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नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पाकिस्तान के कट्टरवादी तत्वों के पेट में सबसे अधिक दर्द हो रहा है। इन्हीं लोगों ने पहले नवाज शरीफ को भारत न जाने की सलाह दी,पर नवाज ने उनकी सलाह नहीं मानी और वे नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उनकी नरेन्द्र मोदी के साथ बड़ी अच्छी बात भी हुई। यह बात कट्टरवादी तत्वों को अच्छी नहीं लगी। अपनी खीझ उतारने के लिए इन तत्वों ने 28 मई को पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त की असेम्बली में नरेन्द्र मोदी के विरोध में एक प्रस्ताव पेश किया। विपक्ष के नेता महमूदुर रशीद द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि मोदी ने पाकिस्तान पर सीमा पार से आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया है। इसलिए प्रस्ताव पारित कर उनकी निन्दा की जाए। हालांकि असेम्बली के अध्यक्ष राणा इकबाल ने इस प्रस्ताव पर बहस की अनुमति नहीं दी। इसके बाद पूरे विपक्ष ने अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि वे नरेन्द्र मोदी का पक्ष ले रहे हैं। इन लोगों ने असेम्बली के अन्दर ही भारत और नरेन्द्र मोदी के विरोध में नारे लगाए और बाहर चले गए। यह भी कहा कि भारत, पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकवादियों को मदद देना बन्द करे और कश्मीर से अवैध कब्जा हटाए। उल्लेखनीय है कि पंजाब प्रान्त में नवाज शरीफ के भाई शाहबाज मुख्यमंत्री हैं।
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