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आवरण कथा संभंधित – निशानेबाज बनी निशाना

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Aug 30, 2014, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 30 Aug 2014 15:25:46

झारखण्ड की राजधानी जहां अपनीआवो हवा के लिए प्रसिद्घ है वही देश को खेल की अनेक प्रतिभाओं को भी दिया है चाहे हाकी हो या तीरंदाजी या निशानेबाजी ,खासकर लड़कियों को इस क्षेत्र में काफी प्रोत्साहित किया गया इसी कड़ी में यदि झारखंड में निशानेबाजी की बात की जाय तो तारा शाहदेव एक उभरता लोकप्रिय नाम है। राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने वाली तारा शाहदेव सिंगापुर में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी थी।
निशानेवाजी को अपना जुनून बनाने वाली तारा पूरी लगन से अपनी प्रतिभा को तराशने रांची के खेलगांव में बने शूटिंग रेंज में हमेशा अभ्यास करती। इसी खेलगांव में इस प्रतिभा पर जून में ऐसे इंसान की नजर पड़ी जिसमें इंसान के रूप में भेडि़या छुपा था। इस सन्दर्भ में तारा कहती है-कि वह खेलगांव होटवार (रांची) में प्रैक्टिस के लिए जाती थी। रंजीत वहां आने-जाने लगा। उससे दोस्ती गांठ ली। वह पीली बत्ती वाली गाड़ी पर चलता था। साथ में सुरक्षा गार्ड भी होता था। उसने बताया कि उसके पिता पटना में बिक्री कर आयुक्त थे, जिनका निधन हो चुका है। रांची मुख्य सड़क के ब्लेयर अपार्टमेंट में उसका आरडी-4 नंबर फ्लैट है। यह बाद में पता चला कि उसने फ्लैट किराए पर लिया था। यह भी जानकारी मिली कि रंजीत कोहली का अशोकनगर के एफ-95 में अपना मकान है, जिस पर कौशल निवास लिखा है।
यह भी शादी के बाद पता चला कि उसने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम रकीबुल हसन रख लिया था। अप्रैल 2014 में तारा की मां का देहांत हो गया। इसके बाद सहानुभूति के नाम पर रंजीत उर्फ रकीबुल की नजदीकी उससे और बढ़ीं। उसने मुश्ताक नामक बड़े अधिकारी को अपना अभिभावक भी बताया था। जिन्होंने मध्यस्थता करते हुए तारा को शादी के लिए राजी कराने का प्रयास किया। जुलाई को रांची के प्रख्यात एकमात्र फाइव स्टार होटल रेडिशन ब्लू में हिन्दू रीतिरिवाज से मेरी रणजीत के साथ शादी हुई,जुलाई से मेरे साथ जो अमानवीय घटना शुरू हुई वह अवर्णनीय है। तारा कहती है कि 9 जुलाई को रजिस्ट्रार मुश्ताक के साथ एक मौलवी तथा-और लोग भी आए। घर में ही पर्दे के पीछे से 'कबूल है' कहलाया गया। प्रताड़ना से तंग तारा के घर से निकलने पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। इतना ही नहीं मुश्ताक अहमद के घर जब मुझे पार्टी में ले जाया गया तो वहां औरतों ने मेरा नाम तारा से सारा कर दिया। उसके बाद नारकीय जीवन शुरू हो गया कोहली के घर बड़े-बड़े लोगों का आना-जाना था। उसके पास काफी पैसे आते थे। पैसे कहां से आते थे, इसकी कोई ठोस जानकारी पुलिस को भी नहीं है। तारा शाहदेव ने अपने बयान में यह जिक्र किया है कि वह अलग-अलग फोन नंबरों पर देर-देर तक बंद कमरे में बातें करता था। उसे शक है कि उसका दूसरे देशों से भी लिंक है। पूछताछ के दौरान पुलिस को यह भी पता चला है कि उसके घर पर लड़कियां आती थीं, जो देखने में रांची या झारखंड-बिहार की नहीं लगती थी। वे लड़कियां कई-कई दिनों तक