और अपने से जुड़े कलाकारों की प्रतिभा को निखारना। पता हो कि संस्कार भारती 2006 से ही इन राज्यों के कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। कार्यक्रम में कलाकारों का मनोबल बढ़ाने के लिए संगीतज्ञ उस्ताद उस्मान खान, नृत्यांगना राजश्री सिर्के, झेलम परांजपे, प्रतीषा सुरेश, निदेशक चन्द्रप्रकाश द्विवेदी, नीतिश भारद्वाज, सांसद और अभिनेता मनोज तिवारी, जी टी. वी. के मालिक डॉ. सुभाष चन्द्रा, संस्कार भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष और विख्यात चित्रकार वासुदेव कामथ, उदयन इंदुलकर, विनायक परब, भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे आदि ने अपने विचार रखे। सत्रों का शुभारंभ संस्कार भारती के पूर्व अध्यक्ष और मराठी फिल्मों के निर्माता निदेशक राजदत्त ने नटराज पूजन और भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। इस सम्पूर्ण आयोजन के निदेशक और परिकल्पनाकार थे दृष्टि 2020 के संयोजक विमल लाठ। संस्कार भारती के सह संगठन मंत्री अमीरचन्द और संस्कार भारती पूर्वोत्तर के सचिव प्रसेनजीत रायचौधरी की देखरेख में संस्कार भारती, कोंकण प्रान्त के कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। -प्रतिनिधि

बंगलादेशी अल्पसंख्यकों की चिन्ता करने की मांग
गत दिनों नई दिल्ली में 'बंगलादेश हिन्दू, बुद्धिस्ट एण्ड क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल' से जुड़े मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमण्डल ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्री श्याम जाजू से भेंट की। इस प्रतिनिधिमण्डल ने उन्हें बंगलादेश में अल्पसंख्यकों की दयनीय स्थिति की जानकारी दी। साथ ही मांग की कि भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के नेता बंगलादेश के अल्पसंख्यकों की चिन्ता करे। प्रतिनिधिमण्डल में सीतांशु गुहा (अमरीका), तरुण कांति चौधरी (स्वीडन), देबनाथ परमानन्द (रूस), उदयन बरुआ और स्वदेश बरुआ (फ्रांस), डॉ. प्रजालांकर भिक्षु, तुहीन चकमा, सुमित चौधरी और अभिषेक भारद्वाज शामिल थे। ल्ल प्रतिनिधि

संस्कृत बने राष्ट्रभाषा
मंदसौर में गत दिनों जनपद स्तरीय संस्कृत सम्मेलन आयोजित हुआ। सम्मेलन में पूरे जिले से करीब 200 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि संस्कृत राष्ट्र की भाषा बने इसके लिए हमें कई विधियों से प्रयास करने होंेगे। प्राचीनकाल से ही संस्कृत जनभाषा रही है जिसके उदाहरण धार नगरी के राजा भोज के यहां बहुतायत में मिलते हंै। ऐसा कहा जाता है कि राजा भोज के समय में जो संस्कृत नहीं बोलता था उसका निवास उनके राज्य में संभव नहीं था। वैसे भी आम बोलचाल में हम 70 प्रतिशत संस्कृत के शब्दों का प्रयोग करते हैं। यदि हम 30 प्रतिशत और प्रयास करें तो 100 प्रतिशत संस्कृत बोल सकते हैं। संस्कृत सभी भाषाओं से सरल भाषा है। इस अवसर पर अनेक संस्कृत-प्रेमी उपस्थित थे। -प्रतिनिधि

प्रतिभाओं का सम्मान
मध्य प्रदेश के दमोह में गत दिनों भारत विकास परिषद् की स्थानीय शाखा ने प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. छविनाथ ़तिवारी, भारत विकास परिषद् महाकौशल प्रांत के संगठन मंत्री राजेश जैन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक किशन साहू ने दीप प्रज्वलित कर किया। शिक्षा के क्षेत्र में सृष्टि तिवारी, शबाना अंजुम, सोनाली अग्रवाल, अनुजा जैन, रंजीता चौबे एवं चांदनी परोहा और पत्रकारिता के क्षेत्र मेंं नीरज सोनी, के़ एल़ ताम्रकार, डॉ. ़हंसा वैष्णव, आजम खान एवं संजय सरवरिया और चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ़ केदारनाथ शर्मा, डॉ़ प्रदीप शेण्डेय, शिक्षा के क्षेत्र में प्राचार्य डॉ़ के़ पी़ अहिरवार तथा क्रीड़ा के क्षेत्र में श्याम बिहारी पटेरिया, धार्मिक क्षेत्र में पं़ विद्यासागर पांडे एवं कविता के क्षेत्र मेंं काव्या मिश्रा, विधि के क्षेत्र में कमलेश भारद्वाज और विनोद श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया। -प्रतिनिधि

