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हरियाणा और महाराष्ट्र में हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा का शीर्ष पर आकर सत्ता संभालना एक खास संकेत करता है। केन्द्र में मोदी सरकार के अब तक के शासन से उपजे उत्साह की प्रतिच्छाया इन परिणामों में परिलक्षित हुई है। हरियाणा में परिवारवादी और जातिवादी राजनीति और महाराष्ट्र में भ्रष्टाचारी सत्ता के विरुद्ध जनता ने भाजपा की झोली में अपेक्षा से अधिक मत डाले। हरियाणा में अपने दम पर बहुमत के साथ सत्ता में आना और महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी के नाते सरकार बनाना केन्द्र में मोदी सरकार के प्रति उपजे विश्वास का ही सुफल है। इसके साथ ही, विश्वास जताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर एवं झारखण्ड में पांच चरणों में सम्पन्न होने जा रहे चुनावों में भी भाजपा अपने सुशासन और विकास के बल पर अपनी यह विजय यात्रा जारी रखेगी। प्रस्तुत है हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव -नतीजों का विशद् विश्लेषण।
मेरा ध्येय ऐसा पारदर्शी शासन मुहैया कराना होगा, जिससे लोगों को महसूस हो कि यह उनकी अपनी सरकार है। नई सरकार शिवाजी महाराज के पदचिह्नों और बाबा साहब के दिए संविधान पर चलेगी।
—देवेन्द्र फड़नवीस, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र
सरकार बदले की भावना से काम नहीं करेगी, जो भी कार्रवाई होगी, कानून के दायरे में होगी। सरकार की प्राथमिकता विकास है, हम विकास के एजेंडे पर ही चलेंगे।
—मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा
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