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विगत 3 वषार्ें से संसाधनों के अभाव से जूझ़ती अर्थव्यवस्था विरासत प्राप्त होने पर भी, केन्द्रीय बजट में समाज के सभी वगार्ें के लिए संसाधनों के आवंटन व राहत के पर्याप्त प्रावधान, इस बजट की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। अनुसूचित जाति व जनजाति वगार्ें के कल्याण के लिए अनुसूचित जाति योजना के अन्तर्गत 50,548 करोड़ रुपए एवं जनजाति योजना के अन्तर्गत 32,387 करोड़ रुपए के प्रावधान के साथ अनुसूचित जाति के उद्यमिता संवर्धन हेतु 200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान और वनबन्धु कल्याण योजना के अन्तर्गत 100 करोड़ रुपए के अतिरिक्त आवंटन से एक सशक्त व नवीन पहल की गई है। इसी क्रम में, गांवों के शहरीकरण के लिए व वहां नगरीय स्तर की सुविधाएं सुलभ कराने के लिए 'श्यामा प्रसाद मुखर्जी शहरीकरण मिशन' के अधीन प्रस्तावित योजना गांवों मे निवास करने वाले वर्ग को समुचित सुविधाएं प्रदान करेगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रांे में सभी घरों को 24 घण्टे बिजली की आपूर्ति सुलभ करने के लिए 'दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना' के अन्तर्गत घरों की आपूर्ति लाइनों के पृथक्करण और बिजली की आपूर्ति मंे सुधार के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान, ग्रामीण परिवारों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति की दिशा में प्रभावी प्रयास सिद्घ होगा और उन्हें वर्षभर 24 घण्टे बिजली की आपूर्ति सुलभ हो सकेगी। इसी प्रकार स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत 2019 तक प्रत्येक घर तक स्वच्छता की सुविधा ग्रामीण क्षेत्रांे मेें स्वास्थ्य व स्वच्छता के संवर्द्घन की दृष्टि से महत्वपूर्ण योजना है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से ग्रामीण गृह योजना के अधीन, ग्रामीण गृह विस्तार हेतु राष्ट्रीय आवास बैंक के लिए 8 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत 14 हजार 389 करोड़ रुपए का आवंटन, राष्ट्रीय ग्राम पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत 36 सौ करोड़ रुपए के आवंटन से ग्रामीणों को राहत मिलेगी।
देश में बड़ी संख्या में शिक्षित व अशिक्षित बेरोजगार हैं, वहीं दूसरी ओर कौशल के अभाव में अनेक कायार्ें के लिए हस्त-शिल्पी व कारीगर नहीं मिलते हंै। इस दृष्टि से देश की जनसंख्या के एक बड़े भाग को रोजगार में नियोजन योग्य बनाने के लिए 'दक्ष भारत' के नाम से विभिन्न प्रकार के हस्त-शिल्पांे यथा वेल्डिंग, सुथारी, जूता मरम्मत, भवन निर्माण कारीगर या राजमिस्त्री, लोहारी, बुनकर आदि का कौशल विकसित करने का जो राष्ट्रीय बहुदक्षता कार्यक्रम (मल्टी स्किल प्रोग्राम) प्रस्तावित किया है वह देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने मेें अत्यन्त प्रभावी सिद्घ होगा। बुनकरों के लिए 50 करोड़ रुपए के प्रावधान, ग्रामीण स्वरोजगार के लिए 'आजीवका' के नाम से महिला स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण उद्यमिता के विकास हेतु 100 करोड़ रुपए का प्रावधान नीरांचल के नाम से 'जल संग्रहण परियोजना' के लिए 2,142 करोड़ रुपए का प्रावधान जैसी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों मंे आम व्यक्ति में स्वावलम्बन विकसित का अच्छा आर्थिक परिवर्तन लाएगा।
मोदी सरकार के इस पहले बजट में महिला सुरक्षा पर 150 करोड़ रुपए की महिला सुरक्षा का प्रावधान और पब्लिक रोड ट्रांसपोर्ट पर प्रायोगिक परीक्षण परियोजना पर 50 करोड़ का प्रावधान और 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे कायार्ें पर 100 करोड़ रुपए का प्रावधान मातृशक्ति के प्रति परिवेदन क्षमता का परिचायक है। विकलांग व्यक्तियों के लिए समान अवसरों की रचना के प्रस्ताव और दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए ब्रेल लिपि में मुद्रण और ब्रेल लिपि वाले करेन्सी जैसे छोटे-छोटे वगार्ें पर केन्द्रित योजनाएं विभिन्न वगार्ें को उचित राहत देने वाली सिद्घ हांेगी। लोक कल्याण की दृष्टि से सर्वशिक्षा अभियान पर 28,600 करोड़ रुपए और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान पर 4, 966 करोड़ रुपए के प्रावधान जहां विद्यालयीन शिक्षा के स्तर में सुधार लाएंगे, वहीं 500 करोड़ रुपए के प्रस्ताव वाला पं़ मदनमोहन मालवीय नव अध्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षक गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 5 आईआईटी और 5 आईआईएम की स्थापना से ज्ञान आधारित क्षेत्रों में रोजगार के लिए जन संसाधनों की उपलब्धता बढ़ेगी। 4 अखिल भारतीय चिकित्सा संस्थानों के प्रस्ताव और 12 नए मेडिकल कॉलेज भी मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देंगे। नदी जोड़ो परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान अन्तत: देश में नदी जोड़ने की क्रान्तिकारी योजना के लिए नींव का पत्थर सिद्ध होगा।
लेखक आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ और पैसेफिक विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.) के कुलपति हैं
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