पाञ्चजन्य के पन्नों सेवर्ष: 8 अंक: 38 16 मई ,1955

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दिंनाक: 31 May 2014 14:24:20

निकोवाल हत्याकांड 'एक चुनौती'

आक्रामक पाकिस्तान के हौसले पस्त करो

गत शनिवार को निकोवाल क्षेत्र में धोखे से भारत के 12 सैनिक तथा असैनिक कर्मचारियों की पाकिस्तानी फौज द्वारा हत्या करना,v आक्रमणकारी पाकिस्तान की भारत के विरुद्ध योजनापूर्वक अपनाई गई युद्ध-नीति की सबसे ताजी कड़ी है।
साथ ही इस क्रू र,दानवी तथा आक्रामक कृत्य पर पाकिस्तान की ओर से दिया गया स्पष्टीकरण, जिसमें भारतीय भूमि पर अधिकार संबंधी झगड़े को इस संघर्ष का कारण बताया गया है और भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान को हमेशा की तरह इस बार कड़ा कागदी प्रोटेस्ट,भारत सरकार की पाकिस्तान विषयक गलत एवं आमूल विनाशकारी नीति का एक और उदाहरण है।

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31 अक्तूबर 1948 ठीक उसी समय जब की भारतीय फौजें बर्बर पाकिस्तानियों को खदेड़ रही थीं और कुछ घंटों में ही संपूर्ण कश्मीर आक्रमणकारियों से खाली हो जाने वाला था तब भारत के प्रधान मंत्री श्री नेहरू ने अपने अभिन्न साथी स्व.आयंगर की बात न मानकर युद्ध-बन्दी का गलत कदम उठाया ,और उसके बाद भारतीय जनता और लोकसभा में बिना अनुमति लिए कश्मीर के घरेलू मामले को यू.एन.ओ. के बाजार में रख आए,उस गलत कदम के ही ये परिणाम हैं कि आजाद कश्मीर के नाम से भारतीय भूमि पर कब्जा किए पाकिस्तानी आक्रमणकारी गत सात 7 वर्षों से बैठा है। मनमाने षडयंत्र करता है। इच्छा आए तब भारतीय सीमा में घुसकर आक्रमण और लूट-पाट करता है,अवैधानिक ढंग से तस्कर व्यापार को भड़का कर भारत की आर्थिक दुरावस्था के जाल रचता है,सबसे उपर उस प्रदेश पर जहां वह आक्रमणकारी घोषित किया गया है अपना अधिकार बताने की हिम्मत करता है और यू.एन.ओ. के बाजार के दलाल पर्यवेक्षक बने उसके साथ सौदे करते हैं।…स्वर्गीय डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अनेकों बार लोकसभा में प्रधानमंत्री श्री नेहरू से मांग की,उत्कृष्ट दलिलों से उन्हंे निरुत्तर कर दिया कि पाकिस्तान के प्रति भारत सरकार की नीति में परिवर्तन लाया जाय किन्तु नेहरूजी ने सदैव देशभक्त को शत्रु और देशद्रोही को मित्र समझने की जिद का परित्याग नहीं किया।

दिल्ली में पाक दूतावास के समक्ष

जनसंघ के 2 हजार कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन

मंगलवार दि.10 को दिल्ली जनसंघ ने 'निकोवाल हत्याकांड'के प्रति अपना रोष प्रगट करने के लिए एक विराट जुलूस का आयोजन किया था। जुलूस रिगल पार्क से प्रारम्भ होकर शहर के प्रमुख मार्ग से होकर पाकिस्तानी दूतावास की ओर बढ़ा। इस जुलूस में लगभग 2000 प्रदर्शन कारी, बड़े-बड़े पोस्टर लिए गगनभेदी नारे लगा रहे थे जुलूस का नेतृत्व जनसंघ के संसदीय सदस्य बॅ.त्रिवेदी तथा जनसंघ के मंत्री श्री अटल बिहारी जी कर रहे थे। 16-5-1955

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