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नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 9 सितम्बर को श्री एकनाथ रानाडे जन्मशताब्दी पर्व का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एकनाथ जी ने हमें अपनी जिंदगी को न केवल सफल, बल्कि सार्थक बनाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने हम सबको एक ऐसे भारत का निर्माण करने के लिए जगाया, जो भव्य और दिव्य हो। श्री रानाडे का लक्ष्य स्वामी विवेकानंद के सपनों के अनुरूप युवाओं को तैयार करना था। श्री रानाडे वास्तव में 'एक जीवन, एक मिशन' के सिद्धांत का पालन करते रहे। प्रधानमंत्री ने श्री रानाडे को पूर्णतावादी बताया। कन्याकुमारी में विवेकानंद शिला स्मारक के निर्माण में श्री रानाडे की भूमिका का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री रानाडे ने इस प्रकल्प से जुड़ी सूक्ष्मतम चीज पर गौर किया था। मसलन, मूर्ति की आंख किस तरफ देखेगी और मूर्ति को लंबे समय तक टिकाऊ रखने के लिए किस जंगरोधी सामग्री का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। श्री रानाडे इस शिला स्मारक के जरिए भारत को एक सू़़़त्र में बांधना चाहते थे। इसलिए उन्होंने स्मारक के निर्माण में जन भागीदारी पर विशेष जोर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने विवेकानंद शिला स्मारक के निर्माण के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से भी सहयोग मांगा था। कार्यक्रम में स्वामी गोविन्द गिरि जी, स्वामी चेतन्यानन्द जी, न्यायमेर्ति रामलू, डॉ. एम. लक्ष्मीकुमारी, श्री ए. बालाकृष्णन, श्री दीपक कुमार बरठाकुर, सुश्री प्रमिलाताई मेढ़े, श्री कृष्ण कुमार अस्ठाना सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। पूरे देश में श्री एकनाथ रानाडे के जन्मशताब्दी वर्ष (19 नवम्बर, 2014-19 नवम्बर, 2015) के उपलक्ष्य में अनेक प्रकार कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ल्ल प्रतिनिधि
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