संगम की रेती पर गरजा संत समाज
प्रयाग में संगम की रेती से संत समाज ने राम मंदिर निर्माण, गोरक्षा और मतान्तरण पर रोक लगाने की हुंकार भरी है। 17 जनवरी को यहां विश्व हिन्दू परिषद्, काशी प्रान्त द्वारा आयोजित संत सम्मेलन में जगद्गुरु शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानन्द ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार संविधान में संशोधन कर नया कानून बनाए, ताकि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो सके। संतों ने यह भी कहा कि जो लोग गरीब हिन्दू भाइयों का लालच से मतान्तरण करा रहे हैं, उन्हें देशद्रोही की श्रेणी में डाला जाए। स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती, महंत दुर्गादास, स्वामी विवेकानन्द सरस्वती, संतोषदास सतुआ, स्वामी गोपालदास आदि संतों ने एक सुर में कहा कि संत समाज अब देश में बदलाव लाना चाहता है। पाकिस्तान द्वारा लगातार की जा रही गोलीबारी पर भी संत समाज ने सैकड़ों लोगों में जोश भरते हुए कहा कि अब उसे सबक सिखाना जरूरी है। पाकिस्तानी गोलीबारी से 28 हजार भारतीय प्रभावित हुए हैं। हमारे कई वीरों और आम लोगों की हत्या पाकिस्तान ने की है। हम केन्द्र सरकार से मांग करते हैं कि वह तीनों सेनाओं को खुली छूट दे। संतों की हुंकार ने शिविर में पहुंचे सैकड़ों रामभक्तों में जोश भर दिया और पूरा शिविर जय श्रीराम के नारे से गूंज उठा। -हरिमंगल

मीडिया के बदलते स्वरूप पर कार्यशाला
बहुभाषी समाचार एजेंसी 'हिन्दुस्थान समाचार' के कोलकाता केन्द्र के तत्वावधान में 18 जनवरी को कोलकाता प्रेस क्लब में 'मीडिया का बदलता स्वरूप' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कलकत्ता व जादवपुर विश्वविद्यालय सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 70 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में मीडिया में आ रहे बदलावों के बारे में वरिष्ठ व अनुभवी पत्रकारों ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया तथा उन्हें नैतिकतापूर्ण व मूल्यपरक पत्रकारिता करने की सलाह दी। इनमें पाकिस्तान स्थित समाचार चैनल आज टी.वी. के इंडिया ब्यूरो प्रमुख पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य असीम कुमार मित्र, कोलकाता प्रेस क्लब के अध्यक्ष अंबर मुखर्जी, हिन्दुस्थान समाचार, कोलकाता की प्रवर समिति के अध्यक्ष रंजीत राय व वरिष्ठ पत्रकार रथीन्द्र मोहन बनर्जी शामिल थे। कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी दिए गए। कार्यक्रम के प्रारंभ में हिन्दुस्थान समाचार, कोलकाता केन्द्र की ओर से प्रकाशित स्मारिका का लोकार्पण हिन्दुस्थान समाचार के मार्गदर्शक श्री लक्ष्मी नारायण भाला ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी व उद्योगपति सज्जन भजनका विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। -प्रतिनिधि

 

डॉ. कमल किशोर गोयनका को व्यास सम्मान
हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं केन्द्रीय हिन्दी साहित्य संस्थान (आगरा) के उपाध्यक्ष डॉ. कमल किशोर गोयनका को व्यास सम्मान-2014 से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें 2012 में प्रकाशित उनकी पुस्तक 'प्रेमचंद की कहानियों का कालक्रमानुसार अध्ययन' के लिए दिया जा रहा है। सम्मानस्वरूप उन्हें 2,50,000 रु. की राशि भेंट की जाएगी। डॉ. गोयनका की अब तक लगभग 50 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें अधिकांश प्रेमचंद साहित्य से जुड़ी हुई हैं। डॉ. गोयनका को भारतीय भाषा परिषद् (कोलकाता), हिन्दी अकादमी (दिल्ली), उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान (लखनऊ), केन्द्रीय हिन्दी साहित्य संस्थान (आगरा) जैसी संस्थाओं ने भी सम्मानित किया है। डॉ. गोयनका पाञ्चजन्य के लिए भी समय-समय पर लिखते रहे हैं। -प्रतिनिधि

