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17 जून को मलेशिया का एक यात्री विमान एमएच-17 पूर्वी यूक्रेन के आसमान पर मिसाइल हमले का शिकार हो गया। विमान का मलवा रूस की सीमा से सटे यूक्रेन के ग्राबोवो इलाके में गिरा। शायद यह दुनिया में पहली ऐसी घटना है, जिसमें किसी यात्री विमान को आसमान पर ही मार गिराया। 30 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा यह विमान नीदरलैण्ड की राजधानी एम्सटर्डम से क्वालालाम्पुर जा रहा था। इसमें सवार चालक दल के 15 सदस्यों और 280 यात्रियों की मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी 8 मार्च को मलेशिया का एक यात्री विमान एमएच-370 हिन्द महासागर के ऊपर से लापता हो गया था। इसमें 239 लोग सवार थे। अभी तक इस विमान की कोई जानकारी नहीं मिली है। इस विमान को खोजने के लिए कई देशों ने खोजी अभियान चलाया,पर किसी नतीजे पर अभी तक नहीं पहंुचा जा सका है।
पूर्वी यूक्रेन में विमान को मिसाइल से मार गिराने में कौन लोग शामिल हैं,यह तो जांच से ही पता चलेगा, लेकिन एक सवाल दुनियाभर में उठ रहा है कि आखिर आसमान पर मलेशियाई विमान ही निशाने पर क्यों हैं? विमान पर पूर्वी यूक्रेन के जिस हिस्से से मिसाइल दागी गई है,वह रूस समर्थक विद्रोहियों का इलाका है। इस इलाके में यूक्रेनी सेना और विद्रोहियों के बीच महीनों से संघर्ष चल रहा है। ये विद्रोही यूक्रेन की सेना पर भी मिसाइल से हमले करते रहे हैं। इसीलिए कई देशों ने अपनी विमानन कम्पनियों को हिदायत दी है कि यूक्रेन के हवाई मार्ग का इस्तेमाल न करें। इसके बावजूद यूक्रेन के हवाई मार्ग का इस्तेमाल हो रहा है। यूक्रेन की सरकार ने घटना की जांच का आदेश देते हुए कहा कि इसमें विद्रोही गुट का हाथ हो सकता है, लेकिन विद्रोही गुट ने तुरन्त इस आरोप का खण्डन किया है। मलेशिया सरकार ने भी इस घटना की जांच का आदेश दिया है।
-प्रस्तुति : अरुण कुमार सिंह
गोलीबारी गाजा में, हंगामा भारत में
फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास की करतूतों की कीमत गाजा के आप नागरिक अपनी जान से चुका रहे हैं। हमास के द्वारा तीन इस्रायली युवकों की हत्या के बाद इस्रायली सेना गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर मिसाइल दाग रही है। इधर भारत में इस्रायल के हमलों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। संसद में सेकुलर दलों के नेताओं ने मांग की कि इस्रायल के मुद्दे पर बहस हो और उसकी निन्दा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया जाए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि ऐसा करने से मित्र देशों के बीच गलत सन्देश जाएगा। इसके बावजूद राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने बहस की अनुमति दे दी।
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