|
पटना के प्रख्यात चिकित्सक एवं विश्व हिन्दू परिषद्, बिहार प्रांत के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ़ एस़ एऩ आर्य द्वारा लिखित पुस्तक 'अनुभूतियां' का लोकार्पण गत दिनों पटना के आई़ एम़ ए़ हॉल में सम्पन्न हुआ। पुस्तक का लोकार्पण सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी एवं चर्चित साहित्यकार जियालाल आर्य ने किया। डॉ़ एस. एन. आर्य ने पुस्तक का परिचय देते हुए कहा कि यह मेरी आत्मकथा है। इसके माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को सन् 1947 के पूर्व से लेकर 2013 तक हुए सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक एवं चिकित्सकीय परिवर्तनों की जानकारी देने का प्रयास किया गया है। डॉ़ हेडगेवार एवं वीर सावरकर को अपना आदर्श मानने वाले डॉ़ आर्य ने कहा कि ऐसे महापुरुषों से आज की वर्तमान पीढ़ी को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। 82 वर्षीय डॉ़ आर्य ने बताया कि पुस्तक आज की पीढ़ी के लिए भी उपयोगी हो इसीलिए कई समसामयिक विषयों को भी इसमें जोड़ा गया है। कार्यक्रम में समाजसेवी डॉ़ अनिल सुलभ, वरिष्ठ साहित्यकार नृपेंद्र नाथ गुप्त एवं अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। सभी साहित्याकारों ने पुस्तक की भूरि-भूरि प्रशंसा की। नई दिल्ली में 10 जून को कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित पुस्तक 'अजन्मा अभिशाप' का लोकार्पण केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने किया। इस पुस्तक के रचयिता हैं अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डॉ. लोकेश मुनि। इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या केवल कानून से बन्द नहीं हो सकती है,इसके लिए समाज में जागरूकता फैलाने की भी जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ' को प्रमुखता दे रही है। डॉ. लोकेश मुनि ने कहा कि समाज में महिलाओं के विरुद्ध बढ़ रही घटनाएं चिन्ता का विषय हैं। लोगों को महिलाओं के प्रति अपना रवैया बदलने की आवश्यकता है। ल्ल प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