रंजीत कोहली के घर में रुकती थीं़ इस दौरान रंजीत कोहली के घर पर मंत्री, राज्य के दो बड़े नेता, एक सेवानिवृत्त आइपीएस, पुलिस के दो वरिष्ठ अफसर और कई आइएफएस अधिकारी आते-जाते थे़ एक जज और एक बड़े वकील का भी नाम इस मामले में आ रहा है। रंजीत कोहली के पड़ोसियों ने पुलिस को बताया है कि जब लड़कियां आती थीं, तब कई दिनों तक लाल-पीली बत्ती वाले वाहनों पर सवार होकर कई अधिकारी वहां आया करते थे। इससे वह अच्छी रकम कमाता था। इन्हीं अफसरों की मदद से वह पैरवी भी करवाता था झारखंड में नवपदस्थापित अधिकतर डीएसपी से उसकी अच्छी दोस्ती थी। वह विभिन्न सेक्टरों में काम करता था। पुलिस छापेमारी में इसके फ्लैट से ताकत की दवाएं, नौकरी लगाने सहित एनजीओ से जुड़े कागजात पुलिस के हाथ लगे हैं, जिसकी छानबीन की जा रही है। रंजीत कोहली एक स्वयंसेवी संस्था चलाता था। यह संस्था वृक्षारोपण का काम करती थी। इस सिलसिले में उसने कई अफसरों से संपर्क थे। अब इस संस्था का पंजीकरण कब हुआ है। कितनी सहायता राशि दी गई है उसकी भी जांच होगी। वन विभाग के बड़े अफसरों के साथ भी रंजीत सिंह कोहली का करीबी रिश्ता था। वन विभाग के अफसरों के साथ मिलकर कोहली ने लाखों करोड़ों की कमाई एनजीओ के नाम पर पर की।
तारा शाहदेव को प्रताडि़त करने का आरोपी पति रंजीत सिंह कोहली धर्मांतरण कर रकीबुल बन चुका था। झारखंड के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी ने ये बातें मीडिया से कहीं। उन्होंने कहा कि रंजीत सिंह कोहली ने मुझसे कहा था कि उसने धमांर्तरण कर लिया है, अब उसका नाम रकीबुल है। वह एनजीओ चलाता है। बकौल हाजी सरकारी काम के सिलसिले में मैं उससे कई बार मिला था। पिछले एक साल से मैं उसे जानता हूं। इसी जान पहचान के कारण मैंने उसे पिछले दिनों इफ्तार का न्योता सौंपा था, न्योता रकीबुल के नाम से भेजा गया था। एक मंत्री अक्सर उसके ब्लेयर अपार्टमेंट स्थित घर में आना-जाना करते थे। जुलाई में तारा से रंजीत की शादी होने के बाद भी कई बार मंत्री ब्लेयर अपार्टमेंट आए थे। वहीं एक मंत्री के द्वारा भेजे गए आमंत्रण के बाद ही इस बात का खुलासा हुआ था कि रंजीत सिंह कोहली का एक नाम रकीबुल हसन भी है। ईद की पार्टी का निमंत्रण रकीबुल नाम से ही रंजीत के फ्लैट पर मंत्री ने भेजा था।

इसे भी पढ़ें : हिंदू लड़कियों की पीड़ा उन्हें दिखाई क्यों नहीं देती

जांच में यह बात भी सामने आयी है कि झारखंड के एक पूर्व डीजीपी से भी कोहली के करीबी रिश्ते थे। कोहली पूर्व डीजीपी को किसी आयोग या बोर्ड निगम में फिट करने की तैयारी में लगा था। वही झारखण्ड सरकार के एक और मंत्री सुरेश पासवान कहते हैं कि वह रकीबुल नही रणजीत है और मै उसके घर गया हूं। मामला संदेहास्पद है और रकीबुल उर्फ रणजीत के रैकेट में बड-बड़े लोगों की संलिप्तता से नकारा नहीं जा सकता है तारा शाहदेव धमांर्तरण और प्रताड़ना मामले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तारा हमारी बहन जैसी है़और साथ ही आरोपी के जल्द गिरफ्तारी की बात कही। वहीं मंत्री हाजी हुसैन अंसारी ने कहा कि इस मामले पर राजनीति हो रही है ज़बकि मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि आरोपी को सख्त सजा मिलनी चाहिए। -वि.स.केन्द्र

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