भारतीयता से दूर होता समाज
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आज बलात्कार की खबरों से सभी समाचार पत्र भरे रहते हैं, जिसके कारण नारी जाति में पुरुष वर्ग के प्रति दुर्भावना और अविश्वास बढ़ता जा रहा है। कड़े कानूनों के बाद भी बलात्कार की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। उत्तर प्रदेश में आए दिन महिलाओं और बेटियों के साथ हो रही बलात्कार की घटनाओं की विदेशों तक में निंदा हो रही है, जिसके कारण इस देश की छवि धूमिल हो रही है। लेकिन इस प्रकार की घटनाओं की तह में जाएं तो स्पष्ट होता है कि ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं? तो पता चलता है कि जब देश आजाद हुआ था तो उस समय लोगों में नैतिकता थी। लोग महिलाओं और बेटियों को सम्मान की नजरों से देखते थे। उसके पीछे कारण था कि स्कूलों में रामायण, गीता तथा कबीर के प्रेरणादायी दोहे पढ़ाये जाते थे। पर कुछ ही दिन बाद एक षड्यंत्रपूर्ण तरीके से हिन्दू विरोधी नेताओं और लोगों ने सेकुलरिज्म के नाम पर अहिंसा और आत्म संयम की शिक्षा देने वाले सनातन धर्म को साम्प्रदायिक कहकर उसकी निंदा करके उसे रद्दी की टोकरी में फेंक दिया और हिंसा व धार्मिक घृणा का पाठ पढ़ाने वाली कुरान व बाइबिल को सेकुलर कहकर बच्चों को पढ़ाना प्रारम्भ कर दिया गया। इस प्रकार के कृत्य से हिन्दुओं का आत्म सम्मान नष्ट होता गया और जिसका परिणाम आज सामने है। आज कुछ लोगों द्वारा हिन्दू संस्कृति एवं धर्म को समाप्त करने का षड्यंत्र हो रहा है। बच्चों को कान्वेंट स्कूलों में बताया ही नहीं जा रहा है कि इस देश में स्त्री को सदैव देवी माना गया है। पाश्चात्य व्यवस्था को बढ़ावा देने वाले ये कान्वेंट स्कूल आज हमारी सभ्यता एवं संस्कृति को नष्ट करने पर तुले हुए हैं। जिस रक्षा बंधन पर बहनों से रक्षा सूत्र बंधवाते हैं और नवरात्रि पर कन्या पूजन करते हैं उसके पीछे की भावना को लुप्त कराने का कुचक्र इन कान्वेंट स्कूलों में रचा जा रहा है। इसे रोकने के लिए हिन्दू धर्म व संस्कृति के यम-नियम व संयम की शिक्षा देना होगा, उन्हें भारतीयता क्या है बतानी होगी। तभी इस प्रकार के कृत्यों पर लगाम लगेगी।
-आनंद शंकर पंडया
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अपने पहले मैच में, बन करके कप्तान
तीन शतक ऐसे जड़े, है दुनिया हैरान।
है दुनिया हैरान, विरोधी हक्के-बक्के
सभी दिशाओं में मारे हैं चौके-छक्के।
कह 'प्रशांत' है राजनीति की नव परिभाषा
बदल रहे हैं मोदी अब शासन की भाषा॥
-प्रशांत
अपने पहले मैच में, बन करके कप्तान
तीन शतक ऐसे जड़े, है दुनिया हैरान।
है दुनिया हैरान, विरोधी हक्के-बक्के
सभी दिशाओं में मारे हैं चौके-छक्के।
कह 'प्रशांत' है राजनीति की नव परिभाषा
बदल रहे हैं मोदी अब शासन की भाषा॥
-प्रशांत
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