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श्रीनगर में नमाज अता करने के बाद कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम युवकों ने जिहादी संगठन आईएसआईएस और अल-कायदा के झंडे लहराए। इससे पहले भी घाटी में जिहादी नारे लगाकर झंडे फहराए गए थे।
गत 10 अक्तूबर की दोपहर श्रीनगर स्थित जामिया मस्जिद के बाहर नमाज अता करने के बाद दोपहर को कुछ मुस्लिम युवक चेहरे पर नकाब बांधकर आईएसआईएस और अल-कायदा के झंडे लेकर पहंुच गए। इसके बाद सभी ने भारत के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर जिहादी नारे लगाने शुरू कर दिए। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और सेना भी मौके पर पहंुचे गई और किसी तरह कट्टरपंथियों को वहां से हटाया गया।
इससे पूर्व 6 अक्तूबर को भी कुछ युवकों ने बकरीद के मौके पर भी आईएसआईएस के झंडे लहराए थे। उससे पूर्व अगस्त माह में भी इसी तरह देश विरोधी नारेबाजी कर झंडे फहराए गए थे। उस समय कुछ युवकों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया था। वहां तैनात सेना के अधिकारियों का कहना है कि शहर में आईएसआईएस के झंडे आए दिन लहराया जाना चिंता का विषय है और सेना इस पर नजर बनाए हुए है।
गौरतलब है कि आईएसआईएस से प्रभावित होकर कुछ मुस्लिम युवक मुंबई से इराक जा पहंुचे थे। उसके बाद तमिलनाडु से भी पुलिस ने कुछ मुसलमानों को देश छोड़ते समय पकड़ा था। सूत्रों का कहना है कि कुछ कट्टरवादी श्रीनगर में जिहादी विचारधारा फैलाकर मुस्लिम युवकों को भटकाने का काम कर रहे हैं। ये लोग मौका मिलते ही दूसरे लोगों को भड़काने के लिए झंडे लेकर नारेबाजी शुरू कर देते हैं। इनके सरगनाओं के बारे में भी गुप्त तरीके से पता लगाया जा रहा है। प्रतिनिधि
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