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भारतीय किसान संघ ने खेतों में जी.एम. बीजों के परीक्षण का भारी विरोध किया है। उल्लेखनीय है कि पर्यावरण मंत्रालय की एक समिति 'जेनेटिक इंजीनियरिंग एप्रूवल कमेटी' ने खेतों में जी.एम. बीजों के परीक्षण की अनुमति दी है। जिन फसलों के जी.एम. बीजों के परीक्षण की अनुमति दी गई, उनमें धान, चना, बैंगन सहित 16 फसल शामिल हैं।
जी.एम. बीजों को स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं माना जाता है। भारतीय किसान संघ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है। इस स्थिति में परीक्षण की अनुमति देना ठीक नहीं है। किसान संघ का यह भी कहना है कि न्यायालय की विशेषज्ञ समिति ने इस पर नकारात्मक टिप्पणी की है और पिछली सरकार के समय संसद की स्थाई समिति ने भी इस परीक्षण का विरोध किया था। इसलिए पिछली सरकार ने इस मुद्दे पर अपने हाथ खींच लिए थे।
किसान संघ ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि मंजूरी समिति को तुरन्त भंग किया जाए और परीक्षण पर भी तत्काल रोक लगाई जाए। -प्रतिनिधि
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