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आज भारतीय विज्ञापन उद्योग एक व्यवसाय का रूप धारण कर चुका है। देश की अर्थव्यवस्था में भी इसका योगदान बढ़ता जा रहा है। बदलते परिदृश्य के मद्देनजर विज्ञापन का क्षेत्र मार्केटिंग का ही एक हिस्सा बन चुका है। किसी भी उत्पाद को बढ़ाने के लिए विज्ञापन का सहारा लिया जाता है। आपका उत्पाद चाहे कितना ही अच्छा क्यों न हो, यदि उसका सही तरीके से विज्ञापन नहीं हो रहा है तो फायदे की उम्मीद करना बेमानी है। सही विज्ञापन के लिए जरूरी है कि आप आम आदमी से जुड़कर उनकी जरूरतों को समझें। उनकी सोच जब आपके समझ में आ जाएगी तो विज्ञापन बढि़या बनेगा। सृजनात्मकता के साथ-साथ इसमें निरंतर पढ़ते व सीखते रहना बहुत जरूरी है।
– नम्रता सूरी, डायरेक्टर/चेयरपर्सन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवर्टाइजिंग, नोएडा
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