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नई दिल्ली में 29 सितम्बर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रहे स्व. श्रीकान्त जोशी के जीवन पर आधारित पुस्तक 'श्रीकान्त जोशी : ध्येयनिष्ठ जीवन' का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के नाते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने कहा कि श्रीकान्त जी का जीवन कमल पुष्प के समान था। जिस प्रकार कमल पुष्प पर पानी की एक बून्द भी नहीं ठहरती है, उसी प्रकार श्रीकान्त जी का जीवन बिल्कुल निर्मल था। आजकल स्पर्श करने वाले चरणों का अभाव है, लेकिन श्रीकान्त जी के चरण स्पर्श करने योग्य थे। उनका पूरा जीवन पूर्ण समर्पण का प्रमाण था। उनके स्मरण मात्र से ही हम सबको ऊर्जा मिलती है। वे संघ के पहले प्रचार प्रमुख थे। उन्होंने प्रचार की जिम्मेदारी बड़ी निष्ठा के साथ निभाई, पर स्वयं प्रचार से कोसों दूर रहे। उन्होंने उन दिनों, जब आवागमन की सुविधाएं पर्याप्त नहीं थीं, साधन कम थे, तब पूर्वोत्तर भारत में संघ कार्य को बढ़ाने की कठिन चुनौती स्वीकार की थी। अपनी कड़ी मेहनत और लगन के कारण वे उस कार्य में सफल भी रहे। उन्होंने कहा कि संवाद समिति 'हिन्दुस्थान समाचार' का पुनर्जीवीकरण आसान कार्य नहीं था, लेकिन श्रीकान्त जी ने वह कार्य कर दिखाया। वे ध्येयवादी पत्रकारिता के लिए कार्य करते थे, जबकि आज की पत्रकारिता में व्यवसायवाद की प्रमुखता है। आज पत्रकारिता विश्वसनीयता के संकट से जूझ रही है। केन्द्रीय इस्पात, खनन एवं श्रम मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि श्रीकान्त जी का व्यक्तित्व ऐसा था कि जो भी उनसे मिलता था उनका प्रशंसक बन जाता था। समारोह के अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, उत्तर क्षेत्र के संघचालक डॉ. बजरंगलाल गुप्त ने कहा कि श्रीकान्त जी सहज और सरल व्यक्तित्व के धनी थे। आज के युग में निष्ठा बदलने वाले लोग पैदा हो रहे हैं, पर श्रीकान्त जी निष्ठा की प्रतिमूर्ति थे। इससे पूर्व पुस्तक के लेखक और 'स्वदेश समूह' के सम्पादक श्री अतुल तारे ने पुस्तक के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर अनेक संगठनों के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे। समारोह का आयोजन 'स्वदेश समूह' और 'हिन्दुस्थान समाचार' ने संयुक्त रूप से किया था। ल्ल प्रतिनिधि
सरकार्यवाह ने 'तीन बीघा गलियारे' का दौरा किया
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी 25 सितम्बर को पश्चिम बंगाल के कूच विहार जिले में स्थित 'तीन बीघा गलियारा' पहंुचे। वहां उनका स्वागत सीमा सुरक्षा बल के प्रभारी ने किया। श्री जोशी ने वहां भारतीय सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। उनके साथ अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख श्री विनोद कुमार, अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल के सदस्य श्री सुनील देशपाण्डे, क्षेत्रीय प्रचारक श्री अद्वैतचरण दत्त, उत्तर बंग प्रान्त प्रचारक श्री गोबिन्द घोष, सह प्रान्त प्रचारक श्री जलधर महतो, दक्षिण बंग प्रान्त के प्रान्त प्रचारक श्री विद्युत मुखोपाध्याय सहित अनेक कार्यकर्ता थे। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी ने बताया कि 1992-96 तक तीन बीघा गलियारा एक घंटा भारत के नागरिकों के लिए और एक घंटा बंगलादेश के नागरिकों के लिए खोला जाता था। यह प्रक्रिया शाम तक चलती थी। बाद में यह प्रक्रिया 6-6 घंटे के लिए की गई थी। इससे भारतीयों को अपनी ही भूमि में इधर-उधर जाने में दिक्कत होती थी। इसलिए कई राष्ट्रवादी संगठनों ने इस प्रक्रिया का विरोध वर्षों तक किया। कार्यकर्ताओं का दमन किया गया, उन्हें मारा पीटा गया। कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद 5 नवम्बर, 2011 को भारत सरकार ने यह गलियारा 99 वर्ष के लिए 1 रु. के पट्टे पर बंगलादेश को सौप दिया। भैया जी ने आन्दोलन करने वाले कार्यकर्ताओं से भी भेंट की और कहा कि भारतीयों के आवागमन के लिए गलियारे के ऊपर से एक सेतु बनाया जाए।
-बासुदेब पाल
'अनुच्छेद 370 देशहित में नहीं'
राजपुरा (पंजाब) में गत दिनों अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् (अ़ भा़ अ़ प़ ) के तत्वावधान में 'अनुच्छेद 370' पर आधारित एक गोष्ठी आयोजित हुई। मुख्य वक्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पंजाब प्रान्त के प्रान्त प्रचारक श्री किशोरकांत ने कहा कि अनुच्छेद-370 देशहित में नहीं है। इससे विघटनकारी शक्तियों को बल मिल रहा है। यही कारण है कि आज भी विभाजन के समय पाकिस्तान से आकर जम्मू-कश्मीर में बसे विस्थापितों को वहां की नागरिकता नहीं मिली है। वे लोग विधानसभा के चुनाव में मतदान भी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देशहित के लिए अनुच्छेद-370 को खत्म कर देना चाहिए। इस अवसर पर पटियाला के संघचालक श्री शामसुंदर मेहता, अ़ भा. अ.प. के अध्यक्ष श्री परमिन्द्र राय आदि उपस्थित थे। अधिवक्ता परिषद् के प्रांत अध्यक्ष श्री सुभाष लटावा ने उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया।
-वि.सं.के., पंजाब
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