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गत दिनों मध्य प्रदेश में देवास जिले के गांव गनोरा, जीया गांव, दीप गांव और खाते गांव के पर्यावरण-प्रेमियों ने मां भुवनेश्वरी पर्वत पर वृक्षारोपण किया। स्थानीय गायत्री परिवार की देखरेख में वृक्षारोपण का यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। घनघोर बारिश के बीच पर्यावरण-प्रेमियों ने 1008 पौधे लगाए। वृक्षारोपण के इस कार्यक्रम को 'तरु पुत्र रोपण महायज्ञ' नाम दिया गया था। कार्यक्रम संयोजक राजेन्द्र व्यास व एन. पी. सराठे के नेतृत्व में लगाए गए वृक्षों की ऊंचाई 5 से 7 फीट है। नीम ,पीपल, वट, करंज, आंवला, बेल, गुलमोहर, कदम, बांस, बादाम, जामुन, चीकू, आम, पपीता, आदि के पौधों का रोपण किया गया। ये पौधे जिला समन्वय समिति के संयोजक रमेश चन्द्र मोदी व महेश चौधरी के प्रयासों से प्राप्त हुए।
इस कार्य के लिए क्षेत्र के कांवडि़यों ने आपस में चन्दा इकट्ठा कर 21,000 रुपए दिए। इस अवसर पर शान्तिकुंज, हरिद्वार से पधारे सुधीर भारद्वाज ने कहा कि वृक्षांे के साथ हमारे जीवन की शुरुआत होती है और उन्हीं की गोद में जीवन का अंतिम संस्कार भी होता है। अत: ये हमारे जीवन-मरण के साथी हैं। वृक्षांे के प्रति भावसंवेदना जगा कर ही हम उन्हंे बचा सकते हैं। केदार प्रसाद दुबे ने कहा कि यदि मानव सभ्यता को हम बचाना चाहते हैं तो मां पृथ्वी पर फिर से हरियाली लानी होगी। इस दिशा में गायत्री परिवार द्वारा चलाया जा रहा 'वृक्ष गंगा अभियान' मील का पत्थर साबित हो रहा है।
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इस अवसर पर पर्यावरण-प्रेमियों का उत्साह बढ़ाने के लिए अनेक सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे। -मनोज तिवारी
विद्या भारती के आचार्यों की कार्यशाला सम्पन्न
विद्या भारती, बिहार क्षेत्र से सम्बंधित आचायार्ें की त्रिदिवसीय कार्यशाला 29 जुलाई को सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, दर्शन नगर, छपरा में सम्पन्न हुई। कार्यशाला में नौवीं और दसवीं कक्षा में सामाजिक विज्ञान पढ़ाने वाले 156 आचार्यों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का उद्देश्य सामाजिक विज्ञान के प्रति पुन: रुचि स्थापित करना था, ताकि सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में भी प्रतिभावान विद्यार्थी अपना भविष्य बना सकें। कार्यशाला का उद्घाटन विद्या भारती के सह क्षेत्रीय मंत्री श्री कृपाशंकर शर्मा ने किया।
उन्होंने कार्यशाला की उपयोगिता बताते हुए कहा कि प्राचीनकाल में भारतीय संस्कृति के अनुसार शिक्षा व्यवस्था थी, जिसमें ज्ञान की श्रेष्ठता थी, परंतु अब ज्ञान नहीं धन की श्रेष्ठता हो गई है। इसलिए व्यक्ति वही शिक्षा लेना चाहता है जिससे ज्यादा धन कमाने का अवसर मिले, लेकिन इसका दुष्परिणाम भी सामने आ रहा है।
सामाजिक विज्ञान के प्रति रुचि कम होने से नैतिक शिक्षा का अभाव हो गया है और मूल्य आधारित समाज निर्माण की प्रक्रिया अवरुद्ध हो गई है। परिणामत: समाज में कई प्रकार की बुराइयां घर कर गई हैंं। नैतिक शिक्षा के अभाव में हर क्षेत्र में गिरावट होने लगी है। व्यक्ति समाज से अधिक अपने को और देश से अधिक पैसे को महत्व देने लगा है। इन सबसे निजात पाने का उपाय सामाजिक विज्ञान एवं नैतिक शिक्षा की पुन: स्थापना ही हो सकती है।
कार्यशाला में डॉ़ शैलेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ़ विभू कुमार, डॉ़ आऱ एऩ ठाकुर, प्रो़ सुरेन्द्र मिश्र, प्रो़ मनोज पाण्डेय इत्यादि विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। अतिथियों का स्वागत एवं परिचय प्रधानाचार्य रामदयाल शर्मा ने दिया। कार्यक्रम में लोक शिक्षा समिति के सह सचिव नकुल कुमार शर्मा पूरे समय उपस्थित रहे। -वि. सं. के.,पटना
'सीसैट पर सम्रगता से विचार हो'
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप ) ने केन्द्र सरकार द्वारा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा में सीसैट के अंग्रेजी प्रश्नपत्र के अंकों को मेधा सूची या वर्गीकरण (ग्रेडिंग) तय करने में नहीं जोड़ने की घोषणा को निर्णय लेने की दिशा में एक पहल बताया है। इसके साथ ही यह भी कहा है कि यह संतोषजनक नहीं है। दीर्घकालीन समाधान के लिए समग्रता से विचार कर ठोस निर्णय लेने की जरूरत है। अभाविप ने एक ऐसी समिति के गठन की भी मांग की है,जो इस समस्या के समाधान के लिए उचित निर्णय ले, जिससे सभी विद्यार्थियों के हितांे की रक्षा की जा सके। अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री श्री श्रीहरि बोरीकर ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि अभाविप हमेशा से ही भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के पक्ष में रही है तथा इनके विरुद्ध होने वाले किसी भी षड्यंत्र को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
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उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् देशभर के सभी विद्यार्थियों के हितों की रक्षा के लिए इस मुद्दे पर शुरू से ही आंदोलन कर रही है। -प्रतिनिधि
संगीताचार्य एवं शिशु वाटिका प्रमुखों का प्रशिक्षण
गत दिनों राजस्थान में बारां जिले के छबड़ा स्थित आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय में जिला स्तरीय संगीताचार्य व शिशु वाटिका प्रमुखों का चार दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न हुआ। शिविर का उद्घाटन 28 जुलाई को हुआ। मुख्य अतिथि थे श्री जमनालाल चक्रधारी। अध्यक्षता की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तहसील संघचालक श्री धर्मप्रकाश जैन ने। इस अवसर पर मुख्य वक्ता श्री पूनमचन्द राठौर ने विद्या भारती के शिक्षण, प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षण वर्ग में छबड़ा, छीपाबड़ोद, बारां, किशनगंज, मांगरोल, समरानियां, सीसवाली और अन्ता के 75 आचार्यों ने भाग लिया। विभिन्न शैक्षिक सत्रों में शिक्षाविद् ओमप्रकाश शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार भार्गव, सेवानिवृत्त अध्यापक शिवमनोहर भार्गव ने नवीन शैक्षिक विधाओं की जानकारी दी। चर्चा सत्रों में मनोरमा शर्मा, राजेन्द्र कुमार शर्मा, गजानन्द नागर, पुरुषोत्तम राठौर का प्रेरक मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। शिविर में श्रावण सोमवार के अवसर पर 101 दीपकों द्वारा भगवान शंकर की महाआरती भी की गई। -प्रतिनिधि
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