आवरण कथा - खाद्य सुरक्षा पर बड़ी सफलता
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

आवरण कथा – खाद्य सुरक्षा पर बड़ी सफलता

by
Nov 22, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 22 Nov 2014 16:31:31

खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर भारत को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल, खाद्यान्न के सार्वजनिक भंडारण के मुद्दे पर भारत व अमरीका के बीच सहमति बन गई है। इससे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में व्यापार सुगमता करार (टीएफए) के कार्यान्वयन का रास्ता खुल गया है। दोनों देशों के बीच 'शांति उपबंध' को कायम रखने पर सहमति बनी है। साथ ही अमरीका के साथ डील से ट्रेड फैसिलिटेशन करार लागू करना संभव होगा। निश्चित ही भारत के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को बिना किसी अड़चन के जारी रखने की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण है। भारत व अमरीका में यह सहमति बन गई है कि खाद्य सुरक्षा भंडारण के मुद्दे का स्थाई समाधान होने तक 'शांति उपबंध'अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा। शांति उपबंध के तहत भारत के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को उचित समाधान निकलने तक डब्ल्यूटीओ में चुनौती नहीं दी जा सकेगी। इससे पहले बाली समझौते में सदस्य देशों को दूसरे डब्ल्यूटीओ समझौतों के तहत चुनौती दिए जाने से बचने के लिए सुरक्षा 2017 तक दी गई थी। इसके तहत खाद्यान्न भंडारण के लिए दी जाने वाली सरकारी छूट को लेकर विकासशील देशों के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में चुनौती नहीं देने का प्रावधान है। हालांकि सफल द्विपक्षीय वार्ता का श्रेय प्रधानमंत्री 'नरेंद्र मोदी की सितंबर की अमरीका यात्रा को देते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि 'मोदी की अमरीका यात्रा के बाद भारत के रुख को लेकर समझ बेहतर हुई है।'
भारत के सख्त रवैये के कारण तीन माह से गतिरोध बना हुआ था। अमरीका और डब्ल्यूटीओ के प्रमुख समेत तमाम विकसित देश लगातार यह आरोप लगाते रहे हैं कि कृषि और खाद्य सरकारी छूट के मुद्दे पर भारत का अडि़यल रुख डब्लूटीओ समझौते को पटरी से उतार रहा है। बहरहाल, डब्ल्यूटीओ में अलग-थलग पड़ चुके भारत को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। अमरीका ने भारत की इस शर्त को मान लिया है कि वह समझौते पर तब तक दस्तखत नहीं करेगा, जब तक कि खाद्य सुरक्षा कानून की अड़चनें दूर नहीं कर ली जाती। 10-11 दिसंबर को डब्ल्यूटीओ की अहम बैठक होने वाली है। डब्ल्यूटीओ में खाद्य सुरक्षा से जुड़ा नया मसौदा पेश किया जाएगा। ताकि व्यापार सुगमता करार पर दस्तखत हो सकंे ।
बहरहाल भारत और अमरीका के बीच हुए इस समझौते से पटरी से उतरी डब्ल्यूटी की गाड़ी अब फिर से तेजी से आगे बढ़ सकेगी। इसके लिए भारत और अमरीका के बीच जो सहमति हुई है उसके तहत खाद्यान्नों की सरकारी खरीद और राशन प्रणाली (पीडीएस) के तहत दी जाने वाली सरकारी छूट के मुद्दे को हल करने का मसौदा डब्ल्यूटीओ की आम सभा के सामने रखा जाएगा।
भारत ने साफ किया था कि वह खाद्य छूट मामले का स्थायी समाधान होने तक टीएफए का समर्थन नहीं कर सकता, जिसके तहत वैश्विक सीमा-शुल्क मानदंडों को आसान बनाया जाना है। भारत ने डब्ल्यूटीओ से कहा है कि वह कृषि सरकारी छूट के आकलन के लिए मानदंडों में संशोधन करे ताकि देश बिना डब्ल्यूटीओ के मानदंडों के उल्लंघन के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद कर उसे सस्ती दर पर गरीबों को बेच सके। डब्ल्यूटीओ के मौजूदा मानदंडों के तहत इसका दायरा कुल खाद्यान्न उत्पादन के मूल्य के 10 प्रतिशत तक होना चाहिए, हालांकि छूट की मात्रा का आकलन दो दशक पहले की कीमत के आधार पर किया जाता है।
हालांकि विकासशील और गरीब देशों में दी जाने वाली कृषि सरकारी छूट का विरोध सबसे अधिक अमरीका का, यूरोपीय संघ और कनाडा करते रहे हैं, जो खुद अरबों डॉलर की घरेलू और निर्यात छूट देतें है और ये विकसित देश सरकारी छूट में कितना खर्च करते हैं,उसे इस बात से समझा जा सकता है। अमरीका आज भी 6़5 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति 385 किलोग्राम खाद्य प्रदान करता है। यह खाद्य कूपन और बाल कार्यक्रम आदि के माध्यम से मिलती है। इसके दूसरी तरफ भारत में जहां दो तिहाई से ज्यादा लोग 30 रुपए प्रतिदिन से कम खर्च करते हैं, वहां भारत सरकार यदि (पीडीएस) के तहत भूख के साथ जीने वाले 47़5 करोड लोगों को 1620 रुपए वार्षिक खर्च करके 58 किलोग्राम सस्ता अनाज देती है तो अमरीका का और उनके मित्र देशों को दिक्कत होती है। भारत लगभग बिलकुल नहीं दे रहा थाय कायदे से तो भारत में यह खर्चा बाद में बढ़ना शुरू हुआ पर डब्ल्यूटीओ में हम फंस गए।
असल में मुक्त व्यापार में असंगति पैदा करने वाली सरकारी छूट को रोकने के लिए डब्ल्यूटीओ चाहता है कि कृषि समझौते के तहत कृषि और खाद्य सरकारी छूट खाद्यान्न फसलों के मूल्य के 10 फीसद से ज्यादा नहीं होना चाहिए। लेकिन भारत के मामले में चावल और गेहूं को लेकर यह सीमा बहुत जल्दी खत्म होने वाली है। अगर सरकार आने वाले दिनों में इस सरकारी छूट में कटौती करती है तो यह राजनैतिक रूप से घातक हो सकता है। वहीं इस सरकारी छूट की गणना के लिए तमाम तरह के आंकड़े भी देने की शर्त है। जो मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। -रवि शंकर
(लेखक, सेन्टर फर इन्वायरमेंट एण्ड फूड सिक्योरिटी में रिसर्च -एसोशिएट हैं)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Operation Sindoor

