अपनी बात: वादा है उनसे चांद का!
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अपनी बात: वादा है उनसे चांद का!

by
Jul 5, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 05 Jul 2014 13:36:50

 राजनीति में तुष्टीकरण के सेकुलर सौदागरों ने सिर्फ मुलमानों को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को बार–बार ठगा है। महाराष्ट्र में मराठा–मुस्लिम आरक्षण का शिगूफा भी इसी कड़ी में नई पहल है। इसके पीछे की राजनीतिक मंशा का दोमंुहापन दो घटनाओं से सामने आ जाता है। पहली घटना है मुंबई की, जहां एक प्रेस कान्फ्रेंस में सरकार प्रस्तावित आरक्षण को त्वरित प्रभाव से लागू करने की मुद्रा में दिखती है। दूसरी घटना उक्त निर्णय को न्यायिक चुनौती देने के बाद की है जब उच्च न्यायालय को महाधिवक्ता द्वारा जानकारी दी जाती है कि कैबिनेट के निर्णय पर सरकार का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।

वैसे, उत्तर प्रदेश विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में तुष्टीकरण की पिटी हुई गोटी खेलने वाली कांग्रेस यह जानती है कि उसका यह दांव इस बार भी पार्टी या मुसलमानों की स्थिति में परिवर्तन का कारक नहीं होने जा रहा। नारा उछालना और बात है, बात में दम होना और बात। दरअसल, मुस्लिम वोटों के सौदागर जानते हैं कि मजहबी कोटे का सिक्का उन्हें फौरी मुनाफा भले दे, संवैधानिक आधार पर, तार्किक आधार पर और तथ्यात्मक आधार पर खोटा ही साबित होगा।

संविधान के आधार और सवार्ेच्च न्यायालय के फैसलों के दर्पण में देखें तो यह व्यवस्था साफ–स्पष्ट तौर पर जातियों में बंटे समाज के वंचित वगार्ें को आगे लाने के लिए है। मुस्लिम हितों को पोसने के लिए नहीं। आंध्र प्रदेश का उच्च न्यायालय तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा मुस्लिमों को दिए गए 4.5 प्रतिशत आरक्षण को रद्द कर चुका है। वैसे भी इस बहस को आगे बढ़ाने का नैतिक अधिकार कांग्रेस नहीं रखती, क्योंकि ऐसा करते ही उसे पार्टी के पितृ–पुरुष, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की उस सोच को झुठलाना होगा जिसके अनुसार मजहब के आधार पर आरक्षण देने की बजाय समाज के मेधावी और सक्षम लोगों को पुरस्कृत कर आगे लाया जाना चाहिए। नेहरू की सोच में सभी नागरिकों के लिए ऐसी समान न्यायपूर्ण व्यवस्था की गूंज है, जो मजहबी आरक्षण की बजाय आर्थिक आधार पर कोटा तय किए जाने के ज्यादा करीब बैठती है। सवाल यह है कि सत्ता के लिए छटपटाती कांग्रेस नेहरू को कितना सुनना चाहती है!

तार्किक आधार पर देखें तो आरक्षण की सुविधा उन 'कथित' अल्पसंख्यकों के लिए नहीं है जो आबादी के लिहाज से संभवत: अल्पसंख्यक हैं ही नहीं। अल्पसंख्यकों को आबादी के आधार पर परिभाषित करने वालों से एक सवाल प. बंगाल जैसे उन राज्यों में पूछना चाहिए जहां मुसलमान कुल आबादी का चौथाई हिस्सा होने पर भी पिछड़े दिखते हैं, तो दूसरा सवाल कश्मीर घाटी के उन हिन्दू अल्पसंख्यकों के बारे में पूछना चाहिए जिनका कुल और समृद्धि सेकुलर राजनीति के पैरोकार खा गए।

तथ्यों के आधार पर देखें तो मुसलमानों को पिछड़े तबके का तमगा पहनाना गलत ही नहीं, बल्कि उन वंचितों के साथ घोर अन्याय है, जिनकी स्थिति इस समुदाय के मुकाबले आज भी अत्यंत खराब है। कुपोषण और रक्ताल्पता से लेकर हुनरमंदी और खुद के व्यवसाय तक के पैमानों पर मुस्लिम समाज की स्थिति देश के उस बड़े वर्ग के मुकाबले बहुत मजबूत है जिसके हिस्से का पोषण छीनने की बात तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले दल कर रहे हैं। आरक्षण की रेवड़ी बांटने से पहले होना यह चाहिए कि इसकी सिफारिश करने वाली जांच कमेटी की नीयत और प्रस्तुत तथ्यों की सत्यता को परख लिया जाए। सच्चर समिति की सिफारिशें मानने की दिशा में कोई भी कदम बढ़ाने से पहले इस बात की पुष्टि करना आवश्यक है कि कमेटी ने जांच क्या की और निष्कर्ष क्या निकाला? महाराष्ट्र में कांग्रेस के सियासीदांव को देखते हुए आज सच्चर कमेटी की

सिफारिशों का सच खंगालना जरूरी हो गया है।

वैसे, जाति–विहीन मजहब में शेख अगर आज भी जुलाहे को पास बैठाने के लिए तैयार नहीं हैं तो वास्तव में यह इस्लाम के ठेकेदारों की दिक्कत होनी चाहिए!! मगर पिटी हुई कांग्रेस वोट बैंक को रिझाने की खातिर वो पंसारी हो जाना चाहती है जिसके पास अंसारी के दर्द की भी दवा है और शेख को सियासत का मजा देते रहने का रास्ता भी। कांग्रेस की सियासत उसे मुबारक।

बहरहाल, तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले वे लोग, जो समग्र समाज के पुष्टिकरण की बात कभी नहीं चाहते, उन्हें एक सलाह है : अपने लाडले बच्चे को दूसरे की लॉलीपॉप बहुत दिखा ली, अब उसेे गोद से नीचे उतारो, वरना वह लार टपकाना और झुंझलाना भले सीखे, चलना और बाकी बच्चों से घुलना–मिलना कभी नहीं सीख पाएगा।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies