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हमारे यहां भोजन को रुचिकर बनाने के लिए उसमें कई तरह के मसाले मिलाए जाते हैं। उन्हीं में से एक है धनिया। ये खाने को तो स्वादिष्ट बनाती है और पाचन शक्ति को दुरुस्त कर देती है। धनिया को दही में मिलाकर पीने से बदहजमी, पेचिश और कोलाइटिस में आराम मिलता है। धनिया टाइफाइड में भी उपयोगी है। यही नहीं धनिया कोलेस्ट्राल को भी संयमित करता है।
आंखों के लिए :
आंखों के लिए धनिया बड़ा गुणकारी होता है। थोड़ा सा धनिया कूट कर पानी में उबाल कर ठंडा कर के, मोटे कपड़े से छान कर शीशी में भर लें।
इसकी दो बूंद आंखोंमें टपकाने से आंखों में जलन, दर्द तथा पानी गिरना जैसी समस्याएं दूर होती है।
-ऐसे में धनिया का काढ़ा बना कर एक कप काढ़े में एक चम्मच पिसी मिश्री मिलाकर पीने से जी घबराना बंद होता है।
– हरा धनिया 20 ग्राम व चुटकी भर कपूर मिलाकर पीस लें। सारा रस निचोड़ लें। इस रस की दो बूंद नाक में दोनों तरफ टपकाने से तथा रस को माथे पर लगाकर मलने से नकसीर तुरंत बंद जाती है।
-शरीर में पित्तियां की तकलीफ हों तो हरे धनिये के पत्तों का रस, शहद और रोगन गुल तीनों को मिलाकर लेप करने से पित्तियों की खुजली में तुरंत आराम होता है।
दस्त के लिए :
दस्त लगने पर ताजे मट्ठे (बटर मिल्क) में एक या दो चम्मच ताजे धनिए का रस मिलाकर पिएं। डायरिया के उपचार में सूखा धनिया कारगर है।
– धनिया माहवारी से जुड़ी समस्याओं के लिए अमृत है। इस दौरान यदि रजोवृत्ति ज्यादा हो तो आधा लीटर पानी में लगभग छह ग्राम धनिए के बीज डालकर खौलाएं और इसमें शक्कर डालकर पिएं, फायदा होगा।
गठिया की समस्या :
गठिया की समस्या हो तो पानी में धनिए का बीज डालकर काढ़ा बनाकर पिएं। इसके सेवन से ब्लड में इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है। इसके साथ ही यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल की मात्रा घटाने और अच्छे कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ाने में भी मदद करता है।
-धनिया त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। धनिया के जूस में हल्दी का पाउडर मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे पिंपल की समस्या दूर होती है।
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