सेना सीमा पर लड़ रही, आप घर में आराम चाहते हैं: जानिए किस पर भड़के चीफ जस्टिस

India opposes IMF funding to pakistan

पाकिस्तान को IMF ने दिया 1 बिलियन डॉलर कर्ज, भारत ने किया विरोध, वोटिंग से क्यों बनाई दूरी?

आलोक कुमार

‘सुरक्षा और विकास के लिए एकजुट हो हिन्दू समाज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

Gujarat Blackout

भारत-पाक के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के बीच गुजरात के सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट

S-400 difence System

पाकिस्तान का एस-400 को नष्ट करने का दावा फर्जी, जानें क्या है पूरा सच

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Operation Sindoor

सेना सीमा पर लड़ रही, आप घर में आराम चाहते हैं: जानिए किस पर भड़के चीफ जस्टिस

India opposes IMF funding to pakistan

पाकिस्तान को IMF ने दिया 1 बिलियन डॉलर कर्ज, भारत ने किया विरोध, वोटिंग से क्यों बनाई दूरी?

आलोक कुमार

‘सुरक्षा और विकास के लिए एकजुट हो हिन्दू समाज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

Gujarat Blackout

भारत-पाक के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के बीच गुजरात के सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट

S-400 difence System

पाकिस्तान का एस-400 को नष्ट करने का दावा फर्जी, जानें क्या है पूरा सच

India And Pakistan economic growth

भारत-पाकिस्तान: आर्थिक प्रगति और आतंकवाद के बीच का अंतर

कुसुम

सदैव बनी रहेगी कुसुम की ‘सुगंध’

#पाकिस्तान : अकड़ मांगे इलाज

प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय वायुसेना की महिला पायलट के पाकिस्तान में पकड़े जाने की बात झूठी, PIB फैक्ट चेक में खुलासा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies