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सूडान की एक महिला इब्राहिम याहया मरियम इशाक को अपनी जन्मभूमि इसलिए छोड़नी पड़ी क्योंकि वह ईसाई बन गई थी। इन दिनों वह इटली में रह रही है। मरियम का पिता मुसलमान और मां ईसाई है। इस नाते वह मुसलमान है। पर कुछ वर्ष पहले ही उसने सूडान में रह रहे एक अमरीकी नागरिक, जो ईसाई है, के साथ विवाह कर लिया था और ईसाई बन गई थी। इसके बाद सूडान के मुल्लों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि मरियम एक मुसलमान पिता की बेटी है इसलिए वह ईसाई नहीं बन सकती है। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। कुछ दिनों तक मुकदमा चला और उसे फांसी की सजा सुनाई गई। इस सजा का ईसाई जगत ने जमकर विरोध किया। इसके बाद उसे रिहा कर दिया गया, लेकिन सूडान के कट्टरवादी मरियम की जान के पीछे पड़ गए। इस कारण वह एक महीने तक खारतोम स्थित अमरीकी दूतावास में रही। अब इटली सरकार ने मरियम और उसके परिवार को अपने यहां शरण दी है।
पेप्सी पीने पर भारतीय की हत्या
पिछले दिनों रमजान के दौरान कुवैत में एक भारतीय युवक की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई कि उसने रोजा रखने वालों के सामने पेप्सी पी ली थी। शिब्बू लबाना नामक यह युवक राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के मोर गांव का रहने वाला था। वह युवक कुछ समय पहले ही मजदूरी करने के लिए कुवैत गया था। कुवैत से आई खबरों के अनुसार रोजाना की तरह वह मजदूरी करने के लिए गया था। वहीं उसने मुसलमान मजदूर साथियों के सामने पेप्सी पी। इसी बात पर वहां मौजूद मुसलमान मजदूर उस पर टूट पड़े। वे लोग तब तक उसे मारते रहे जब तक कि उसकी जान नहीं चली गई। इसके बाद उन्होंने शव को एक पेड़ पर टांग दिया और वहां से फरार हो गए। शिब्बू जब देर रात भी घर वापस नहीं आया तो उसके साथियों ने सोचा कि वह 'ओवर टाइम' कर रहा होगा। लेकिन जब वह सुबह भी नहीं आया तो उसके साथी उसे ढूंढने के लिए निकल पड़े। काफी खोजबीन करने के बाद भी वह नहीं मिला तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने उसके साथियों को एक शव दिखाया तो उनके होश उड़ गए। वह शव शिब्बू का था।
आई. सी. सी. ने मोइन को लगाई फटकार
अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आई. सी. सी.) ने इंग्लैण्ड की क्रिकेट टीम के बल्लेबाज मोइन अली को फटकार लगाई है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी मूल के मोइन ने हाल ही में साउथेम्टन में भारत और इंग्लैण्ड के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैच के दौरान बाजू पर एक पट्टी बांध रखी थी, जिस पर लिखा था 'सेव गाजा' और 'फ्री फिलिस्तीन'। पता हो कि क्रिकेट मैच के दौरान कोई भी खिलाड़ी आई. सी. सी. की अनुमति के बिना कोई सन्देश देने वाली पट्टी या कपड़े का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। मोइन खुले विचार वाले इंग्लैण्ड के बमिंर्घम में रहते हैं, लेकिन उनकी सोच अपने मजहब के दायरे से ऊपर नहीं उठ पा रही है। मोइन पिछले कुछ समय से लम्बी दाढ़ी भी रखने लगे हैं। उनका कहना है कि मैं मुसलमान हंू, यह दुनिया को बताने के लिए लम्बी दाढ़ी रखता हंू। यहां यह भी बता दें कि मोइन जैसे मुसलमानों ने आज तक किसी आतंकवादी संगठन की निन्दा नहीं की है। यदि ये लोग आतंकवादियों की आलोचना करते तो शायद आज पूरी दुनिया जिहादी आतंकवाद से परेशान नहीं होती।
चीन में चाकू वाले आतंकवादी
चीन में 28 जुलाई को काशगर शहर के पास इलिक्सू कस्बे के पुलिस थाने पर चाकूधारी आतंकवादियों ने हमला कर दिया। आतंकवादियों ने वहां मौजूद सभी लोगों की हत्या चाकू से गोद-गोद कर कर दी। इसके बाद ये हत्यारे बगल के हुआंगदी कस्बे में पहंुच गए और वहां भी अनेक लोगों की हत्या कर दी। हालांकि बाद में इन सभी हत्यारों को पुलिस ने मार गिराया। चीन में इससे पहले भी इस तरह के हमले कई बार हो चुके हैं। इन हमलों के पीछे सिक्यिांग के उइगर मुसलमानों का हाथ बताया जाता है। कहा जाता है कि इन मुसलमानों को अल-कायदा से जुड़े ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेन्ट की मदद मिलती है। यह भी कहा जा रहा है कि इस आतंकवादी संगठन ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में अपना ठिकाना बना लिया है।
न इस्रायल झुक रहा, न हमास
आतंकवादी संगठन हमास के अडि़यल रवैये के कारण अब तक गाजा पट्टी में 2000 से भी अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इस्रायल का कहना है कि वह तब तक गाजा पट्टी पर हमला करता रहेगा जब तक हमास के सभी ठिकानों को ध्वस्त नहीं कर दिया जाता है। हमास भी कह रहा है वह इन हमलों से झुकने वाला नहीं है। इसके साथ ही हमास यह भी बार-बार दुहरा रहा है कि इस धरती पर इस्रायल का जब तक अस्तित्व रहेगा वह चैन से नहीं बैठेगा।
प्रस्तुति : अरुण कुमार सिंह
कथित ईशनिन्दा में बच्चे की हत्या
पिछले हफ्ते पाकिस्तान और सीरिया में ईशनिन्दा के आरोप में बड़ी बर्बरतापूर्वक पांच लोगों की हत्या कर दी गई। पाकिस्तान के गुजरांवाला में एक सुबह किसी ने अफवाह फैला दी कि 'फेसबुक पर अहमदिया समुदाय के एक युवक ने मोहम्मद साहब का अपमान किया है।' इसके बाद मुसलमानों की भीड़ सड़कों पर निकल आई और अहमदिया समुदाय के घरों पर हमला बोल दिया। अनेक घर जलाए गए और चार लोगों की हत्या कर दी गई। इनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है।
उधर सीरिया में 14 वर्षीय मोहम्मद कता की हत्या भी ईशनिन्दा के आरोप में कर दी गई है। यह घटना अलेप्पो शहर की है। कता परिवार के गुजारे के लिए आइस्क्रीम बेचने का काम करता था। एक दिन किसी ने उसे मुफ्त में आइस्क्रीम खिलाने को कहा। इस पर उसने कहा कि 'यदि पैगम्बर भी आ जाएं तो भी मुफ्त में आइस्क्रीम नहीं देगा।' यह बात बगल से गुजर रहे तीन लोगों ने सुन ली। वे लोग उसे पकड़कर ले गए और बुरी तरह पीटा। कुछ देर बाद उन लोगों ने उसे उसी जगह लाकर पटक दिया। कता चिख रहा था, लेकिन उन पर उसकी चीख का कोई असर नहीं हुआ। बेटे की चीख सुनकर उसकी मां दौड़ती हुई वहां आई और उन तीनों से उसकी जान की भीख मांगने लगी। लेकिन उन दरिन्दों ने एक मां की चीख भी अनसुनी कर उसके बेटे की गोली मार कर हत्या कर दी।
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