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पाञ्चजन्य के पन्नों से
वर्ष: 8 अंक: 39 30 मई ,1955
गोवा में पुलिस कार्यवाही की जाय स्वतंत्रता की आग दमन से नहीं दबती
गोवा प्रश्न दलगत नहीं है
गोवा प्रश्न पर लगभग सभी राजनीतिक दल के नेताओं ने अपनी-अपनी राय प्रकट की। अन्त में कांग्रेस नेता को भी 25 मई को सांगली में अपनी राय देनी पड़ी। किन्तु खेद और आश्चर्य तो यह है कि जनसंघ और से. बापट को छोड़ सब नेताओं की राय में स्पोष्टोक्ति नहीं। और इससे भी बढ़कर पं. नेहरू एवं श्री ढेबर का कथन तो हास्यास्पद ही है।
पुर्तगाली सरकार भारत स्थित अपने उपनिवेशों से अधिकाधिक चिपकने का प्रयत्न कर रही है। गोवा,दमन एवं दीव की बस्तियों में कड़ी सैनिक व्यवस्था की गई है। नए नए विमान तल बनाए जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संगठनों का समर्थन भी प्राप्त करने का पुर्तगालियों की ओर से प्रयत्न किया जा रहा है। अभी कुछ दिनों पूर्व का समाचार है कि पुर्तगाली विदेश मंत्री डॉ पालो कुनहा ने अतलांतिक परिषद के सदस्य देशों को भारत स्थित पुर्तगाली बस्तियों की स्थिति से अवगत कराया।…
इस स्थिति में क्या पुर्तगाली साम्राज्यवाद भारत भूमि पर अधिक दिनों तक टिक सकता है?क्या भारतवासी दासता के कलंक को अधिक दिनों तक लगा रहने दे सकता है? पुर्तगाली बस्तियों के मुक्ति के दिन निकट आते जा रहे हैं। इतिहास बताता है कि स्वतंत्रता की आग अत्याचार और दमन से नहीं दबाई जा सकती।… यहां हम सरकार को बता देना चाहते हैं कि यह दलगत प्रश्न नहीं है। सारा देश एक मत है एवं सभी दलों के नेता इस आंदोलन में एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में कांग्रेस की एवं भारत सरकार की यह निष्क्रियता न केवल अशोभनीय है बल्कि देश के लिए हानिकारक भी है। भारत की जनता प्रत्येक कीमत पर पुर्तगाली बस्तियों पर भारतीय आकांक्षाओं का प्रतीक राष्ट्रध्वज लहराने के लिए कटिबद्ध है!
बिहार में गोहत्या बन्द हो
शीघ्र सत्याग्रह किया जाएगा
लाला हरदेव सहाय जी ने राष्ट्रपति को निम्नलिखित पत्र लिखा:
श्रद्धेय श्री राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद जी
भगवान आपको चिरायु करे। आप अपने सम्मुख देश भर से गोहत्या का कलंक दूर होते देखें तथा सरकार और जनता मिलकर गोसंवर्धन द्वारा प्रर्याप्त दूध और बैल उत्पन्न करने पर ध्यान दे। बिहार आप जैसे महापुरुष की जन्मभूमि,महात्मा बुद्ध और भगवान महावीर जैसे अंहिसा के आचायोंर् का कर्म-स्थल और अहिंसा धर्मी अशोक का राज्य रहा है, पर दुख के साथ कहना पड़ता है कि बिहार आज गोहत्या में अग्रणी बना हुआ है … आपने 3 मार्च 51 को हिसार की पशु प्रदर्शनी में भाषण देते हुए कहा था कि हिंदुस्थान में गायों के लिए ऐसी धार्मिक भावना है कि उनको मारना लोग पसंद नहीं करते और इस चीज को वो बर्दाशत नहीं कर सकते। इसलिए यह जो बहादुरी की सलाह कभी-कभी दी जाती है जितने खराब जानवर हैं उनको खत्म कर दिया जाय मैं समझता हूं कि इसमें बहादुरी ज्यादा है बुद्धि नहीं …
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