अपनी बात - हैमलेट की आड़ में 'विशाल' झूठ
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अपनी बात – हैमलेट की आड़ में 'विशाल' झूठ

by
Oct 11, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 11 Oct 2014 16:04:46

विलयम शेक्सपीयर ने महान कथानक रचे हैं। विशाल भारद्वाज की पहचान ऐसे फिल्मकार के तौर पर है जो शेक्सपीयर को अपने तरीके से ठीक से बेच लेते हैं। साहित्यिक तौर पर मुरीद कितने हैं कहा नहीं जा सकता। हां, फेंटा ठीक-ठाक लगा लेते हैं। इसीलिए ह्यऑथेलोह्ण का लेगो जब घुटे हुए सिर के साथ गालियां बकते हुए लंगड़ा त्यागी के अवतार में ओम्कारा में उतरता है तो जोरदार तालियां मिलती हैं। हैमलेट में जब हैदर का झाग उठता है तो हॉल में सपनीली-खरखरी आवाज गूंजती है -हैदर, मेरे भाई से इंतकाम लेना…जिन आंखों ने तेरी मां पर फरेब डाले थेह्ण …भरपूर कमाई होती है। साहित्य और सिनेमा की देसी गड्ड-मड्ड में स्वदेशी सरोकारों का क्या होगा इससे संभवत: फिल्मकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। साहित्यिक कृति में मनमाने तथ्यों को मिलाने और अलगाववादियों के मानवाधिकारों की पैरवी करती हैदर, वीबी पिक्चर्स की ताजा फिल्म है। सच का गला घोट, झूठ के प्रति संवेदनाएं जगाने की ऐसी कोशिश जिस पर जनता का ऐतराज बनता है। फिल्म की आलोचनाएं हो रही हैं। कश्मीरी हिन्दू प्रदर्शन कर रहे हैं। पोस्टर जलाए जा रहे हैं। प्रशासन को ज्ञापन दिए जा रहे हैं। कश्मीर के असली पीडि़तों के पास इस आक्रोश अभिव्यक्ति का तार्किक आधार है। जिनके घर-मंदिर तबाह कर दिए गए, जिनकी महिलाओं ने शर्मनाक यातनाएं झेलीं, जिनके निहत्थे लोग भून दिए गए, उन लाखों कश्मीरी हिन्दुओं को एक पंक्ति में समेट उन्मादी इस्लाम की तस्लीम बजाती फिल्म को आप क्या कहेंगे?घाटी के पंडितों की पीड़ा को परदे पर दबा जाने वाले विशाल भारद्वाज कहते हैं, ह्यमैं भारतीय हूं। देशभक्त भी हूं। मैं अपने देश से प्यार करता हूं इसलिए ऐसा कोई काम नहीं करना चाहता जो देश विरोधी हो। लेकिन जो चीज मानव विरोधी हो मैं उस पर राय जरूर दूंगा।ह्ण
जाहिर है, कठमुल्लों के आतंक पर जुबान ना खोलने वाले और हिन्दू प्रतीकों का तमाशाई चित्रण करने के बावजूद जब फिल्म निर्माता मानवीय गरिमा और अधिकारों की बात करे तो जनता उसकी घेराबंदी करेगी ही। विशाल घिरे हुए हैं। इस्लामी उन्माद एक वैश्विक सचाई है। महिलाओं को बेचने वाले, बच्चों को जिबह करने वाले, पत्रकारों के गले रेतने का जैसा काम इराक-सीरिया में दिख रहा है कमोबेश वैसी ही यातनाएं झेलते हुए कश्मीरी हिन्दुओं ने वह घाटी छोड़ी है जिस पर आज कट्टरपंथी कुंडली मारे बैठे हैं। कट्टरवाद पर चुप्पी और आतंक की पैरोकारी की वजह से विशाल भारद्वाज को जनता ने घेरा है।
शेक्सपीयर की हैमलेट और बशरत पीर की ह्यकर्फ्यूड नाइटह्ण को फेंटने से पहले विशाल भारद्वाज ने यदि राज्य के राज्यपाल रहे जनरल एस. के. सिन्हा और जगमोहन के अनुभव भी पढ़ लिए होते तो घाटी के घडि़यालों की सच्ची तस्वीर उकेरने में कामयाबी मिल सकती थी। मगर शायद उनकी ऐसी इच्छा ही नहीं थी। सपने में कौंधे अब्बा का बदला लेने को अकुलाते हैदर का पागलपन समझ में आता यदि शेक्सपीयर की तरह बात सपने तक ही रही होती। लेकिन रूहदार का किरदार, जिसका मूल कृति में कहीं नामोनिशान नहीं मिलता, रचकर निर्माता ने आतंकियों का पैरोकार खड़ा किया है। सेना की बर्बरता की कहानी में सचाई के रंग भरने की कोशिश की है।
बहरहाल, शेक्सपीयर के नायकों की एक साझी खासियत है। हर त्रासदी में नायक अपने पतन का जिम्मेदार खुद है। हैदर की समीक्षा इस नजर से क्यों नहीं हुई इसका मुझे आश्चर्य है। घाटी के हर ह्यहैदरह्ण को अपनी इस हालत के जिम्मेदार नेताओं और एकपक्षीय चित्रण करने वाले फिल्मकारों को किनारे कर स्थिति की समीक्षा करनी होगी। कट्टरवाद को बुहारे बिना घाटी सूनी है। लाखों विस्थापितों को दोबारा जगह दिए बिना घाटी सूनी है।
अपने भाइयों को फिर से बुलाने को-ह्यचले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले,ह्ण अगर ऐसी सामूहिक आवाज घाटी से नहीं उठती तो हैमलेट की आड़ में ह्यविशालह्ण झूठ बोले ही जाते रहेंगे।

