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भारत ने अंतरिक्ष तकनीक में नई कामयाबी हासिल करते हुए गत 30 जून को पीएसएलवी सी-23 रॉकेट के जरिए चार विकसित देशों के पांच उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिए। इसरो की यह पूर्णत: वाणिज्यिक उड़ान थी, इसमें कोई भारतीय उपग्रह नहीं था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अंतरिक्ष केन्द्र के मिशन नियंत्रण कक्ष में मौजूद थे। रॉकेट पीएसएलवी सी-23 ने नियत समय सुबह 9 बजकर 52 मिनट पर उड़ान भरी और बादलों को चीरते हुए अंतरिक्ष में पहंुचा। प्रक्षेपण सटीक रहा और नियत मार्ग पर चलते हुए अनुमानित समय में एक-एक कर पांचों विदेशी उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया गया। जैसे ही रॉकेट ने उड़ान भरी समूचा अंतरिक्ष केन्द्र तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने मिशन कंट्रोल रूम में मौजूद लॉचिंग टीम के वैज्ञानिकों से हाथ मिलाकर सफलता पर उन्हें बधाई दी। उन्होंनेे कहा कि यह भारत की अंतरिक्ष क्षमता का वैश्विक मान्यता का नमूना है। इस क्षेत्र में भारत दुनिया की बेहतरीन ताकत रखने वाले चुनिंदा देशों की कतार में है। भारत अपने प्राचीन ज्ञान-विज्ञान और आधुनिक विज्ञान के साथ भविष्य में और आगे बढ़ेगा।
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