राज्य समाचार: कांग्रेस-राकांपा नेताओं को पटखनी
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महाराष्ट्र में 48 में से 42 लोकसभा सीट जीतकर भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने पहली बार राज्य के सत्ताधारी कांग्रेसी गठबंधन को करारी मात देकर अप्रत्याशित जीत हासिल की है। मंंुबई और विदर्भ की सभी सीटें जीतकर इस गठबंधन ने कांग्रेस व उसके सहयोगियों को कहीं का नहीं छोड़ा है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन में लोकसभा चुनाव हारने वालों में प्रमुख रूप से सुशील कुमार शिंदे, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, सुनील तटकरे, पदमसिंह पाटिल और माणिकराव गावित शामिल हैं। दरअसल चुनाव के अंतिम चरण में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव से पूर्व भिवंडी के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में भाषण के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को महात्मा गांधी की हत्या का जिम्मेदार बताया था। इसका परिणाम यह निकला कि पहली बार भाजपा भिवंडी में जीत गई। वहीं कांग्रेस-राकांपा प्रत्याशियों की सभा में जाने से सोनिया गांधी ने मना कर दिया। उसके बाद राहुल गांधी और शरद पवार भी सोनिया की राह पर चल पड़े। इसके चलते मंुबई की सभी 7 सीटों पर कांग्रेस गठबंधन को मुंह की खानी पड़ी। इसी तरह शरद पवार का गढ़ माने जाने वाले पुणे में भी उनकी बेटी सुप्रिया सुले भी जैसे-तैसे अपनी सीट बचा पाई हैं। यहां तक कि केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को उनके गढ़ सोलापुर से मतदाताओं ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। कांग्रेस-राकांपा को हराने वाले भाजपा-शिवसेना प्रत्याशियों ने भारी मतों से विजय प्राप्त की है।
कारों में काटा जा रहा है गायों को
उजागर हुई मराड नरसंहार की सच्चाई
लहराया भाजपा का परचम
आलू के बोरों की आड़ में गायों की तस्करी
आनंदी बेन-कर्म ही पूजा है
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यही नहीं महाराष्ट्र में आआपा और मनसे का जादू भी नहीं चल सका। भाजपा नेता नितिन गडकरी को चुनौती देने वाली अंजली दमानिया को मात्र 40 हजार मत मिल सके, जबकि गडकरी ने दो लाख से अधिक मतों से जीत प्राप्त की। आयकर विभाग ने भी चुनाव परिणाम जारी होने से पहले साफ कर दिया था कि गडकरी के खिलाफ दायर आयकर भुगतान के मामलों में कोई तथ्य नहीं मिला है। हार के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस के प्रमुख नेता नारायण राणे ने अपने सभी पदों से इस्तीफा देते समय राजनीतिक प्रतिद्वद्वियों व विरोधियों को देख लेने की बात अपने भाषण में कहकर सत्ताधारी कांग्रेस गठबंधन की दुविधा को और भी बढ़ा दिया है।
-द.वा. आंबुलकर
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