खाकी के खिलाफ सुलगती ह्यमाचिसह्ण(1996) से ह्यबीड़ी जलइलेह्ण(ओम्कारा 2006) तक के दशक में फिल्मी हथौड़े से राष्ट्रीय सरोकारों पर हमले की धमक साफ सुनाई देती है। साहित्य और मानवीयता को आधार बताती और खास फिल्मी जुगलबंदियों को माध्यम रखकर विस्तार पाती एक पूरी सिनेमाई शृंखला नजर आती है। हैैदर इसी शृंखला की एक कड़ी है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

अर्थ जगत: कर्ज न बने मर्ज, लोन के दलदल में न फंस जाये आप; पढ़िये ये जरूरी लेख

जर्मनी में स्विमिंग पूल्स में महिलाओं और बच्चियों के साथ आप्रवासियों का दुर्व्यवहार : अब बाहरी लोगों पर लगी रोक

सेना में जासूसी और साइबर खतरे : कितना सुरक्षित है भारत..?

उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि शुरू : सीएम धामी ने कहा- ‘फर्जी छद्मी साधु भेष धारियों को करें बेनकाब’

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

इस्लामिक आक्रमण और ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया : उपराष्ट्रपति धनखड़

Uttarakhand Illegal Madarsa

बिना पंजीकरण के नहीं चलेंगे मदरसे : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

अर्थ जगत: कर्ज न बने मर्ज, लोन के दलदल में न फंस जाये आप; पढ़िये ये जरूरी लेख

जर्मनी में स्विमिंग पूल्स में महिलाओं और बच्चियों के साथ आप्रवासियों का दुर्व्यवहार : अब बाहरी लोगों पर लगी रोक

सेना में जासूसी और साइबर खतरे : कितना सुरक्षित है भारत..?

उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि शुरू : सीएम धामी ने कहा- ‘फर्जी छद्मी साधु भेष धारियों को करें बेनकाब’

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

इस्लामिक आक्रमण और ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया : उपराष्ट्रपति धनखड़

Uttarakhand Illegal Madarsa

बिना पंजीकरण के नहीं चलेंगे मदरसे : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

देहरादून : भारतीय सेना की अग्निवीर ऑनलाइन भर्ती परीक्षा सम्पन्न

इस्लाम ने हिन्दू छात्रा को बेरहमी से पीटा : गला दबाया और जमीन पर कई बार पटका, फिर वीडियो बनवाकर किया वायरल

“45 साल के मुस्लिम युवक ने 6 वर्ष की बच्ची से किया तीसरा निकाह” : अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के खिलाफ आक्रोश

Hindu Attacked in Bangladesh: बीएनपी के हथियारबंद गुंडों ने तोड़ा मंदिर, हिंदुओं को दी देश छोड़ने की धमकी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies