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गत दिनों राजस्थान के उदयपुर में ह्यस्वर्गीय जयदेव पाठक स्मृति व्याख्यानमालाह्ण का आयोजन हुआ। इसकी मुख्य वक्ता थीं पुनरुत्थान ट्रस्ट, अमदाबाद की मंत्री इंदुमति काटदरे और अध्यक्षता की विद्या प्रचारिणी सभा, उदयपुर के कार्याध्यक्ष यशवंत सिंह शक्तावत ने। व्याख्यानमाला को सम्बोधित करते हुए इंदुमति काटदरे ने कहा कि भौतिकवाद ने हम सबको मन का गुलाम बना दिया है। बाहरी चकाचौंध और भौतिकता को ही हमने विकास का मापदण्ड बना लिया है। समाज में श्रद्धा और विश्वास कम हो रहा है। इस संकट का हल स्वयं अच्छा बनकर दुनिया को अच्छा बनाने में है। यशवंत सिंह शक्तावत ने कहा कि शिक्षा में पाश्चात्य सभ्यता के बढ़ते प्रभाव के कारण हम अपने मूल संस्कारों से दूर होते जा रहे हैं। इस अवसर पर विद्या भारती के 9 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और 9 आचार्यों को सम्मानित भी किया गया। व्याख्यान का आयोजन जयदेव पाठक जन सेवा न्यास, राजस्थान और विद्या भारती संस्थान, उदयपुर ने किया था।
ल्ल प्रतिनिधि
द्वारका में कुटुम्ब प्रबोधन गोष्ठी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारका जिले की ओर से पालम नगर में 14 सितम्बर को कुटुम्ब प्रबोधन गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए दिल्ली प्रान्त कुटुम्ब प्रबोधन के प्रमुख श्री भगवानदास ने कहा कि आज संवादहीनता के कारण कुटुम्ब टूट रहे हैं। मां के योगदान को हम भूल रहे हैं, लिव इन रिलेशन का चलन महिला उत्पीड़न को और बढ़ा रहा है। हमारी संस्कृति काटने और बुझाने की नहीं बल्कि जोड़ने और दीप से दीप जलाने की है, यह भावना समाज में फैलानी होगी।
इस गोष्ठी में जिला संघचालक प्रो. बलराम पाणि, वरिष्ठ प्रचारक जयपाल शास्त्री, विभाग गतिविधि प्रमुख बृजेश कुमार, नगर संचालक श्योदान सिंह, जिला कुटुम्ब प्रबोधन प्रमुख राम प्रकाश, नगर प्रमुख डी. नरसिम्हा राव और मुख्य शिक्षक जगदीश तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उदित्या चौधरी, पूजा, सिद्धार्थ और टिंकू ने कुटुंब और नारी पर केन्द्रित गीत व कविताएं प्रस्तुत कीं। गोष्ठी का संचालन सूर्य प्रकाश सेमवाल ने किया। ल्ल प्रतिनिधि
ह्यधर्म रक्षा हेतु संघर्ष ही अध्यात्म हैह्ण
गत दिनों दिल्ली में ह्यश्रीकृष्ण तत्व ज्ञानोत्सवह्ण आयोजित हुआ। इस अवसर पर हिन्दुत्व अभियान के प्रणेता श्री लाहिड़ी गुरुजी ने कहा कि श्रीकृष्ण पुरातन भारतीय ऋषि संस्कृति के ध्वजवाहक हैं, उनका जीवन भारतवर्ष के आध्यात्मिक तत्व की एक मिसाल है। प्रभु श्रीकृष्ण ने अपने जीवन के हर प्रसंग से सदा हिन्दुत्व साधना का शाश्वत सन्देश दिया। प्रभु श्रीकृष्ण ने जन्म से ही संघर्ष का मार्ग चुना। बचपन में ही उन्होंने कंस, पूतना और अन्य दुष्टों का विनाश किया, अपने ग्रामवासियों की दुष्टों से रक्षा की। इस प्रकार धर्म संगत संघर्ष व शौर्य तत्व का सन्देश उन्होंने बाल्यकाल में ही दे दिया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने की। इस अवसर पर अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। -प्रतिनिधि
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