चल चिकित्सा वाहन का लोकार्पण
'जो कष्ट और अभाव में है, उसके प्रति संवेदना का भाव जगाकर सेवा करने से समाज जीवन में सार्थक परिवर्तन होगा। संवेदना से युक्त लोग खड़े होंगे। इसके लिए सज्जन शक्ति को जगाना होगा। यह देश की बहुत बड़ी सेवा होगी।' ये विचार हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केन्द्रीय कार्यकारी मण्डल के सदस्य श्री अशोक बेरी के। श्री बेरी 14 जनवरी को आगरा में सेवा भारती द्वारा शुरू किए गए चल चिकित्सा वाहन का लोकार्पण करने के बाद बोल रहे थे।
यह वाहन सेवा भारती की आरोग्य भारती शाखा की देखरेख में संचालित होगा। इस अवसर पर केन्द्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री श्री रामशंकर कठेरिया ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रयास से सम्पूर्ण देश में सेवा कायार्ें को गति दी जा रही है। सेवा से समाज में समरसता आएगी और देश मजबूत होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूको बैंक के सेवानिवृत उपमहाप्रबंधक श्री गोपीलाल ने की। कार्यक्रम का संचालन सेवा भारती के प्रांतीय सह मंत्री श्री अशोक शर्मा एवं महानगर सह मंत्री श्री हरीओम ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर संघचालक श्री विजय गोयल, ब्रज प्रांत प्रचारक श्री दिनेश, सेवा भारती के महानगर अध्यक्ष श्री रामकृपाल कुमार आदि उपस्थित थे। -प्रतिनिधि

देवालय और सेवालय का मिलन
हिसार (हरियाणा) में 18 जनवरी को विश्व हिन्दू परिषद् के सेवा प्रकल्प 'भारत माता मंदिर' के स्थापना दिवस पर संगीतमय सुन्दरकाण्ड पाठ हुआ। इस अवसर पर भारत माता मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष व विधायक डॉ. कमल गुप्ता ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का सन्देश भी दिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ भूखंड प्रदाता श्रीमती हरबंस कौर, अनिल मेहता व डॉ़ अशोक गर्ग ने दीप प्रज्वलित कर किया। सुदर्शन सेवा संघ के सहयोग से संदीप भाई द्वारा संगीतमय सुन्दरकांड का पाठ किया गया। भारत माता मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री विजय शर्मा ने कहा कि राष्ट्रभाव की कमी सर्वत्र दिखाई पड़ रही है। जीवन मूल्यों का पतन पराकाष्ठा पर है। ऐसे में देव आराधना के साथ-साथ राष्ट्रभाव को जगाने के लिए भरत माता मंदिर का निर्माण किया गया है। मंदिर की ओर से नि:शुल्क चिकित्सा केन्द्र, शीतल जल सेवा, योग प्रशिक्षण, प्राकृतिक चिकित्सा परामर्श आदि सेवाएं प्रदान की जाती हैं। -प्रतिनिधि

भुवनेश्वर, हरिद्वार और चिंचवड़ में सेवा कुंभ
भुवनेश्वर : विश्व हिन्दू परिषद् की स्वर्ण जयंती के निमित्त राष्ट्रीय सेवा संवर्धन समिति ने गत दिनों भुवनेश्वर में सेवा कुंभ का आयोजन किया। सेवा कुंभ समिति के अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री देवेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में संत जीवनमुक्तानंदपुरी जी, स्वामी सच्चिदानंद जी, स्वामी भास्करानंद तीर्थ जी एवं विशेष अतिथि श्री एऩ पी़ शर्मा (यू़ के.), विश्व हिन्दू परिषद् के अ़ भा़ सेवा प्रमुख श्री अरविंदभाई ब्रह्मभट्ट, अ़ भा़ सह सेवा प्रमुख श्री नन्दलाल लोहिया आदि उपस्थित थे। दो दिवसीय इस कुंभ में अनेक कार्यक्रम हुए। बच्चों ने जहां रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, वहीं लोगों को विश्व हिन्दू परिषद् के सेवा कायार्ें से अवगत कराया गया।
हरिद्वार : हरिद्वार में वात्सल्य वाटिका के प्रांगण में 14 जनवरी को सेवा कुंभ का आयोजन हुआ। इसका उद्घाटन दक्षिण कालीपीठाधीश्वर स्वामी कैलाशनन्द ब्रह्मचारी, पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण, उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. महावीर अग्रवाल, विश्व हिन्दू परिषद् के महामंत्री श्री चम्पत राय, श्री अरविन्द भाई ब्रह्मभट्ट आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया। कुंभ की अध्यक्षता श्री जे.सी. जैन ने की।
चिंचवड़ : विश्व हिन्दू परिषद्, पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत का सेवा कुंभ गत दिनों पिंपरी चिचवड निगडी में संपन्न हुआ। सेवा कुंभ का उद्घाटन विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय संगठन महामंत्री श्री दिनेश चंद्र ने किया। उद्घाटन सत्र में सेवा कुंभ की भूमिका प्रांत मंत्री श्री बाबूजी नोटकर ने
रखी। उल्लेखनीय है कि पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत की तरफ से 5 छात्रावास, 7 बालवाड़ी, ग्रंथालय, साहित्य केन्द्र जैसे तरह-तरह के सेवा प्रकल्प चलाए जाते हैं। -प्रतिनिधि 

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