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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी द्वारा सहारनपुर दंगे की जांच के लिए गठित छ: सदस्यीय समिति ने पूर्व विधायक अमित अग्रवाल के नेतृत्व में 30 जुलाई को सहारनपुर पहुंचकर जांच की और पीडि़तों एवं अधिकारियों से हाल जाना।
समिति ने सबसे पहले इस दंगे में मारे गए 56 वर्षीय व्यापारी नेता हरीश कोचर के नुमाइश कैंप स्थित आवास पर जाकर परिजनों से मुलाकात की। परिजनों ने समिति से मांग की है कि हरीश कोचर की हत्या करने वाले बदमाशों को गिरफ्तार कर मौत की सजा दिलाई जाए।
समिति के सदस्यों ने अंबाला रोड स्थित दुकानों में दंगाइयों द्वारा की गई भीषण आगजनी और नुकसान का जायजा लिया। समिति के सदस्य गुरुद्वारे में गए। उन्होंने गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष बलवीर सिंह धीर एवं अन्य पदाधिकारियों से बातचीत की। सिखों ने समिति से शिकायत की है कि पुलिस ने दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने में भारी विलंब किया और जिला पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति बिगड़ने के पांच घंटे बाद कर्फ्यू घोषित किया। सिखों ने समिति से मांग की कि केंद्र सरकार हिंदुओं की दुकानों और प्रतिष्ठानों को हुए नुकसान की भरपाई करे। उन्होंने संपत्ति और दुकानांे को लूटने वाले उपद्रवियों के घरों की तलाशी लिए जाने, माल बरामद किए जाने और साथ ही उनकी गिरफ्तारी की भी मांग की है। समिति के सदस्यों ने पीडि़तों का हाल जानने के बाद उप पुलिस महानिरीक्षक एन. रविंद्र, जिलाधिकारी संध्या तिवारी एवं एसएसपी राजेश पाण्डे से भेंट की। समिति ने इन अधिकारियों के समक्ष पीडि़तों की शिकायतें दूर करने और उनकी सभी मांगों को पूरा करने का मुद्दा जोरदार ढंग से रखा।
चाहे लखनऊ का मामला हो या फिर मुजफ्फरनगर और अब सहारनपुर का, सबके लिए आजम खां जिम्मेदार हैं। एक मंत्री की मनमानी प्रदेश की जनता अपना सुख-चैन खोकर झेल रही है।
-लक्ष्मीकांत वाजपेयी, अध्यक्ष, भाजपा, उत्तर प्रदेश
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