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उपलब्धि-सूचना प्रौद्योगिकी में क्रांति
भारत से नाता-आई.टी. पार्क बनाने में मदद
भविष्य का सपना-अन्तरराष्ट्रीय जगत से भारत में तकनीक प्रसार पर बलराजनेता भी, वैज्ञानिक भी
सूचना के पुल से पाटा संसार
अमरीका के फ्लोरिडा में रहने वाले भरत देसाई की गणना आज खरबपति अमरीकी भारतीयों में होती है। देसाई विश्वविख्यात सूचना प्रौगोगिकी कम्पनी 'सिन्टेल' के सह संस्थापक और अध्यक्ष हैं। यह कम्पनी आज विश्व की बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कम्पनियों में एक है। भरत देसाई की विशेषता है काम के प्रति अटूट लगन रखना और मेहनत की पराकाष्ठा तक पहंुचना। वे कई घंटे लगातार काम करते हैं। अपने सथियों और सहकर्मियों को भी वे ऐसी ही लगन और मेहनत करते हुए देखना चाहते हैं। यही कारण है कि आज उनकी कम्पनी 'सिन्टेल' की पहचान और साख दुनियाभर में है। यह कम्पनी सॉफ्टवेयर के निर्माण और विकास से लेकर 'आउट सोर्सिंग' तक की सुविधाएं उपलब्ध कराती है। इसके साथ ही यह कम्पनी ई-बिजनेस को विकसित करने और उसे बढ़ावा देने आदि के क्षेत्र में भी बड़ा योगदान दे रही है। दुनियाभर में कम्पनी की इतनी साख है कि उसके साथ कभी एक ग्राहक जुड़ता है तो वह सदैव के लिए उसी का ग्राहक हो जाता है। यही कारण है कि कम्पनी की आय का 90 प्रतिशत हिस्सा पुराने ग्राहकों और उनके बताए गए ग्राहकों से आता है। 1980 में स्थापित इस कम्पनी के कार्यालय अमरीका, यूरोप और कई एशियाई देशों में हैं। एक समाचार के अनुसार इस समय विभिन्न देशों में 'सिन्टेल' के 27 दफ्तर हैं और उनमें लगभग 12,000 लोग काम करते हैं। 1992 में 'सिन्टेल' ने मुम्बई में अपने प्रथम विकास केन्द्र की शुरुआत की, दुनियाभर में वह आउटसोर्सिंग के लिए जानी-पहचानी कम्पनी बन गई। भारत के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र को विकसित करने में भी 'सिन्टेल' का योगदान है।
देसाई ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुम्बई से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और अमरीका के मिशिगन विश्वविद्यालय से व्यापार प्रबंधन में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। 60 वर्षीय देसाई इस समय अमरीकी नागरिक हैं और उनके पास 2 अरब डॉलर की सम्पत्ति है। उनके मन में अपने पूर्वजों की भूमि भारत के प्रति बड़ा लगाव है। यही कारण है कि उन्होंने भारत में आई.टी. पार्क विकसित करने में मदद की है।
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